महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र: कृपा, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्ति का मार्ग
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति का एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र स्तोत्र है। यह स्तोत्र मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए पढ़ा जाता है और इसमें माता लक्ष्मी के दिव्य रूपों का उल्लेख होता है। इस स्तोत्र का जाप करने से साधक को असीमित धन, समृद्धि और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र – संपूर्ण स्तोत्र और अर्थ
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र एक पवित्र स्तोत्र है जिसे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए पढ़ा जाता है। यह स्तोत्र न केवल आर्थिक समृद्धि बल्कि मानसिक शांति, शत्रु नाश, और पारिवारिक कल्याण के लिए भी अत्यंत प्रभावी माना गया है। इसका पाठ सच्ची श्रद्धा और आस्था के साथ करने से साधक को सभी प्रकार की कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है और माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
संपूर्ण महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र व उसका अर्थ
विनियोग
ॐ अस्य श्रीमहालक्ष्मीपंजरस्तोत्रस्य इन्द्रसवण ऋषिः।
महालक्ष्मी देवता।
अनुष्टुप छन्दः।
श्रीमहालक्ष्मीप्रसादसिद्धयर्थे जपे विनियोगः।
ॐ नमो महालक्ष्म्यै।
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र का अर्थ
- “ॐ करारविन्देन पदारविन्दं, मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्। वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं, बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि॥”
मैं अपने मन में उस बाल मुकुंद का ध्यान करता हूं, जो वट के पत्ते पर लेटे हैं, जिनके कमल जैसे हाथ उनके चरणों को स्पर्श कर रहे हैं और जिनका मुख भी कमल के समान सुंदर है। - “श्रीमहालक्ष्म्यै नमः, कमलासनायै नमः, कमलकरायै नमः, वन्दितायै नमः।”
मैं मां महालक्ष्मी को नमन करता हूं, जो कमल पर विराजमान हैं, जिनके हाथ कमल के समान हैं और जो सभी के द्वारा वंदनीय हैं। - “ॐ करारविन्दं कमलासनस्थं, पद्मं मनोहारि सुपावनं च। सर्वोपद्रवमं ब्रह्मविघ्नं, सर्वमंगलमांगल्यमहं नमामि॥”
मैं उन मां लक्ष्मी को प्रणाम करता हूं, जिनके हाथों में कमल सुशोभित है, जो मन को मोहने वाली, सभी प्रकार की समस्याओं को दूर करने वाली, पवित्र और सभी शुभ कार्यों की दाता हैं। - “ॐ यः पठेत् स्तोत्रमेतद् दिव्यं, सर्वान् कामानवाप्नुयात्। धनधान्यं सुखं श्रीं च, लभेत् नात्र संशयः॥”
जो भी इस दिव्य स्तोत्र का पाठ करेगा, उसे सभी इच्छाओं की पूर्ति होगी। वह धन, अनाज, सुख और श्री प्राप्त करेगा। इसमें कोई संदेह नहीं है। - “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।”
मां महालक्ष्मी को मेरा प्रणाम, जो ह्रीं, श्रीं और क्लीं बीजमंत्रों से सुशोभित हैं। - “लक्ष्म्यै नमोऽस्तु सततं सुमनःप्रसन्नायै। सर्वविघ्नविनाशिन्यै महालक्ष्म्यै नमो नमः।”
मां लक्ष्मी को मेरा बारंबार प्रणाम, जो सदैव प्रसन्नचित्त हैं और सभी विघ्नों का नाश करने वाली हैं। - “ॐ नमो महालक्ष्म्यै, महासंपत्तिदायिन्यै, सर्वविघ्ननाशिन्यै, महालक्ष्म्यै नमो नमः॥”
मैं मां महालक्ष्मी को प्रणाम करता हूं, जो महान संपत्तियों की दाता और सभी विघ्नों को नष्ट करने वाली हैं।
ॐ तत्सत।
इस स्तोत्र के अर्थ में मां लक्ष्मी की कृपा, शांति, संपत्ति, और समृद्धि की कामना करते हुए उन्हें श्रद्धा से नमन किया गया है। इसे पढ़ने से साधक को जीवन में आर्थिक और मानसिक सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र के लाभ
