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Aghor Gayatri Mantra for Peace & Protection

सुरक्षा के साथ मोक्ष प्रदान करने वाला अघोर गायत्री मंत्र एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है, जो भगवान शिव के अघोर रूप की स्तुति में जपा जाता है। इस मंत्र का उपयोग व्यक्ति के जीवन में सुरक्षा, शांति, शक्ति, और सफलता प्राप्ति के लिए किया जाता है। यह मंत्र साधना और तंत्र साधना में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस मंत्र का जप विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है जो किसी प्रकार की तंत्र बाधा, शत्रु भय, या अन्य नकारात्मक ऊर्जाओं से पीड़ित होते हैं।

विनियोग मंत्र और इसका अर्थ

विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य अघोर गायत्री मंत्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, अघोर देवता, जप विनियोगः।”

अर्थ:
यह मंत्र देवता भगवान अघोरनाथ को समर्पित है और साधक के लिए आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खोलता है।


अघोर गायत्री मंत्र का अर्थ

अघोर गायत्री मंत्र का अर्थ इस प्रकार है:

मंत्र:

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे घोरेभ्यो धीमहि, तन्नो अघोरः प्रचोदयात्॥

अर्थ:

हम उस तत्पुरुष का ध्यान करते हैं जो घोरों (खतरनाक परिस्थितियों) से ऊपर है। हम घोर देवता की पूजा करते हैं, जो हमारे लिए अघोर रूप में प्रकट हो, हमें प्रेरणा दें और हमारी रक्षा करें।

इस मंत्र के तीन भाग हैं:

  1. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे – हम उस परम पुरुष का ध्यान करते हैं।
  2. घोरेभ्यो धीमहि – जो सभी घोर (भयावह) स्थितियों से ऊपर है, उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
  3. तन्नो अघोरः प्रचोदयात् – वह अघोर रूपी शिव देवता हमें प्रेरित करें और हमारे मार्गदर्शन करें।

लाभ

  1. आकर्षण शक्ति: इस मंत्र के नियमित जप से व्यक्ति में एक विशेष आकर्षण शक्ति विकसित होती है, जो उसे दूसरों के बीच अलग पहचान दिलाती है।
  2. पारिवारिक शांति: यह मंत्र परिवार में शांति और सौहार्द बनाए रखने में सहायक होता है। इसके जप से घर में कलह और विवादों का नाश होता है।
  3. घर की सुरक्षा: यह मंत्र घर को बुरी नज़र और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रखता है।
  4. व्यापार की सुरक्षा: व्यापारिक सफलता के लिए यह मंत्र अत्यधिक उपयोगी होता है। इसके जप से व्यापारिक क्षेत्र में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
  5. शत्रु से सुरक्षा: इस मंत्र के जप से शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है और वे किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचा पाते।
  6. सही निर्णय: यह मंत्र व्यक्ति को सही निर्णय लेने की क्षमता प्रदान करता है, जिससे वह जीवन में सही मार्ग पर अग्रसर रहता है।
  7. तंत्र बाधा से सुरक्षा: इस मंत्र का जप तंत्र-मंत्र और काले जादू से सुरक्षा प्रदान करता है।
  8. आकर्षक व्यक्तित्व: इस मंत्र के जप से व्यक्ति का व्यक्तित्व आकर्षक बनता है, जिससे वह समाज में सम्मान और मान्यता प्राप्त करता है।
  9. धन लाभ: अघोर गायत्री मंत्र के जप से धन प्राप्ति और आर्थिक समृद्धि होती है।
  10. स्वास्थ्य लाभ: यह मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक होता है।
  11. मन की शांति: इस मंत्र के जप से मानसिक तनाव दूर होता है और व्यक्ति को मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  12. सफलता प्राप्ति: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए यह मंत्र अत्यधिक प्रभावी होता है।
  13. दुष्ट आत्माओं से रक्षा: इस मंत्र का जप दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।

विधि

  1. मंत्र जप का दिन और मुहूर्त:
    • इस मंत्र का जप किसी शुभ दिन जैसे सोमवार, प्रदोष या अमावस्या से प्रारंभ करना चाहिए।
    • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) इस मंत्र का जप करने के लिए सबसे उत्तम समय होता है। इस समय में जप करने से मंत्र की शक्ति अधिक प्रभावी होती है।
  2. अवधि:
    • इस मंत्र का जप कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए।
  3. मंत्र जप संख्या:
    • इस मंत्र का जप प्रतिदिन 11 माला (1 माला = 108 मंत्र) अर्थात 1188 मंत्र करना चाहिए। इस प्रकार पूरे जप के दौरान कुल मंत्रों की संख्या 13068 होती है।
  4. सामग्री:
    • इस मंत्र के जप के लिए सफेद चंदन की माला का प्रयोग किया जा सकता है।
    • जप करते समय शुद्ध घी का दीपक और धूप जलाकर मंत्र की सिद्धि की जा सकती है।
    • मंत्र जप के दौरान भगवान शिव की तस्वीर या शिवलिंग के सामने बैठकर जप करना चाहिए।

