Monday, December 23, 2024

Buy now

spot_img
spot_img

Chaturakshar Lakshmi Beej Mantra- Abundance & Happiness

चतुरक्षर लक्ष्मी बीज मंत्र: कैसे पाएं महालक्ष्मी की कृपा और भौतिक सुख?

चतुरक्षर लक्ष्मी बीज मंत्र (4 अक्षर वाला लक्ष्मी का बीज मंत्र)—“॥ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं॥”—अर्थात ऐश्वर्य, समृद्धि, बुद्धि, और स्फूर्ति का प्रतीक है। यह मंत्र महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का अत्यंत प्रभावशाली साधन है। इसके जप से साधक को भौतिक सुख, आत्मिक शांति, ज्ञान और आकर्षण क्षमता जैसी अनेक दिव्य लाभ प्राप्त होते हैं। इस मंत्र के नियमित जप से सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो जीवन में आनंद और संतोष भर देती है।

विनियोग मंत्र व उसका अर्थ

विनियोग मंत्र साधना को पूर्णता प्रदान करता है। यह मंत्र जप के उद्देश्य को स्पष्ट करता है और साधक के संकल्प को दृढ़ करता है।

विनियोग मंत्र:

“ॐ अस्य श्री महालक्ष्मी चतुरक्षर मंत्रस्य, विष्णु ऋषिः, गायत्री छन्दः, महालक्ष्मी देवता।”
अर्थ: इस मंत्र का ऋषि विष्णु हैं, छंद गायत्री है और देवता महालक्ष्मी हैं।

दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र दसों दिशाओं से आने वाली नकारात्मक शक्तियों को रोकने के लिए होता है।

दिग्बंधन मंत्र:

“ॐ भद्रं कर्णेभिः श्रृणुयाम देवा, भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः।”
अर्थ: इस मंत्र से दिशाओं की शुद्धि होती है, और साधक का संकल्प मजबूत होता है।

चतुरक्षर लक्ष्मी बीज मंत्र का संपूर्ण अर्थ

‘शारदा तिलक’ के अनुसार…

“॥ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं॥” का प्रत्येक शब्द अपने आप में शक्तिशाली है।

  • ऐं: बुद्धि का प्रतीक है।
  • श्रीं: लक्ष्मी की कृपा का प्रतीक है।
  • ह्रीं: आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है।
  • क्लीं: आकर्षण और सफलता का प्रतीक है।

चतुरक्षर लक्ष्मी बीज मंत्र के लाभ

  1. भौतिक सुख
  2. ज्ञान की प्राप्ति
  3. सही निर्णय लेने की क्षमता
  4. मान-सम्मान
  5. आकर्षण क्षमता
  6. आर्थिक स्थिरता
  7. शारीरिक स्वास्थ्य
  8. मानसिक शांति
  9. परिवार में समृद्धि
  10. करियर में उन्नति
  11. आत्मविश्वास में वृद्धि
  12. समाज में प्रतिष्ठा
  13. लक्ष्य प्राप्ति में सहायता
  14. सामाजिक समर्थन
  15. रिश्तों में मिठास
  16. आत्मिक संतोष
  17. अध्यात्मिक ज्ञान
  18. सकारात्मक ऊर्जा

जप काल मे इन चीजों के सेवन ज्यादा करे

जप काल में सात्विक आहार का सेवन करना शुभ माना गया है। इससे शरीर और मन की शुद्धि बनी रहती है और साधना अधिक प्रभावशाली होती है। जप के दौरान निम्नलिखित चीजों का सेवन अधिक करना चाहिए:

