Aghor Gayatri Mantra for Peace & Protection
सुरक्षा के साथ मोक्ष प्रदान करने वाला अघोर गायत्री मंत्र एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है, जो भगवान शिव के अघोर रूप की स्तुति में जपा जाता है। इस मंत्र का उपयोग व्यक्ति के जीवन में सुरक्षा, शांति, शक्ति, और सफलता प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र साधना और तंत्र साधना में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मंत्र का जप विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है जो किसी प्रकार की तंत्र बाधा, शत्रु भय, या अन्य नकारात्मक ऊर्जाओं से पीड़ित होते हैं।
अघोर गायत्री मंत्र का अर्थ
अघोर गायत्री मंत्र का अर्थ इस प्रकार है:
मंत्र:
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे घोरेभ्यो धीमहि, तन्नो अघोरः प्रचोदयात्॥
अर्थ:
हम उस तत्पुरुष का ध्यान करते हैं जो घोरों (खतरनाक परिस्थितियों) से ऊपर है। हम घोर देवता की पूजा करते हैं, जो हमारे लिए अघोर रूप में प्रकट हो, हमें प्रेरणा दें और हमारी रक्षा करें।
इस मंत्र के तीन भाग हैं:
- ॐ तत्पुरुषाय विद्महे – हम उस परम पुरुष का ध्यान करते हैं।
- घोरेभ्यो धीमहि – जो सभी घोर (भयावह) स्थितियों से ऊपर है, उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- तन्नो अघोरः प्रचोदयात् – वह अघोर रूपी शिव देवता हमें प्रेरित करें और हमारे मार्गदर्शन करें।
अघोर गायत्री मंत्र के लाभ
अघोर गायत्री मंत्र के निम्नलिखित १५ लाभ होते हैं:
- आकर्षण शक्ति: इस मंत्र के नियमित जप से व्यक्ति में एक विशेष आकर्षण शक्ति विकसित होती है, जो उसे दूसरों के बीच अलग पहचान दिलाती है।
- पारिवारिक शांति: यह मंत्र परिवार में शांति और सौहार्द बनाए रखने में सहायक होता है। इसके जप से घर में कलह और विवादों का नाश होता है।
- घर की सुरक्षा: यह मंत्र घर को बुरी नज़र और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रखता है।
- व्यापार की सुरक्षा: व्यापारिक सफलता के लिए यह मंत्र अत्यधिक उपयोगी होता है। इसके जप से व्यापारिक क्षेत्र में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
- शत्रु से सुरक्षा: इस मंत्र के जप से शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है और वे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा पाते।
- सही निर्णय: यह मंत्र व्यक्ति को सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है, जिससे वह जीवन में सही मार्ग पर अग्रसर रहता है।
- तंत्र बाधा से सुरक्षा: इस मंत्र का जप तंत्र-मंत्र और काले जादू से सुरक्षा प्रदान करता है।
- आकर्षक व्यक्तित्व: इस मंत्र के जप से व्यक्ति का व्यक्तित्व आकर्षक बनता है, जिससे वह समाज में सम्मान और मान्यता प्राप्त करता है।
- धन लाभ: अघोर गायत्री मंत्र के जप से धन प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: यह मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है।
- मन की शांति: इस मंत्र के जप से मानसिक तनाव दूर होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है, जिससे जीवन में खुशहाली आती है।
- आत्मबल में वृद्धि: इस मंत्र के नियमित जप से आत्मबल में वृद्धि होती है और व्यक्ति आत्मविश्वास से भरपूर रहता है।
- सफलता प्राप्ति: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए यह मंत्र अत्यधिक प्रभावी होता है।
- दुष्ट आत्माओं से रक्षा: इस मंत्र का जप दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
अघोर गायत्री मंत्र विधि
अघोर गायत्री मंत्र का जप करने के लिए कुछ विशेष विधियों का पालन करना आवश्यक है:
- मंत्र जप का दिन और मुहूर्त:
- इस मंत्र का जप किसी शुभ दिन जैसे सोमवार, प्रदोष या अमावस्या से प्रारंभ करना चाहिए।
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) इस मंत्र का जप करने के लिए सबसे उत्तम समय होता है। इस समय में जप करने से मंत्र की शक्ति अधिक प्रभावी होती है।
- अवधि:
- इस मंत्र का जप कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए।
- मंत्र जप संख्या:
- इस मंत्र का जप प्रतिदिन 11 माला (1 माला = 108 मंत्र) अर्थात 1188 मंत्र करना चाहिए। इस प्रकार पूरे जप के दौरान कुल मंत्रों की संख्या 13068 होती है।
- सामग्री:
- इस मंत्र के जप के लिए सफेद चंदन की माला का प्रयोग किया जा सकता है।
- जप करते समय शुद्ध घी का दीपक और धूप जलाकर मंत्र की सिद्धि की जा सकती है।
- मंत्र जप के दौरान भगवान शिव की तस्वीर या शिवलिंग के सामने बैठकर जप करना चाहिए।
अघोर गायत्री मंत्र जप के नियम
अघोर गायत्री मंत्र का जप करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना आवश्यक है:
- उम्र: 20 वर्ष से ऊपर का कोई भी व्यक्ति इस मंत्र का जप कर सकता है।
- लिंग: स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
- वस्त्र: मंत्र जप के समय काले या नीले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। इसके बजाय सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
- आहार: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, पान और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। शुद्ध शाकाहारी आहार ही ग्रहण करना चाहिए।
- ब्रह्मचर्य: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। यह मंत्र की शक्ति को अधिक प्रभावी बनाता है।
