अमावस्या मे धन बृद्धि प्रयोग: आर्थिक मजबूती, कर्ज मुक्ति और सुख समृद्धि का मार्ग
अमावस्या का दिन तंत्र और साधना के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह समय न केवल आत्मिक शांति पाने का है बल्कि आर्थिक मजबूती, कर्ज मुक्ति और सुख समृद्धि प्राप्त करने के लिए भी उपयुक्त है। अगर आप धन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं और जीवन में आर्थिक स्थिरता लाना चाहते हैं, तो यह “अमावस्या मे धन बृद्धि प्रयोग” आपकी मदद कर सकता है।
प्रयोग की विधि
दीपक जलाने का महत्व
अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसे पीपल के पेड़ के नीचे रख दें।
मंत्र जाप की विधि
- 101 बार “ॐ ऐं श्रीं कमलेश्वरी मम् सर्व पित्र शांतीं देही देही नमः” मंत्र का जप करें।
- यह प्रक्रिया तीन अमावस्या तक करें।
इस साधना से न केवल आपकी आर्थिक परेशानियां दूर होंगी बल्कि सुख-समृद्धि का द्वार भी खुलेगा।
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अमावस्या मे धन बृद्धि प्रयोग के लाभ
- इस प्रयोग से जीवन में आर्थिक मजबूती आती है। यह धन के प्रवाह को स्थिर करता है।
- मंत्र जाप और दीपक जलाने से कर्ज से मुक्ति मिलने में सहायता होती है।
- पीपल के नीचे दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है, जो धन को आकर्षित करती है।
- यह प्रयोग व्यापार में तरक्की दिलाने में सहायक होता है।
- धन संबंधी समस्याओं का समाधान परिवार में सुख-शांति लाता है।
- अमावस्या के दिन किया गया यह प्रयोग घर में शुभता और समृद्धि का संचार करता है।
- मंत्र जाप से मन को शांति और आत्मिक शक्ति मिलती है।
- यह साधना नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मक वातावरण बनाती है।
- धन और सुख-समृद्धि का संतुलन बनाए रखने में यह प्रयोग उपयोगी है।
- जीवन की अनेक बाधाओं को दूर कर सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।
- धन की कमी से उत्पन्न समस्याएं समाप्त होकर रिश्तों में मधुरता आती है।
- यह साधना ग्रह दोषों से राहत दिलाने में सहायक मानी जाती है।
- महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए यह प्रयोग प्रभावी है।
- आर्थिक मजबूती से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- मंत्र जाप और दीपक जलाने से आत्मिक विकास होता है।
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अमावस्या मे धन बृद्धि प्रयोग पर सामान्य प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: इस प्रयोग को कौन कर सकता है?
उत्तर: इस प्रयोग को कोई भी व्यक्ति कर सकता है जो आर्थिक मजबूती, कर्ज मुक्ति और सुख समृद्धि प्राप्त करना चाहता है। विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं है।
प्रश्न 2: क्या इसे घर में किया जा सकता है?
उत्तर: यह प्रयोग पीपल के पेड़ के नीचे करना अधिक लाभकारी होता है। यदि यह संभव न हो, तो घर में तुलसी के पास दीपक जलाकर मंत्र जाप कर सकते हैं।
प्रश्न 3: मंत्र का सही उच्चारण कैसे करें?
उत्तर: मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और शुद्ध होना चाहिए। इसे मन में पूर्ण श्रद्धा और ध्यान के साथ करें।
प्रश्न 4: इस प्रयोग को कब से शुरू करें?
उत्तर: इस प्रयोग को किसी भी अमावस्या के दिन सूर्यास्त के बाद शुरू करें। तीन अमावस्या तक इसे नियमित रूप से करें।
प्रश्न 5: क्या कोई विशेष दिशा में दीपक रखना चाहिए?
उत्तर: दीपक को पीपल के पेड़ की जड़ के पास रखें। दिशा का कोई विशेष नियम नहीं है।
प्रश्न 6: अगर 101 बार मंत्र जाप संभव न हो तो क्या करें?
उत्तर: अगर 101 बार जाप कठिन लगे, तो इसे 11 बार करें और श्रद्धा के साथ इसे धीरे-धीरे बढ़ाएं।
प्रश्न 7: क्या यह प्रयोग हर अमावस्या को किया जा सकता है?
उत्तर: जी हां, इसे हर अमावस्या को करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है।
प्रश्न 8: क्या प्रयोग के दौरान कोई विशेष नियम पालन करना चाहिए?
उत्तर: प्रयोग के दौरान शुद्ध वस्त्र पहनें, स्वच्छता का ध्यान रखें और पूर्ण श्रद्धा से करें।
प्रश्न 9: क्या दीपक जलाने का समय महत्वपूर्ण है?
उत्तर: दीपक सूर्यास्त के तुरंत बाद जलाना चाहिए। यही समय अधिक फलदायी माना जाता है।
प्रश्न 10: क्या इस प्रयोग से तुरंत परिणाम मिलेगा?
उत्तर: परिणाम धीरे-धीरे आते हैं। यह साधना धैर्य और नियमितता की मांग करती है।
प्रश्न 11: क्या इसे किसी अन्य साधना के साथ किया जा सकता है?
उत्तर: हां, इसे अन्य साधनाओं के साथ किया जा सकता है, लेकिन हर साधना में ध्यान और श्रद्धा आवश्यक है।
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