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Tripura Bhairavi Mantra- Divine Source of Focus and Strength

त्रिपुर भैरवी मंत्र: एकाग्रता और दिव्य शक्ति का अनुभव

त्रिपुर भैरवी मंत्र (॥हसैं हसकरीं हसैं॥) का उल्लेख तंत्र साधना में किया गया है, जो मन की एकाग्रता, साहस, और आत्मबल को बढ़ाता है। यह मंत्र न केवल मानसिक संतुलन प्रदान करता है, बल्कि आंतरिक शांति व आत्मा की शुद्धि में सहायक सिद्ध होता है।

त्रिपुर भैरवी मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

॥हसैं हसकरीं हसैं॥

त्रिपुर भैरवी मंत्र “॥हसैं हसकरीं हसैं॥” की गूढ़ता अत्यधिक शक्तिशाली है। “हसैं” का अर्थ है हंसने की अवस्था, जिसमें मन की नकारात्मकता दूर होती है। “हसकरीं” में क्रोध, चिंता व भय का नाश करने की क्षमता है। यह मंत्र महाविद्या देवी त्रिपुर भैरवी का आह्वान कर साधक को अपनी शक्तियों का बोध कराता है।

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त्रिपुर भैरवी मंत्र के लाभ

  1. मन पर नियंत्रण – यह मंत्र मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
  2. क्रोध पर नियंत्रण – साधक के क्रोध पर काबू पाने में सहायक।
  3. सहलशीलता – दयालु और संयमित बनाता है।
  4. एकाग्रता में वृद्धि – ध्यान में पूर्ण स्थिरता लाता है।
  5. कार्य में रुचि – हर कार्य में ध्यान लगाना सरल हो जाता है।
  6. शांति का अनुभव – आंतरिक और बाहरी शांति।
  7. तनाव से मुक्ति – मानसिक दबाव से राहत।
  8. साहस में वृद्धि – जीवन में नई ऊर्जा का संचार।
  9. विवेकशक्ति का विकास – सही निर्णय लेने की क्षमता।
  10. प्राकृतिक आकर्षण – साधक में आकर्षण का संचार।
  11. नेगेटिविटी का नाश – नकारात्मकता से दूरी।
  12. आध्यात्मिक उन्नति – आत्मा का उन्नयन।
  13. बाधाओं का नाश – जीवन के संघर्षों से मुक्ति।
  14. सकारात्मक ऊर्जा – सकारात्मक ऊर्जा की वृद्धि।
  15. स्वास्थ्य में सुधार – आंतरिक और बाहरी स्वास्थ्य।
  16. धैर्य और सहनशीलता – संयम व धैर्य में सुधार।

जप के दौरान सेवन करने योग्य आहार

त्रिपुर भैरवी मंत्र जप करते समय हल्के और सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए। फल, मेवे, और दूध का सेवन मन की एकाग्रता बढ़ाता है। मसालेदार, तले हुए या गरिष्ठ भोजन से बचें।

त्रिपुर भैरवी मंत्र जप के नियम

  • उम्र – जप के लिए 18 वर्ष से ऊपर की आयु होनी चाहिए।
  • समय – 10 मिनट रोज़ जप करें।
  • लिंग – स्त्री व पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
  • वस्त्र – ब्लू और ब्लैक रंग के कपड़े न पहनें।
  • परहेज – धूम्रपान, मद्यपान, और मासाहार न करें।
  • आचरण – जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप सावधानियाँ

त्रिपुर भैरवी मंत्र का जप करने के लिए शुक्रवार या अमावस्या का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। साधना के लिए सुबह 4-6 बजे का समय उपयुक्त है, जब वातावरण शांति से भरपूर होता है।

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त्रिपुर भैरवी मंत्र के प्रश्न और उत्तर

प्रश्न: त्रिपुर भैरवी मंत्र क्या है?
उत्तर: यह एक तांत्रिक मंत्र है जो देवी त्रिपुर भैरवी का आह्वान करता है।

प्रश्न: इस मंत्र के लाभ क्या हैं?
उत्तर: यह मानसिक शांति, क्रोध नियंत्रण, और आत्मबल में वृद्धि करता है।

प्रश्न: क्या किसी विशेष रंग का परहेज है?
उत्तर: हाँ, नीला और काला कपड़ा पहनने से बचें।

प्रश्न: मंत्र का जप कब करना चाहिए?
उत्तर: सुबह 4-6 बजे या अमावस्या को विशेष प्रभावी होता है।

प्रश्न: जप के लिए उपयुक्त आहार क्या है?
उत्तर: हल्का और सात्विक भोजन सर्वोत्तम है।

प्रश्न: क्या 18 वर्ष से कम आयु के लोग इसे जप सकते हैं?
उत्तर: नहीं, यह मंत्र केवल 18 वर्ष से ऊपर के लिए है।

प्रश्न: क्या धूम्रपान या मद्यपान की अनुमति है?
उत्तर: नहीं, जप काल में इनसे परहेज करना चाहिए।

प्रश्न: मंत्र का प्रभाव कितने समय में दिखता है?
उत्तर: नियमित अभ्यास से धीरे-धीरे सकारात्मक प्रभाव दिखने लगते हैं।

प्रश्न: क्या यह मंत्र साधारण व्यक्ति के लिए है?
उत्तर: हाँ, यह किसी भी साधारण व्यक्ति के लिए उपयुक्त है।

प्रश्न: क्या एक बार जप छोड़ने पर प्रभाव होता है?
उत्तर: निरंतरता आवश्यक है; छोड़ने से प्रभाव में कमी आ सकती है।

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