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Anang mantra for relationship

अनंग मंत्र संबंधो को मजबूत करने के लिये

रिश्ते सुधारने वाला अनंग मंत्र भगवान कामदेव से संबंधित एक प्रभावशाली मंत्र है, जो आकर्षण, प्रेम, और संबंधों में सुधार के लिए जप किया जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो अपने जीवन में प्रेम और सौहार्द की कमी महसूस करते हैं। इस मंत्र का प्रयोग साधक की इच्छाओं की पूर्ति और मनचाही सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

अनंग मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र: ॥ॐ क्लीं अनंग भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा॥

  • ॐ (Om): यह ब्रह्मांड की मूल ध्वनि है, जो सभी मंत्रों की शुरुआत में होती है और परमात्मा से जुड़ने का प्रतीक है।
  • क्लीं (Kleem): यह काम बीज मंत्र है, जो आकर्षण, प्रेम, और संबंधों की ऊर्जा को जागृत करता है।
  • अनंग (Anang): यह कामदेव का एक नाम है, जिसका अर्थ है “जिसका शरीर नहीं है” या “शरीर से परे”।
  • भगवते (Bhagavate): इसका अर्थ है “भगवान” या “वह जो पूजनीय है”।
  • कामदेवाय (Kamdevaya): यह भगवान कामदेव को संदर्भित करता है, जो प्रेम और आकर्षण के देवता हैं।
  • यस्य यस्य (Yasya Yasya): इसका अर्थ है “जिस-जिस का”।
  • दृश्यो भवामि (Drishyo Bhavami): इसका अर्थ है “जिस-जिस के लिए मैं दृश्य बनूं”।
  • यस्य यस्य (Yasya Yasya): इसका अर्थ है “जिस-जिस का”।
  • मम मुखं पश्यति (Mama Mukham Pashyati): इसका अर्थ है “जो-जो मेरे मुख को देखता है”।
  • तं तं मोहयतु (Tam Tam Mohayatu): इसका अर्थ है “उसे उसे मोहित कर”।
  • स्वाहा (Swaha): यह एक पूर्णता सूचक शब्द है, जो मंत्र की ऊर्जा को ब्रह्मांड में प्रसारित करता है।

इस मंत्र का संपूर्ण अर्थ है: “हे कामदेव, जो कोई भी मुझे देखे या मेरे मुख की ओर देखे, उसे आप मोह लें।”

अनंग मंत्र जप के लाभ

  1. आकर्षण में वृद्धि: इस मंत्र के जप से व्यक्ति में आकर्षण शक्ति बढ़ती है।
  2. प्रेम संबंधों में सुधार: संबंधों में मधुरता और प्रेम को पुनः स्थापित करने में सहायक।
  3. सामाजिक स्वीकार्यता: व्यक्ति को समाज में स्वीकार्यता और सम्मान प्राप्त होता है।
  4. व्यक्तित्व में निखार: व्यक्तित्व में आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  5. विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान: विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करने में सहायक।
  6. सफलता प्राप्ति: कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति की प्राप्ति।
  7. धन और समृद्धि: आर्थिक स्थिति में सुधार और समृद्धि की प्राप्ति।
  8. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति।
  9. शत्रु पर विजय: शत्रुओं से रक्षा और विजय की प्राप्ति।
  10. व्यापार में वृद्धि: व्यापार और व्यवसाय में वृद्धि।
  11. सौंदर्य में वृद्धि: शारीरिक सौंदर्य और आकर्षण में वृद्धि।
  12. मोहिनी शक्ति: दूसरों को अपने विचारों और इच्छाओं के अनुसार मोहित करने की शक्ति।
  13. आध्यात्मिक उन्नति: अध्यात्मिक उन्नति और साधना में सफलता।
  14. सुख-शांति: जीवन में सुख-शांति और संतुलन की प्राप्ति।
  15. सकारात्मक ऊर्जा: घर और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार।

अनंग मंत्र जप विधि

मंत्र जप का दिन, अवधि, और मुहूर्त

  1. दिन: अनंग मंत्र का जप विशेष रूप से शुक्रवार को करना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन शुक्र ग्रह से संबंधित है, जो प्रेम और आकर्षण का कारक है।
  2. अवधि: मंत्र का जप 11 से 21 दिनों तक किया जा सकता है। यह साधक की आवश्यकताओं और श्रद्धा पर निर्भर करता है।
  3. मुहूर्त: मंत्र जप के लिए ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) सबसे उत्तम माना गया है। यदि यह संभव न हो, तो संध्या के समय (शाम 6 से 8 बजे) भी जप कर सकते हैं।

मंत्र जप की सामग्री

  1. रुद्राक्ष माला: रुद्राक्ष माला से मंत्र जप करना विशेष लाभकारी माना गया है। यह माला 108 मोतियों की होनी चाहिए।
  2. दीपक और धूप: जप के समय एक दीपक और धूप जलाएं, जिससे वातावरण शुद्ध और सकारात्मक हो।
  3. फूल: मंत्र जप के स्थान पर ताजे फूल अर्पित करें।
  4. कपड़े: सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें, जो शुद्धता और शांति का प्रतीक हों।
  5. बैठने का स्थान: मंत्र जप के लिए एक शांत और पवित्र स्थान चुनें। साधना के लिए आसन का प्रयोग करें, जैसे कुश का आसन।
  6. जल का पात्र: एक तांबे के पात्र में जल रखें और जप के अंत में भगवान को अर्पित करें।

