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Mundamalini Kali Mantra for Strong Protection

मुंडमालिनी काली- चारो तरफ से सुरक्षा पाये

रक्षा करने वाली माता मुंडमालिनी काली का मंत्र उग्र और शक्तिशाली माना जाताप है। काली देवी, जो सृष्टि की शक्ति और विनाश का प्रतीक मानी जाती हैं, मुंडमालिनी के रूप में और भी अधिक भयावह और प्रभावशाली होती हैं। उनके गले में मुंडों की माला होती है, जिसे ‘मुंडमाला’ कहा जाता है, और इसी कारण उन्हें मुंडमालिनी कहा जाता है। यह रूप इस बात का प्रतीक है कि देवी काली अपने भक्तों के सभी शत्रुओं और बुरी शक्तियों का नाश कर उन्हें भयमुक्त करती हैं। मुंडमालिनी काली की उपासना से साधक को आत्मबल, अदम्य शक्ति और कठिन परिस्थितियों में साहस प्राप्त होता है।

मुंडमालिनी काली का मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र: ॐ क्रीं मुंडमालिने क्लीं हुं फट्ट

अर्थ: इस मंत्र का अर्थ अत्यंत गूढ़ और शक्तिशाली है।

  • “ॐ” ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो सभी ध्वनियों की जननी मानी जाती है।
  • “क्रीं” देवी काली का बीज मंत्र है, जो उनकी अपार शक्ति का प्रतीक है।
  • “मुंडमालिने” का अर्थ है वह, जो मुंडों की माला धारण करती हैं, अर्थात् मुंडमालिनी काली।
  • “क्लीं” कामदेव का बीज मंत्र है, जो आकर्षण और प्रेम का प्रतीक है।
  • “हुं” ध्वनि का संबंध विनाश और शक्ति से है, जो सभी बुरे प्रभावों को समाप्त करने की शक्ति प्रदान करता है।
  • “फट्ट” मंत्र का अंतिम शब्द है, जिसका अर्थ है कि सभी नकारात्मक शक्तियों का अंत हो और साधक की रक्षा हो।

यह मंत्र देवी काली की विशेष कृपा और शक्ति को आकर्षित करने का एक माध्यम है, जिससे साधक को अद्वितीय सुरक्षा, साहस, और शक्ति प्राप्त होती है।

मुंडमालिनी काली मंत्र के लाभ

  1. भय का नाश: यह मंत्र सभी प्रकार के भय और आशंकाओं को समाप्त करता है।
  2. सुरक्षा: साधक को बुरी शक्तियों और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है।
  3. आत्म-विश्वास: मंत्र के नियमित जप से आत्म-विश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
  4. शत्रुओं से मुक्ति: शत्रुओं से मुक्ति दिलाता है और उनके बुरे इरादों को विफल करता है।
  5. रोगों से छुटकारा: शारीरिक और मानसिक रोगों का नाश करता है।
  6. धन-संपत्ति: आर्थिक स्थिति में सुधार लाता है और धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  7. आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  8. शांति और संतुलन: मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
  9. संतान प्राप्ति: संतान प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
  10. कार्य सिद्धि: किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण करने में सहायता करता है।
  11. सुख-समृद्धि: जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का वातावरण बनाता है।
  12. कर्म सुधार: व्यक्ति के कर्मों में सुधार और सकारात्मकता लाता है।
  13. स्वास्थ्य: उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करता है।
  14. विवाह संबंधित समस्याओं का समाधान: वैवाहिक जीवन की समस्याओं का समाधान करता है।
  15. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से रक्षा करता है।
  16. ज्ञान और बुद्धि: ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि करता है।
  17. दुर्घटना से बचाव: दुर्घटनाओं और आपदाओं से बचाव करता है।
  18. यात्रा में सुरक्षा: यात्रा के दौरान सुरक्षा और सफलता मिलती है।
  19. सफलता: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
  20. मंत्र सिद्धि: मंत्र के नियमित जप से मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।

मुंडमालिनी काली मंत्र विधि

मंत्र जप का दिन और मुहूर्त

मुंडमालिनी काली के मंत्र का जप मंगलवार, शनिवार, और अमावस्या के दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसके अलावा, अष्टमी तिथि भी इस मंत्र के जप के लिए उपयुक्त मानी जाती है। रात्रि का समय, विशेषकर मध्यरात्रि, इस मंत्र के जप के लिए अत्यधिक फलदायी माना गया है।

