शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024

Buy now

spot_img

Ayappa Chalisa for Wealth & Prosperity

भगवान अयप्पा चालीसा – सुख समृद्धि पाये

सबके दुख दूर करने वाला अयप्पा चालीसा का पाठ करना मनुष्य के जीवन मे कल्याणकारी माना जाता है। भगवान अयप्पा दक्षिण भारत के एक प्रमुख देवता हैं, जिनकी पूजा विशेष रूप से केरल के सबरीमाला मंदिर में की जाती है। वे भगवान शिव और मोहिनी (भगवान विष्णु का एक रूप) के पुत्र माने जाते हैं। अयप्पा स्वामी को ‘हरिहरपुत्र’ के नाम से भी जाना जाता है, जो भक्तों के सभी कष्टों को दूर करते हैं। अयप्पा चालीसा भगवान अयप्पा की स्तुति में गाया जाने वाला एक प्रमुख भजन है, जो उनके गुणों, लीलाओं और भक्तों को उनकी कृपा प्राप्त कराने में सहायक होता है।

संपूर्ण अयप्पा चालीसा

॥दोहा॥

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
काहूं विधि वन्दन करू, हरिहर अय्यप्पा ध्यान॥

॥चालीसा॥

जय अय्यप्पा जय अय्यप्पा, मंगल मूर्ति मनोहर।
काली कष्ट हरो दिन हर, भक्तन के तुम पालनहार॥

हरिहर पुत्र कहावे जग में, अय्यप्पा तव नाम।
केरल भूमी शोभित जहां, सबरीगिरि धाम॥

चिर बाल ब्रह्मचारी रूपी, अय्यप्पा बलवान।
करुणा द्रष्टि सदा ही राखो, करु दीनन पर दान॥

कोटि सूर्य सम तेज तुम्हारा, राक्षस दल मारे।
तप बल से अय्यप्पा स्वामी, दुष्ट दमन तुम करै॥

जन जन के मन में जो है, आस करें सब पूरी।
अय्यप्पा स्वामी कृपा करो, शरण पड़े अब हमारी॥

साधन सात्विक की है सीमा, जीवन तव बाणी।
केरल भूमी धाम तुम्हारा, जग में पूजे ज्ञानी॥

अय्यप्पा जय अय्यप्पा, मंगल मूर्ति मनोहर।
भक्तों के कष्ट हरो प्रभु, भवसागर से तारो॥

जिसने सुमिरन किया अय्यप्पा का, भक्ति भाव से।
दुष्कर पथ पर चला वही, संकट कभु न आवै॥

ब्रह्मचारी व्रत जो धरे, करे नियम का पालन।
तीनों ताप नसावे स्वामी, जन्म मरण सब हरै॥

चिरकाल से जो भटके, माया जाल में फंसे।
अय्यप्पा कृपा करे, सब मुक्त सहज ही होय॥

माया मोह न आ सके, जो भी भक्त तुम्हारे।
अय्यप्पा कृपा करो, भक्ति दे अनमोल॥

अय्यप्पा स्वामी जय जयकारा, सबरी गिरि धाम।
भक्तों के संकट हरो प्रभु, दीजो हमें भी धाम॥

अंत समय जब प्राण जाय, शरण तव ही आवे।
अय्यप्पा कृपा करो, भवसागर से तारो॥

जय अय्यप्पा जय अय्यप्पा, मंगल मूर्ति मनोहर।
काली कष्ट हरो दिन हर, भक्तन के तुम पालनहार॥

॥दोहा॥

अय्यप्पा के गुण गाओ, ह्रदय में लाओ ध्यान।
भक्तन के संकट हरो, हरिहर अय्यप्पा भगवान॥