अनंग मंत्र जप संख्या

अनंग मंत्र का जप 11 माला (यानि 1188 मंत्र) प्रतिदिन करना चाहिए। साधक को लगातार 11, 21 या 41 दिनों तक इस संख्या में मंत्र जप करना चाहिए। नियमित जप से मंत्र की शक्ति और प्रभाव बढ़ता है।

अनंग मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: इस मंत्र जप को 20 वर्ष से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष कर सकते हैं।
  2. वस्त्र: जप के समय सफेद, पीले या हल्के रंग के कपड़े पहनें। काले और नीले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
  3. शुद्धता: साधना के समय ब्रह्मचर्य का पालन करें और शुद्धता बनाए रखें।
  4. मासाहार का त्याग: साधना के दौरान मासाहार, धूम्रपान, और पद्य पान से दूर रहें।
  5. साधना का स्थान: साधना के लिए एक ही स्थान का चयन करें और उसे न बदलें। स्थान का नियमित रूप से शुद्धिकरण करें।
  6. गोपनीयता: साधना को गुप्त रखें और अन्य लोगों से इस बारे में चर्चा न करें।
  7. सकारात्मकता: जप के समय मन और विचारों को सकारात्मक रखें। नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
  8. ध्यान और ध्यान: जप के पहले और बाद में ध्यान करें, जिससे मन की एकाग्रता बढ़े।
  9. संयम: साधना के समय संयमित और संयमी जीवन शैली का पालन करें।
  10. व्रत: यदि संभव हो तो साधना के समय व्रत रखें, जिससे साधना का प्रभाव बढ़े।

अनंग मंत्र जप के दौरान सावधानियाँ

  1. स्वास्थ्य का ध्यान: यदि आप बीमार हैं या कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो साधना के दौरान विशेष सावधानी बरतें।
  2. मानसिक स्थिति: मानसिक रूप से संतुलित और शांति में रहें। मानसिक अशांति साधना में बाधा बन सकती है।
  3. शुद्ध वातावरण: साधना के स्थान को नियमित रूप से साफ और शुद्ध रखें।
  4. ध्यान में खो जाने से बचें: जप के समय ध्यान रखें कि आप मंत्र पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, न कि भटक रहे हैं।
  5. खाने-पीने में संयम: साधना के समय सात्विक भोजन करें और अनावश्यक तामसिक भोजन से बचें।
  6. साधना के समय एकाग्रता: साधना के समय किसी भी प्रकार की बाहरी गतिविधियों से दूर रहें।
  7. साधना का पालन: साधना को पूरा करें और बीच में न छोड़ें, क्योंकि यह अधूरी साधना से अधिक हानिकारक हो सकता है।
  8. समर्पण: साधना के प्रति पूर्ण समर्पण और विश्वास रखें, जिससे साधना का प्रभाव बढ़ेगा।
  9. संतुलित जीवनशैली: साधना के समय अन्य गतिविधियों को भी संतुलित रखें, जिससे साधना में कोई विघ्न न हो।
  10. मंत्र उच्चारण: मंत्र का उच्चारण सही और स्पष्ट रूप से करें। गलत उच्चारण से साधना का प्रभाव कम हो सकता है।

अनंग मंत्र से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर

साधना और जप के प्रति पूर्ण समर्पण और विश्वास होने पर ही सफलता की संभावना अधिक होती है।

अनंग मंत्र क्या है?

यह भगवान कामदेव से संबंधित मंत्र है, जो प्रेम, आकर्षण और संबंधों में सुधार के लिए जपा जाता है।

अनंग मंत्र का प्रभाव क्या है?

यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में प्रेम, सौहार्द और आकर्षण को बढ़ाता है।

क्या इस मंत्र को कोई भी जप सकता है?

हां, 20 वर्ष से ऊपर का कोई भी स्त्री या पुरुष इस मंत्र का जप कर सकता है।

इस मंत्र का जप कब करना चाहिए?

ब्रह्ममुहूर्त या संध्या के समय इस मंत्र का जप सबसे अधिक प्रभावशाली माना जाता है।

क्या इस मंत्र जप के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता है?

हां, रुद्राक्ष माला, दीपक, धूप, और फूलों का उपयोग किया जा सकता है।

क्या साधना के दौरान किसी विशेष रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?

सफेद, पीले या हल्के रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। काले और नीले रंग से बचें।

मंत्र जप की न्यूनतम अवधि क्या होनी चाहिए?

11 दिनों तक लगातार जप करना चाहिए। साधक इसे 21 या 41 दिनों तक भी बढ़ा सकता है।

मंत्र का सही उच्चारण कैसे किया जाए?

मंत्र का उच्चारण सही और स्पष्ट रूप से करें। गलत उच्चारण साधना को प्रभावित कर सकता है।

क्या साधना के दौरान मासाहार का सेवन किया जा सकता है?

नहीं, साधना के दौरान मासाहार, धूम्रपान, और पद्य पान से बचना चाहिए।

साधना के दौरान क्या ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है?

हां, साधना के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।

क्या इस मंत्र का जप सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान कर सकता है?

यह मंत्र विशेष रूप से प्रेम और संबंधों से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए है।

मंत्र जप के लिए कौन-सा आसन उपयुक्त है?

कुश का आसन सबसे उपयुक्त माना गया है।

क्या मंत्र जप के दौरान संगीत सुना जा सकता है?

मंत्र जप के दौरान मन को एकाग्र रखने के लिए मौन और शांत वातावरण उपयुक्त होता है।

क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष स्थान पर करना आवश्यक है?

साधना के लिए एक शांत और पवित्र स्थान चुनें और उसे न बदलें।

क्या इस मंत्र का जप सफलता की गारंटी है?

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