Ashwini nakshatra mantra

अश्विनी (Ashwini) मंत्र

अश्विनी नक्षत्र एक प्रमुख नक्षत्र है जो 27 नक्षत्र मे पहला नक्षत्र है। यह नक्षत्र मेष राशि में स्थित है। इनके स्वामी अश्विनी कूमार माने जाते है. यह नक्षत्र नवग्रहों में गुरु के प्रभाव को अनुभव करता है।

अश्विनी नक्षत्र की स्वाभाविक स्थानीयता गुण, ऊर्जा, चुस्ती, सक्रियता और क्रियाशीलता है। जो लोग इस नक्षत्र में जन्मते हैं, वे जीवन में उत्साही, साहसी, और सक्रिय होते हैं। वे अपने उद्योग में सफलता प्राप्त करने के लिए कार्य करने की प्रेरणा और ऊर्जा रखते हैं।

अश्विनी नक्षत्र के जातकों के लिए वैदिक ज्योतिष में कुछ उपाय भी सुझाए जाते हैं जो उनकी समृद्धि और सम्मान को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इनमें कुछ अमोघ उपाय निम्नलिखित हैं:

  1. सूर्य उपासना: सूर्य की पूजा और उपासना भी अश्विनी नक्षत्र के जातकों के लिए फायदेमंद हो सकती है।
  2. मंत्र जाप: “ऊं ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नमः” यह मंत्र अश्विनी नक्षत्र के जातकों के लिए प्रभावी है।
  3. धात्री मंत्र जाप: “ऊं द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः” इस मंत्र का जाप करने से योग्यता, सफलता, और स्थिरता मिल सकती है।

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