अयप्पा चालीसा के लाभ

  1. शारीरिक और मानसिक बल: अयप्पा चालीसा का नियमित पाठ करने से शारीरिक और मानसिक बल में वृद्धि होती है।
  2. संकटों से मुक्ति: यह चालीसा सभी प्रकार के संकटों और बाधाओं से मुक्ति दिलाती है।
  3. धार्मिक आस्था और विश्वास: यह चालीसा व्यक्ति की धार्मिक आस्था को मजबूत करती है और उसे भगवान के प्रति विश्वास दिलाती है।
  4. भक्ति में वृद्धि: अयप्पा चालीसा का पाठ भक्त के मन में भक्ति भावना को बढ़ाता है और उसे भगवान अयप्पा के करीब लाता है।
  5. आध्यात्मिक शांति: इस चालीसा का नियमित पाठ करने से मन को शांति और आत्मिक संतोष प्राप्त होता है।
  6. नकारात्मकता से बचाव: यह चालीसा नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से व्यक्ति को सुरक्षित रखती है।
  7. स्वास्थ्य में सुधार: अयप्पा चालीसा का पाठ रोगों और शारीरिक पीड़ा से राहत दिलाने में सहायक होता है।
  8. जीवन में सुख-शांति: यह चालीसा व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि लाने में सहायक होती है।
  9. आध्यात्मिक विकास: इस चालीसा का नियमित पाठ व्यक्ति के आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
  10. परिवारिक कलह से मुक्ति: यह चालीसा पारिवारिक कलह और विवादों का नाश करती है और परिवार में सौहार्द और शांति लाती है।
  11. विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान: अयप्पा चालीसा का पाठ विवाह संबंधी समस्याओं के समाधान में सहायक होता है।
  12. धन-संपत्ति में वृद्धि: यह चालीसा धन-संपत्ति में वृद्धि और आर्थिक समृद्धि लाने में सहायक होती है।
  13. मनोकामनाओं की पूर्ति: अयप्पा चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  14. आध्यात्मिक सिद्धि: यह चालीसा व्यक्ति को आध्यात्मिक सिद्धि प्राप्त करने में सहायक होती है।
  15. जीवन में सफलता: अयप्पा चालीसा का पाठ व्यक्ति के जीवन में सभी क्षेत्रों में सफलता दिलाने में सहायक होता है।

अयप्पा चालीसा पाठ की विधि

दिन और अवधि

अयप्पा चालीसा का पाठ किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है, लेकिन इसका सबसे शुभ दिन शनिवार और मंगलवार माना जाता है। इस चालीसा का पाठ ४१ दिनों तक नियमित रूप से किया जाता है। इस अवधि के दौरान व्यक्ति को प्रतिदिन चालीसा का पाठ करना चाहिए, और यदि किसी कारण से एक दिन का पाठ छूट जाता है, तो अगले दिन दो बार पाठ करना चाहिए।

मुहूर्त

अयप्पा चालीसा का पाठ करने का सबसे उपयुक्त समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ बजे से ६ बजे के बीच) माना जाता है। इस समय वातावरण शुद्ध और शांत होता है, जिससे पाठ में एकाग्रता बढ़ती है। हालांकि, दिन के किसी भी समय इस चालीसा का पाठ किया जा सकता है।

अयप्पा चालीसा के नियम

  1. साधना को गुप्त रखें: अयप्पा चालीसा का पाठ और पूजा की साधना को गुप्त रखना चाहिए। इसे किसी को दिखावे के लिए नहीं करना चाहिए। व्यक्तिगत और आध्यात्मिक विकास के लिए इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास से करना चाहिए।
  2. स्नान और शुद्धता: पूजा और पाठ से पहले शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होना आवश्यक है। अच्छे से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। पूजा स्थल को भी साफ और पवित्र रखें।
  3. समय और स्थान: अयप्पा चालीसा का पाठ सुबह या शाम के समय करना शुभ माना जाता है। इसे एक पवित्र और शांत स्थान पर किया जाना चाहिए, जहां आपको कोई विघ्न न हो।
  4. ध्यान और समर्पण: पाठ के दौरान भगवान अयप्पा की छवि या चित्र के सामने ध्यान लगाना चाहिए और पूरी श्रद्धा के साथ पाठ करना चाहिए। मानसिक रूप से ध्यान केंद्रित रहें और भगवान के प्रति समर्पित भावना रखें।
  5. नियमितता: अयप्पा चालीसा का पाठ नियमित रूप से करना चाहिए, विशेष रूप से 41 दिनों की अवधि में। यदि किसी कारणवश एक दिन का पाठ छूट जाए, तो अगले दिन दुगना पाठ करें।
  6. धूप, दीप और प्रसाद: पाठ के दौरान भगवान अयप्पा के सामने धूप, दीप जलाएं और प्रसाद अर्पित करें। पाठ के बाद प्रसाद को सभी लोगों में बांटना चाहिए।
  7. प्रस्तुति और पवित्रता: पाठ और पूजा के दौरान पवित्रता और समर्पण का ध्यान रखें। किसी भी प्रकार के अहंकार या दिखावे से बचना चाहिए।