- स्वच्छता: मंत्र जप के समय व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होना चाहिए। स्नान के बाद ही मंत्र जप करना चाहिए।
- स्थिरता: मंत्र जप के दौरान किसी प्रकार की मानसिक अशांति या विचारों की भटकाव से बचना चाहिए। ध्यान को एकाग्र रखना आवश्यक है।
- स्थान: मंत्र जप के लिए एक शुद्ध और शांत स्थान का चयन करना चाहिए।
- नियमितता: मंत्र का जप नियमित रूप से करना चाहिए। बीच में कोई अवरोध नहीं होना चाहिए।
- संवेदनशीलता: मंत्र जप के दौरान किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावना या विचार से बचना चाहिए। सकारात्मक और श्रद्धा भाव से जप करना चाहिए।
अघोर गायत्री मंत्र जप के दौरान सावधानियाँ
मंत्र जप के दौरान कुछ सावधानियाँ बरतनी आवश्यक होती हैं:
- अन्य कार्यों से बचें: जप करते समय अन्य कार्यों से बचना चाहिए और केवल मंत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- आलस्य से बचें: मंत्र जप के दौरान आलस्य से बचना चाहिए। नियमित और निर्धारित समय पर ही जप करना चाहिए।
- शुद्धता का पालन: शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। मंत्र जप के समय अशुद्ध वस्त्र या किसी भी प्रकार की अशुद्धता से बचना चाहिए।
- नियमितता का पालन: मंत्र जप के दौरान नियमितता का पालन करना चाहिए। कोई भी दिन छोड़ना नहीं चाहिए।
- अन्य गतिविधियों से दूर रहें: मंत्र जप के समय टीवी देखना, मोबाइल फोन का उपयोग करना या अन्य किसी भी प्रकार की बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए।
- सक्रिय भावना: मंत्र जप के दौरान व्यक्ति को सक्रिय भावना और पूर्ण श्रद्धा के साथ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।
महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
- अघोर गायत्री मंत्र का सही उच्चारण क्या है?
- इस मंत्र का उच्चारण धीरे-धीरे और स्पष्ट रूप से करना चाहिए। “ॐ तत्पुरुषाय विद्महे घोरेभ्यो धीमहि, तन्नो अघोरः प्रचोदयात्”।
- इस मंत्र का जप किस समय करना चाहिए?
- इस मंत्र का जप ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) में करना सबसे उत्तम माना जाता है।
- मंत्र जप के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए?
- मंत्र जप के दौरान शुद्धता, नियमितता, ब्रह्मचर्य, और संयम का पालन करना आवश्यक होता है।
- क्या स्त्रियाँ भी अघोर गायत्री मंत्र का जप कर सकती हैं?
- हाँ, स्त्रियाँ भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं।
- मंत्र जप के दौरान कौन से वस्त्र पहनने चाहिए?
- मंत्र जप के समय सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए, काले या नीले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
- मंत्र जप का मुख्य उद्देश्य क्या होता है?
- इस मंत्र का मुख्य उद्देश्य सुरक्षा, शांति, और सफलता प्राप्ति के लिए भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना होता है।
- क्या इस मंत्र के जप के लिए किसी विशेष दिन का चयन करना चाहिए?
- हाँ, इस मंत्र का जप किसी शुभ दिन जैसे सोमवार, प्रदोष या अमावस्या से प्रारंभ करना चाहिए।
- अघोर गायत्री मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
- इस मंत्र का जप प्रतिदिन 11 माला (1188 मंत्र) करना चाहिए।
- क्या मंत्र जप के दौरान अन्य गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं?
- नहीं, मंत्र जप के दौरान अन्य गतिविधियों से बचना चाहिए और केवल मंत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
- इस मंत्र के जप से क्या लाभ होते हैं?
- इस मंत्र के जप से आकर्षण शक्ति, पारिवारिक शांति, शत्रु से सुरक्षा, व्यापार की सफलता, और स्वास्थ्य लाभ जैसे अनेक लाभ होते हैं।
- क्या मंत्र जप के दौरान आहार में किसी प्रकार की पाबंदी होती है?
- हाँ, मंत्र जप के दौरान शुद्ध शाकाहारी आहार का सेवन करना चाहिए और मांसाहार, धूम्रपान, मद्यपान से बचना चाहिए।
- मंत्र जप के समय किन वस्त्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए?
- मंत्र जप के समय काले या नीले रंग के वस्त्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- क्या अघोर गायत्री मंत्र से तंत्र बाधा से मुक्ति मिलती है?
- हाँ, इस मंत्र का जप तंत्र बाधा और नकारात्मक ऊर्जाओं से मुक्ति प्रदान करता है।
- क्या इस मंत्र का जप करने से घर की सुरक्षा होती है?
- हाँ, इस मंत्र का जप घर को बुरी नज़र और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षित रखता है।
- क्या इस मंत्र का जप धन लाभ में सहायक होता है?
- हाँ, इस मंत्र का जप धन प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि में सहायक होता है।
अघोर गायत्री मंत्र एक अत्यंत प्रभावशाली और पवित्र मंत्र है, जो भगवान शिव के अघोर रूप की स्तुति करता है। इसका जप व्यक्ति के जीवन में सुरक्षा, शांति, और समृद्धि लाता है। इस मंत्र का सही विधि और नियमों के साथ जप करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से व्यक्ति न केवल भौतिक लाभ प्राप्त करता है, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी करता है। इस मंत्र के प्रति श्रद्धा और विश्वास व्यक्ति को अनेक समस्याओं से मुक्ति दिला सकता है और उसे सफल और समृद्ध जीवन प्रदान कर सकता है।