अघोर लक्ष्मी देवी लक्ष्मी का एक उग्र रूप है। उन्हें माँ काली का भी एक रूप भी माना जाता है। माता अघोर लक्ष्मी हिन्दू धर्म की एक शक्तिशाली देवी मानी जाती हैं, जो अपने भक्तों को अचानक धन प्राप्ति, लॉटरी, सट्टा, और धन के आकर्षण में सहायता करती हैं। वे महालक्ष्मी का ही एक रूप हैं और अपने भक्तों को अभूतपूर्व धन, ऐश्वर्य, और समृद्धि प्रदान करती हैं। उनकी पूजा से भक्तों के जीवन में आर्थिक संकट दूर होते हैं और वे धन-धान्य से परिपूर्ण हो जाते हैं।
लाभ
- अचानक धन प्राप्ति: माता अघोर लक्ष्मी की पूजा से अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
- लॉटरी में सफलता: लॉटरी में सफलता मिलती है।
- सट्टे में विजय: सट्टे और अन्य जोखिम भरे कार्यों में विजय प्राप्त होती है।
- धन का आकर्षण: धन की ओर आकर्षण बढ़ता है।
- वित्तीय स्थिरता: आर्थिक स्थिरता और स्थायित्व प्राप्त होता है।
- व्यवसाय में लाभ: व्यापार में अप्रत्याशित लाभ होता है।
- कर्ज से मुक्ति: कर्ज और आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है।
- समृद्धि: समृद्धि और सुख-सम्पदा में वृद्धि होती है।
- संपत्ति में वृद्धि: भूमि, घर और संपत्ति में वृद्धि होती है।
- मानसिक शांति: मानसिक शांति और संतोष प्राप्त होता है।
- सफलता: हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता में वृद्धि होती है।
- सकारात्मकता: जीवन में सकारात्मकता और ऊर्जा का संचार होता है।
- परिवारिक सुख: परिवार में खुशी और शांति का माहौल बना रहता है।
- शुभता: जीवन में शुभता और सौभाग्य का आगमन होता है।
- विद्या: ज्ञान और शिक्षा में वृद्धि होती है।
- संतान सुख: संतान सुख और संतति में वृद्धि होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- समाज में मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है।
- दीर्घायु: लंबी और स्वस्थ आयु की प्राप्ति होती है।
मंत्र और उसका वर्णन
मंत्र:
ॐ अघोरायै लक्ष्म्यै नमः।
वर्णन:
यह मंत्र माता अघोर लक्ष्मी का आह्वान करने के लिए जपा जाता है। ‘अघोरायै’ का अर्थ है जो सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करती हैं, और ‘लक्ष्म्यै’ का अर्थ है लक्ष्मी देवी। ‘नमः’ का अर्थ है नमन या प्रणाम। इस मंत्र के नियमित जप से धन, समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
पूजा सामग्री
- लक्ष्मी जी की प्रतिमा या चित्र
- काले कपड़े
- केसर
- चंदन
- धूपबत्ती
- दीपक
- तिलक
- अक्षत (चावल)
- नीले फूल
- मिठाई
- जल से भरा कलश
- नारियल
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण)
- सुपारी और पान
- फल
- एकाक्षरी मुद्रा
अघोर लक्ष्मी विधि
- स्नान: पूजा से पहले शुद्धता के लिए स्नान करें।
- स्थान: पूजा के लिए स्वच्छ और पवित्र स्थान चुनें।
- प्रतिमा स्थापना: माता अघोर लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र काले कपड़े पर स्थापित करें।
- ध्यान: माता का ध्यान करें और उनका आवाहन करें।
- तिलक और अक्षत: प्रतिमा पर तिलक लगाएं और अक्षत चढ़ाएं।
- फूल अर्पित करें: माता को नीले फूल चढ़ाएं।
- धूप और दीपक: धूपबत्ती और दीपक जलाएं।
- मंत्र जाप: उपरोक्त मंत्र का जाप 108 बार करें।
- प्रसाद: मिठाई और फल माता को अर्पित करें।
- आरती: माता की आरती उतारें।
- प्रसाद वितरण: पूजा समाप्ति के बाद प्रसाद वितरित करें।
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अघोर लक्ष्मी- दिन और अवधि
दिन: मंगलवार और शुक्रवार को माता अघोर लक्ष्मी की पूजा करना विशेष शुभ माना जाता है।
अवधि: कम से कम 21 दिनों तक नियमित रूप से पूजा करनी चाहिए। इसके बाद, विशेष अवसरों पर भी इस पूजा को किया जा सकता है।
अघोर लक्ष्मी – सावधानियाँ
- पूजा के समय शुद्धता और पवित्रता का ध्यान रखें।
- पूजा स्थल को स्वच्छ और साफ रखें।
- पूजा के दौरान मानसिक शांति और एकाग्रता बनाए रखें।
- अनैतिक और अपवित्र विचारों से दूर रहें।
- पूजा के समय शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- नियमितता बनाए रखें, किसी भी दिन पूजा न छोड़े।
अघोर लक्ष्मी- सामान्य प्रश्न
प्रश्न 1: माता अघोर लक्ष्मी की पूजा क्यों की जाती है?
उत्तर: माता अघोर लक्ष्मी की पूजा धन, ऐश्वर्य, और समृद्धि प्राप्त करने के लिए की जाती है।
प्रश्न 2: माता अघोर लक्ष्मी की पूजा का सर्वोत्तम समय क्या है?
उत्तर: माता अघोर लक्ष्मी की पूजा का सर्वोत्तम समय मंगलवार और शुक्रवार की शाम को माना जाता है।
प्रश्न 3: क्या माता अघोर लक्ष्मी की पूजा केवल मंगलवार और शुक्रवार को ही की जा सकती है?
उत्तर: नहीं, माता अघोर लक्ष्मी की पूजा किसी भी दिन की जा सकती है, लेकिन मंगलवार और शुक्रवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
प्रश्न 4: क्या माता अघोर लक्ष्मी की पूजा से तुरंत लाभ मिलता है?
उत्तर: माता अघोर लक्ष्मी की पूजा से तुरंत लाभ प्राप्त नहीं होता, लेकिन नियमित पूजा से धीरे-धीरे लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
प्रश्न 5: क्या माता अघोर लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष स्थान की आवश्यकता होती है?
उत्तर: नहीं, पूजा के लिए कोई विशेष स्थान की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन स्थान को स्वच्छ और पवित्र रखना चाहिए।
प्रश्न 6: माता अघोर लक्ष्मी की पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्री आवश्यक है?
उत्तर: लक्ष्मी जी की प्रतिमा, काले कपड़े, केसर, चंदन, धूपबत्ती, दीपक, तिलक, अक्षत, नीले फूल, मिठाई, जल, नारियल, पंचामृत, सुपारी, पान, फल, और एकाक्षरी मुद्रा।
प्रश्न 7: क्या माता अघोर लक्ष्मी की पूजा का विशेष मंत्र है?
उत्तर: हां, माता अघोर लक्ष्मी का विशेष मंत्र है: “ॐ अघोरायै लक्ष्म्यै नमः।”
प्रश्न 8: क्या माता अघोर लक्ष्मी की पूजा केवल महिलाओं द्वारा की जा सकती है?
उत्तर: नहीं, माता अघोर लक्ष्मी की पूजा पुरुष और महिला दोनों कर सकते हैं।
प्रश्न 9: माता अघोर लक्ष्मी की पूजा के बाद क्या करना चाहिए?
उत्तर: पूजा के बाद माता की आरती करनी चाहिए और प्रसाद वितरित करना चाहिए।