Tara beej mantra for sudden money
“माता तारा” महाविद्या मे दूसरी महाविद्या मानी जाती है. माता के इस एक अक्षर के बीज मंत्र का जप धन को आकर्षित करता है. इसलिये इनकी पूजा शेयर मार्केट , लॉटरी, सट्टा से जुडे लोग ज्यादा करते है. तारा बीज मंत्र, एक अत्यंत शक्तिशाली बीज मंत्र माना जाता है। ये बीज मंत्र तारा देवी की कृपा प्राप्त करने और उनकी आशीर्वाद से जीवन के विभिन्न संकटों को दूर करने में सहायक होता है।
तारा बीज मंत्र
॥स्त्रीं॥ ||STREEM||
ये एक अक्षत का बीज मंत्र नहुत ही शक्तिशाली माना जाता है, इसे नियमित रूप से जाप करना चाहिये।
तारा माता के बारे में
तारा माता को देवी दुर्गा का एक रूप माना जाता है। वे ज्ञान, समृद्धि, और सुरक्षा की देवी हैं। तारा माता का ध्यान और उपासना करने से व्यक्ति को मानसिक शांति, भौतिक सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। वे जीवन के कठिनाइयों से रक्षा करती हैं और साधक को सभी प्रकार की बुराइयों और बाधाओं से मुक्ति दिलाती हैं।
सामग्री
- तारा माता की मूर्ति या चित्र
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर)
- फूल और माला
- धूप और दीपक
- अगरबत्ती
- फल और मिठाई
- नारियल
- चंदन और कुमकुम
- तारा बीज मंत्र की पुस्तक या पृष्ठ
- पवित्र जल (गंगाजल)
- आसन (बैठने के लिए साफ कपड़ा)
दिन और मुहूर्त
तारा बीज मंत्र का जाप किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है। विशेष रूप से, शुक्ल पक्ष की नवमी, पूर्णिमा या अष्टमी तिथि को यह जाप अधिक फलदायी माना जाता है। शुक्रवार का दिन भी तारा माता की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
अवधि (Duration)
तारा बीज मंत्र का जाप कम से कम 108 बार रोजाना किया जाना चाहिए। साधक 21, 41, या 108 दिनों तक इस मंत्र का अनुष्ठान कर सकते हैं। इसका जाप नियमित रूप से करने से साधक को अधिक लाभ प्राप्त होता है।
लाभ (Benefits)
- संकटों से मुक्ति: तारा बीज मंत्र के जाप से जीवन में आने वाले सभी संकटों और कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस मंत्र का नियमित जाप साधक को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है।
- मानसिक शांति: तारा माता की कृपा से साधक को मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- सुरक्षा: तारा माता अपने भक्तों को सभी प्रकार की बुराइयों और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखती हैं।
- स्वास्थ्य: इस मंत्र का जाप करने से साधक का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और बीमारियाँ दूर होती हैं।
- धन-समृद्धि: तारा माता की कृपा से साधक को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- सुखी वैवाहिक जीवन: इस मंत्र का जाप करने से वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
- ज्ञान प्राप्ति: तारा माता की उपासना से साधक को ज्ञान और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
- कर्म बाधा निवारण: तारा बीज मंत्र के जाप से साधक के सभी कर्म बाधाओं का निवारण होता है।
- आत्मविश्वास वृद्धि: इस मंत्र का जाप करने से साधक का आत्मविश्वास बढ़ता है।
- समस्या समाधान: तारा माता की कृपा से जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मिलता है।
- मनोबल: इस मंत्र का जाप साधक के मनोबल को बढ़ाता है।
- संतान प्राप्ति: इस मंत्र का जाप करने से नि:संतान दंपतियों को संतान सुख प्राप्त होता है।
- दुश्मनों से रक्षा: तारा माता अपने भक्तों को दुश्मनों से सुरक्षित रखती हैं।
- भाग्य वृद्धि: तारा बीज मंत्र के जाप से साधक का भाग्य प्रबल होता है।
- शत्रु नाश: इस मंत्र का जाप करने से शत्रुओं का नाश होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: तारा माता की कृपा से साधक के चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- वाणी में मधुरता: इस मंत्र का जाप करने से साधक की वाणी में मधुरता आती है।
- मन की शुद्धता: तारा माता की कृपा से साधक का मन शुद्ध और पवित्र होता है।
- सफलता: इस मंत्र का नियमित जाप साधक को सभी कार्यों में सफलता प्रदान करता है।
सावधानियाँ (Precautions)
- शुद्धता: मंत्र जाप के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखें। पूजा स्थल और साधक का मन एवं शरीर पवित्र होना चाहिए।
- समय की पाबंदी: मंत्र जाप एक निश्चित समय पर ही करें, इससे तारा माता की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
- आसन: जाप करते समय हमेशा एक ही आसन का प्रयोग करें। इससे एकाग्रता बढ़ती है।
- संयम: मंत्र जाप के दौरान संयमित आहार और विचार रखें।
- विश्वास: तारा माता पर पूर्ण विश्वास और श्रद्धा के साथ मंत्र जाप करें।
- समर्पण: तारा माता के प्रति पूर्ण समर्पण भाव रखें।
- प्रणव ध्यान: मंत्र जाप से पहले और बाद में प्रणव (ॐ) का ध्यान करें।
- अनुष्ठान की समाप्ति: अनुष्ठान की समाप्ति पर तारा माता को विधिवत धन्यवाद और प्रार्थना करें।
- नियमितता: मंत्र जाप नियमित रूप से करें, बीच में बाधा न डालें।
- शांतिपूर्ण वातावरण: मंत्र जाप एक शांतिपूर्ण और स्वच्छ वातावरण में करें।
तारा बीज मंत्र का जाप तारा माता की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक सशक्त माध्यम है। यह मंत्र साधक को सभी प्रकार की बाधाओं और समस्याओं से मुक्त करता है और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति लाता है। तारा माता की उपासना से साधक का जीवन उज्जवल और कल्याणकारी होता है।