- आर्थिक उन्नति
- सौभाग्य में वृद्धि
- मानसिक शांति
- कार्यों में सफलता
- व्यापार में वृद्धि
- पारिवारिक कल्याण
- सामाजिक प्रतिष्ठा में सुधार
- ऋण मुक्ति
- आध्यात्मिक विकास
- भौतिक सुख
- धन की निरंतर प्राप्ति
- शत्रुओं से रक्षा
- वैवाहिक जीवन में सुख
- बच्चों का कल्याण
- बुरी शक्तियों से रक्षा
- स्वास्थ्य लाभ
- मनोकामनाओं की पूर्ति
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र की विधि
आवश्यक सामग्री
- एक स्वच्छ पूजा स्थान
- सफेद या लाल पुष्प
- शुद्ध जल
- धूप और दीप
- पीले वस्त्र
दिन और अवधि
साधक इस स्तोत्र को शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन से शुरू करें और 41 दिनों तक नियमित इसका पाठ करें।
शुभ मुहूर्त
सुबह 6 बजे से 8 बजे के बीच महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र का पाठ सर्वोत्तम माना गया है।
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र के नियम
- पूजा और साधना गुप्त रखनी चाहिए।
- नित्य उसी स्थान पर साधना करें।
- शुद्ध और सात्त्विक भोजन करें।
- मन को एकाग्र रखें और सकारात्मक विचारों से ओतप्रोत रहें।
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र के दौरान आहार
स्तोत्र पाठ के समय, सात्त्विक और शुद्ध भोजन करना अत्यंत आवश्यक है। कुट्टू का आटा, चने की दाल, और हरी सब्जियां ग्रहण करना शुभ माना जाता है।
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महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र के दौरान सावधानियां
- पाठ के समय शुद्धता बनाए रखें।
- पाठ के दौरान किसी भी प्रकार की नकारात्मक सोच से बचें।
- इस प्रक्रिया में कोई भी अनावश्यक बातचीत न करें।
- अपने मन और शरीर को स्वच्छ रखें।
महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र से जुड़े प्रश्नों के उत्तर
1. क्या महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र विशेष लाभ प्रदान करता है?
उत्तर: जी हां, यह स्तोत्र धन, समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि करता है।
2. क्या महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र का पाठ रोजाना करना आवश्यक है?
उत्तर: हां, इसे 41 दिनों तक रोजाना पढ़ना चाहिए।
3. कौन से समय में पाठ करना उचित होता है?
उत्तर: सुबह 6 से 8 बजे का समय सबसे उत्तम माना जाता है।
4. क्या महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र का पाठ घर पर किया जा सकता है?
उत्तर: हां, घर पर इसे करना पूर्णतः शुभ और फलदायी होता है।
5. क्या पाठ के समय किसी विशेष प्रकार का भोजन करना चाहिए?
उत्तर: सात्त्विक भोजन करना चाहिए, जिससे मन और शरीर पवित्र बना रहे।
6. क्या स्तोत्र के दौरान किसी प्रकार की माला का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर: हां, कमलगट्टे की माला का प्रयोग करना लाभकारी होता है।
7. क्या स्तोत्र के पाठ को गुप्त रखना चाहिए?
उत्तर: हां, यह एक विशेष साधना है, इसलिए इसे गुप्त रखना चाहिए।
8. पाठ में कौन-से पुष्प का प्रयोग करें?
उत्तर: सफेद और लाल पुष्प का प्रयोग करना शुभ माना गया है।
9. क्या महालक्ष्मी पंजर स्तोत्र से ऋण मुक्ति मिल सकती है?
उत्तर: हां, इस स्तोत्र का पाठ करने से ऋण मुक्ति की प्राप्ति होती है।
10. क्या स्तोत्र का प्रभाव तत्काल दिखता है?
उत्तर: व्यक्ति की श्रद्धा और संकल्प पर निर्भर करता है, कुछ लाभ तत्काल दिख सकते हैं।
11. क्या कोई विशेष नियम पालन करना होता है?
उत्तर: हां, शुद्धता, संयम और नियमितता अत्यंत आवश्यक है।
12. क्या स्तोत्र का पाठ किसी भी दिन प्रारंभ किया जा सकता है?
उत्तर: शुक्रवार या पूर्णिमा से शुरू करना शुभ माना जाता है।