  1. तुलसी: तुलसी का सेवन जप काल में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है और मन को शांत रखता है।
  2. फल: ताजे फलों का सेवन शरीर को ऊर्जा देता है और मानसिक शांति बनाए रखता है।
  3. दूध और दूध से बने पदार्थ: दूध और उससे बने पदार्थ सात्विक माने जाते हैं। इनसे शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।
  4. मेवा: बादाम, अखरोट, किशमिश जैसे सूखे मेवे मस्तिष्क को ऊर्जा देते हैं और ध्यान केंद्रित करने में मदद करते हैं।
  5. जल: अधिक मात्रा में जल पीना जप के दौरान आवश्यक है, यह शरीर की शुद्धि में सहायक होता है।
  6. शहद: शहद का सेवन भी जप काल में लाभकारी माना गया है। यह मानसिक और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाता है।
  7. घी: देसी घी का सेवन मन को स्थिरता और सकारात्मकता देने में मदद करता है।

इन सात्विक चीजों का सेवन मंत्र जप के दौरान करने से साधक को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्धि मिलती है और साधना का प्रभाव बढ़ता है।

Get deeksha

चतुरक्षर लक्ष्मी बीज मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: 18 वर्ष या अधिक
  2. समय: प्रतिदिन 10 मिनट
  3. लिंग: स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकते हैं।
  4. वस्त्र: ब्लू या ब्लैक कपड़े न पहनें।
  5. नियम: धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से दूर रहें, साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें।

know more about tara beej mantra vidhi

जप सावधानी

मंत्र का जप प्रातः काल में या सूर्यास्त के समय करें। जप करते समय स्थिर मन से साधना करें, अनावश्यक विचारों से दूर रहें।

spiritual store

चतुरक्षर लक्ष्मी बीज मंत्र पृश्न-उत्तर

1. चतुरक्षर लक्ष्मी बीज मंत्र क्या है?

यह मंत्र “॥ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं॥” चार अक्षरों वाला लक्ष्मी बीज मंत्र है, जो देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।

2. यह मंत्र कौन जप सकता है?

18 वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति, चाहे स्त्री हो या पुरुष, इस मंत्र का जप कर सकता है।

3. इस मंत्र के प्रमुख लाभ क्या हैं?

इस मंत्र के लाभों में आर्थिक स्थिरता, मानसिक शांति, सम्मान, निर्णय लेने की क्षमता और आकर्षण शामिल हैं।

4. मंत्र का जप कब करना चाहिए?

इसका जप सुबह जल्दी या सूर्यास्त के समय करना सबसे शुभ माना गया है।

5. कितने समय तक जप करना चाहिए?

शुरुआत में प्रतिदिन 10 मिनट जप करना पर्याप्त है। धीरे-धीरे समय बढ़ाया जा सकता है।

6. क्या विशेष रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?

काले और नीले रंग के वस्त्र से बचना चाहिए। हल्के और स्वच्छ वस्त्र पहनना उत्तम होता है।

7. जप के दौरान किन चीजों का सेवन करना चाहिए?

सात्विक आहार, जैसे फल, जल और तुलसी का सेवन करना उचित है।

8. क्या जप के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है?

हां, इस मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करने की सलाह दी जाती है।

9. इस मंत्र का विनियोग मंत्र क्या है?

विनियोग मंत्र: “ॐ अस्य श्री महालक्ष्मी चतुरक्षर मंत्रस्य, विष्णु ऋषिः, गायत्री छन्दः, महालक्ष्मी देवता।”

10. क्या यह मंत्र मानसिक और आध्यात्मिक शांति देता है?

जी हां, इस मंत्र से मानसिक शांति और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त होता है।

11. दिग्बंधन मंत्र क्या है और क्यों जरूरी है?

दिग्बंधन मंत्र दसों दिशाओं की शुद्धि करता है और नकारात्मक ऊर्जा से बचाता है।

12. क्या मंत्र जप के दौरान मांसाहार और मद्यपान से बचना चाहिए?

हां, मांसाहार, मद्यपान और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।

spot_img
spot_img

Related Articles

KAMAKHYA SADHANA SHIVIRspot_img
PITRA DOSHA NIVARAN PUJANspot_img

Latest Articles

FREE HOROSCOPE CONSULTINGspot_img
BAGALAMUKHI SHIVIR BOOKINGspot_img
Select your currency