अयप्पा चालीसा के सावधानियाँ

  1. आध्यात्मिक अनुशासन: पाठ और पूजा के दौरान आध्यात्मिक अनुशासन बनाए रखें। नियमों का पालन करते हुए पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ साधना करें।
  2. अपवित्रता से बचें: पाठ के दौरान और पूजा के बाद अपवित्रता से बचना चाहिए। गंदे या अशुद्ध स्थानों पर पाठ करना उचित नहीं है।
  3. सावधानीपूर्वक ध्यान: ध्यान लगाते समय मन को स्थिर और शांत रखें। किसी भी प्रकार की मानसिक अशांति या विघ्न से बचना चाहिए।
  4. समय का पालन: अयप्पा चालीसा का पाठ सुबह या शाम के समय करना उचित होता है। निर्धारित समय से अधिक समय तक पाठ न करें और अनावश्यक विलंब से बचें।
  5. साधना की गुप्तता: साधना को गुप्त रखना महत्वपूर्ण है। इसे किसी के सामने प्रदर्शन करने के बजाय व्यक्तिगत रूप से करें।
  6. सामग्री की शुद्धता: पूजा के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री (धूप, दीप, प्रसाद) शुद्ध होनी चाहिए।
  7. अनुशासन बनाए रखें: किसी भी प्रकार के अनुशासनहीनता से बचें और साधना के नियमों का पालन करें।

अयप्पा चालीसा से संबंधित पृश्न उत्तर

  1. अयप्पा चालीसा क्या है?
    अयप्पा चालीसा भगवान अयप्पा की स्तुति में लिखा गया एक धार्मिक पाठ है, जिसे भक्त उनकी पूजा और आराधना के लिए पढ़ते हैं।
  2. अयप्पा चालीसा का पाठ क्यों करें?
    यह चालीसा जीवन में आने वाली कठिनाइयों, संकटों और बाधाओं से मुक्ति के लिए पढ़ी जाती है और भगवान अयप्पा की कृपा प्राप्त करने के लिए की जाती है।
  3. क्या अयप्पा चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है?
    हाँ, अयप्पा चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन सोमवार और शुक्रवार को इसका विशेष महत्व माना जाता है।
  4. अयप्पा चालीसा का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
    अयप्पा चालीसा का पाठ 41 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।
  5. क्या अयप्पा चालीसा का पाठ अकेले किया जा सकता है?
    हाँ, अयप्पा चालीसा का पाठ अकेले भी किया जा सकता है।
  6. क्या अयप्पा चालीसा का पाठ घर पर किया जा सकता है?
    हाँ, इसे घर पर भी किया जा सकता है। पाठ के लिए एक पवित्र स्थान का चयन करें।
  7. अयप्पा चालीसा का पाठ करने के लिए विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता होती है?
    हाँ, धूप, दीप और प्रसाद की आवश्यकता होती है।
  8. क्या अयप्पा चालीसा का पाठ करने से सभी संकट दूर हो सकते हैं?
    हाँ, यदि इसे श्रद्धा और विश्वास से किया जाए तो यह सभी संकटों और बाधाओं को दूर करने में सहायक होती है।
  9. अयप्पा चालीसा का पाठ कौन कर सकता है?
    कोई भी व्यक्ति, चाहे वह पुरुष हो या महिला, अयप्पा चालीसा का पाठ कर सकता है।
  10. क्या अयप्पा चालीसा का पाठ समूह में किया जा सकता है?
    हाँ, इसे समूह में भी किया जा सकता है।
  11. अयप्पा चालीसा का पाठ करने के दौरान क्या ध्यान रखना चाहिए?
    ध्यान रखें कि साधना गुप्त रहे और पूरे नियमों का पालन किया जाए। मानसिक एकाग्रता बनाए रखें।
  12. क्या अयप्पा चालीसा के पाठ से मनोकामनाएं पूरी होती हैं?
    हाँ, इस चालीसा का पाठ मनोकामनाओं की पूर्ति में सहायक होता है।
  13. अयप्पा चालीसा के पाठ के बाद क्या करना चाहिए?
    पाठ के बाद भगवान अयप्पा की प्रार्थना करें और प्रसाद ग्रहण करें।
  14. क्या अयप्पा चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष स्थान होता है?
    नहीं, इसे घर के किसी भी पवित्र स्थान पर किया जा सकता है।
  15. क्या अयप्पा चालीसा का पाठ करने से भौतिक समृद्धि प्राप्त होती है?
    हाँ, अयप्पा चालीसा का पाठ भौतिक समृद्धि और जीवन में सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है।

अयप्पा चालीसा एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है जो भक्तों को भगवान अयप्पा की कृपा प्राप्त करने और जीवन की समस्याओं से उबरने में मदद करता है। इसे पूरी श्रद्धा और नियमों के अनुसार पढ़ने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।

Related Articles

Stay Connected

65,000फैंसलाइक करें
1,542फॉलोवरफॉलो करें
775,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें
- Advertisement -spot_img

Latest Articles