तीन बाती वाला दीपक जलाकर माता काली के फोटो के साथ अपने सामने रखे। मुंड मुद्रा लगाकर १० बार प्राणायाम करे। अब मुंडमालिनी काली मंत्र का जप ३० मिनट तक मुद्रा लगाकर जप करे, ऐसा ११ या २१ दिन तक लगातार करे। फिर किसी जरूरतमंद को भोजन या फल दान करे।

Munda Mudra Video

अवधि

मंत्र जप की अवधि साधक के संकल्प पर निर्भर करती है। साधारणत: 11 दिन या 21 दिन तक इस मंत्र का जप किया जाता है। यदि साधक को पूर्ण लाभ प्राप्त करना है तो उसे पूरे विश्वास और नियम के साथ यह जप करना चाहिए।

नियम

  1. स्वच्छता: मंत्र जप से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. शुद्धि: मन, वचन, और कर्म की शुद्धि बनाए रखें।
  3. स्थान: शांत और पवित्र स्थान पर मंत्र जप करें।
  4. ध्यान: मुंडमालिनी काली की मूर्ति या चित्र के सामने ध्यान लगाकर मंत्र जप करें।
  5. आसन: कुश के आसन का प्रयोग करें, यह ऊर्जा का संरक्षण करता है।
  6. माला: रुद्राक्ष या काले चन्दन की माला से मंत्र का जप करें।
  7. समय: हर दिन एक ही समय पर जप करने का प्रयास करें, यह मन को स्थिरता देता है।
  8. भोजन: शुद्ध और सात्विक भोजन करें।
  9. संख्या: मंत्र का जप 108 बार करना चाहिए, इसे एक माला कहा जाता है।
  10. समर्पण: पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मंत्र का जप करें।

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मंत्र जप के दौरान सावधानियाँ

  1. मन की एकाग्रता: जप के दौरान मन को विचलित न होने दें।
  2. सात्विक आहार: जप के दौरान सात्विक आहार का पालन करें, इससे मन शांत रहता है।
  3. अल्कोहल और मांसाहार से बचें: जप के दौरान इनका सेवन न करें।
  4. सकारात्मक विचार: हमेशा सकारात्मक विचारों को अपनाएं और नकारात्मकता से दूर रहें।
  5. समर्पण: मंत्र जप के समय देवी काली के प्रति पूर्ण समर्पण और श्रद्धा रखें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

  1. मुंडमालिनी काली कौन हैं?
    मुंडमालिनी काली देवी काली का एक उग्र रूप हैं, जो मुंडों की माला धारण करती हैं और सभी प्रकार की नकारात्मकताओं का नाश करती हैं।
  2. मुंडमालिनी काली का मंत्र क्या है?
    मुंडमालिनी काली का मंत्र है: ॐ क्रीं मुंडमालिने क्लीं हुं फट्ट।
  3. इस मंत्र का अर्थ क्या है?
    इस मंत्र का अर्थ है कि हम मुंडमालिनी काली की स्तुति करते हैं और उन्हें नकारात्मक शक्तियों का नाश करने के लिए आह्वान करते हैं।
  4. मंत्र का जप किस दिन करें?
    मंगलवार, शनिवार, अमावस्या और अष्टमी के दिन मंत्र का जप करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
  5. मंत्र जप का उचित समय क्या है?
    मंत्र जप का उचित समय रात्रि का होता है, विशेषकर मध्यरात्रि।
  6. मंत्र जप के लाभ क्या हैं?
    मंत्र जप के लाभों में भय का नाश, सुरक्षा, आत्म-विश्वास में वृद्धि, शत्रुओं से मुक्ति, और शारीरिक एवं मानसिक रोगों का नाश शामिल हैं।
  7. मंत्र जप के नियम क्या हैं?
    मंत्र जप के नियमों में स्वच्छता, शुद्धि, शांत और पवित्र स्थान का चयन, ध्यान, और नियमितता शामिल हैं।
  8. मंत्र जप के दौरान क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
    मंत्र जप के दौरान मन की एकाग्रता, सात्विक आहार का पालन, अल्कोहल और मांसाहार से परहेज, और सकारात्मक विचारों का ध्यान रखना चाहिए।
  9. मंत्र जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
    मंत्र जप की अवधि 11 दिन या 21 दिन तक हो सकती है, यह साधक के संकल्प पर निर्भर करता है।
  10. मंत्र जप के लिए कौन सी माला उपयुक्त है?
    रुद्राक्ष या काले चन्दन की माला उपयुक्त मानी जाती है।
  11. मंत्र जप के दौरान क्या पहनना चाहिए?
    स्वच्छ और हल्के रंग के वस्त्र पहनना चाहिए, विशेषकर सफेद या पीले रंग के।

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