अघोर गायत्री मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: 20 वर्ष से ऊपर का कोई भी व्यक्ति इस मंत्र का जप कर सकता है।
  2. लिंग: स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. वस्त्र: मंत्र जप के समय काले या नीले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए। इसके बजाय सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
  4. आहार: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, पान और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। शुद्ध शाकाहारी आहार ही ग्रहण करना चाहिए।
  5. ब्रह्मचर्य: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना अत्यंत आवश्यक होता है। यह मंत्र की शक्ति को अधिक प्रभावी बनाता है।
  6. स्वच्छता: मंत्र जप के समय व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होना चाहिए। स्नान के बाद ही मंत्र जप करना चाहिए।
  7. स्थिरता: मंत्र जप के दौरान किसी प्रकार की मानसिक अशांति या विचारों की भटकाव से बचना चाहिए। ध्यान को एकाग्र रखना आवश्यक है।
  8. स्थान: मंत्र जप के लिए एक शुद्ध और शांत स्थान का चयन करना चाहिए।
  9. नियमितता: मंत्र का जप नियमित रूप से करना चाहिए। बीच में कोई अवरोध नहीं होना चाहिए।
  10. संवेदनशीलता: मंत्र जप के दौरान किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावना या विचार से बचना चाहिए। सकारात्मक और श्रद्धा भाव से जप करना चाहिए।

सावधानियाँ

  1. अन्य कार्यों से बचें: जप करते समय अन्य कार्यों से बचना चाहिए और केवल मंत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
  2. आलस्य से बचें: मंत्र जप के दौरान आलस्य से बचना चाहिए। नियमित और निर्धारित समय पर ही जप करना चाहिए।
  3. शुद्धता का पालन: शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखना चाहिए। मंत्र जप के समय अशुद्ध वस्त्र या किसी भी प्रकार की अशुद्धता से बचना चाहिए।
  4. नियमितता का पालन: मंत्र जप के दौरान नियमितता का पालन करना चाहिए। कोई भी दिन छोड़ना नहीं चाहिए।
  5. अन्य गतिविधियों से दूर रहें: मंत्र जप के समय टीवी देखना, मोबाइल फोन का उपयोग करना या अन्य किसी भी प्रकार की बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए।
  6. सक्रिय भावना: मंत्र जप के दौरान व्यक्ति को सक्रिय भावना और पूर्ण श्रद्धा के साथ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

मंत्र जाप की विधि और सामग्री

  1. सुबह ब्रह्ममुहूर्त में जाप करें।
  2. शांत स्थान पर बैठकर रुद्राक्ष माला से जाप करें।
  3. घी का दीपक जलाएं और बेलपत्र अर्पित करें।

Kamakhya sadhana shivir


अघोर गायत्री मंत्र जाप के नियम

  1. साफ वस्त्र पहनें।
  2. सात्विक भोजन ग्रहण करें।
  3. मंत्र जाप के दौरान मोबाइल या अन्य व्यस्तताओं से दूर रहें।

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अघोर गायत्री मंत्र: सामान्य प्रश्न

1. अघोर गायत्री मंत्र क्या है?
यह भगवान शिव के अघोर रूप की आराधना का मंत्र है।

2. मंत्र जाप का सही समय क्या है?
सुबह ब्रह्ममुहूर्त में।

3. मंत्र जाप में कौन सी माला का उपयोग करें?
रुद्राक्ष माला।

4. क्या महिलाएं यह मंत्र जप सकती हैं?
हाँ, वे सभी नियमों का पालन करके यह मंत्र जप सकती हैं।

5. कितने दिनों तक जाप करना चाहिए?
कम से कम 40 दिन।

6. जाप का लाभ कब दिखने लगता है?
7-10 दिनों में।

7. क्या विशेष पूजा की आवश्यकता है?
हाँ, शिवलिंग पर जल और बेलपत्र अर्पित करें।

8. क्या यह मंत्र नकारात्मकता समाप्त करता है?
हाँ, यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

9. क्या इसे किसी भी स्थान पर जप सकते हैं?
शांत और स्वच्छ स्थान पर ही।

10. मंत्र जप से कौन-कौन सी समस्याएँ दूर होती हैं?
भय, मानसिक अशांति, और नकारात्मक विचार।

11. क्या इसे सिद्ध करना संभव है?
नियमित जप से यह सिद्ध होता है।

12. क्या मंत्र जाप में कोई नुकसान है?
नियमों का पालन न करने पर अपेक्षित परिणाम नहीं मिलते।

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