Bagh Bhairav Mantra for Protection

सुरक्षा व साधना मे सफलता देने वाले बाघ भैरव एक प्रमुख भैरव माने जाते है। बाघ भैरव, भैरव का एक विशेष रूप हैं जिनका संबंध विशेष रूप से उग्रता और शक्ति से है। बाघ भैरव को संहारकारी शक्तियों का स्वामी माना जाता है, और इनकी साधना से साधक में साहस, शक्ति, और आत्मविश्वास का संचार होता है। बाघ भैरव की पूजा से साधक को शक्ति, सुरक्षा, धन, और सिद्धियाँ प्राप्त होने की आशा की जाती है।

बाघ भैरव मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

बाघ भैरव का मंत्र “ॐ भ्रं बाघ भैरवाय नमः” है। इस मंत्र का अर्थ है:

  • : यह परमात्मा, ब्रह्मांडीय ध्वनि, और संपूर्णता का प्रतीक है।
  • भ्रं: यह बीज मंत्र है जो विशेष उर्जा का वाहक है।
  • बाघ भैरवाय: बाघ भैरव, भगवान शिव के उग्र रूप को संबोधित करता है।
  • नमः: नमस्कार या प्रणाम का प्रतीक है।

इस प्रकार, यह मंत्र बाघ भैरव को नमन और आह्वान करता है।

मंत्र के लाभ

  1. भय से मुक्ति: इस मंत्र का जाप करने से साधक सभी प्रकार के भय से मुक्त हो जाता है।
  2. आत्मविश्वास में वृद्धि: यह मंत्र साधक के आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  3. शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश और उनका प्रभाव समाप्त करने में सहायक।
  4. साहस का संचार: साधक में साहस और दृढ़ता का संचार।
  5. अवसाद से मुक्ति: मानसिक अवसाद और तनाव से मुक्ति दिलाता है।
  6. आध्यात्मिक उन्नति: साधक की आध्यात्मिक यात्रा को प्रगति प्रदान करता है।
  7. तंत्र-मंत्र से सुरक्षा: नकारात्मक तंत्र-मंत्र और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
  8. धन-धान्य की प्राप्ति: धन और संपत्ति की प्राप्ति में सहायक।
  9. स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार।
  10. शांति और संतुलन: मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
  11. दुर्घटनाओं से रक्षा: दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं से सुरक्षा।
  12. कार्य में सफलता: व्यवसाय और नौकरी में सफलता दिलाता है।
  13. वास्तु दोष निवारण: घर और कार्यस्थल के वास्तु दोषों का निवारण।
  14. कुंडली दोष निवारण: कुंडली के ग्रह दोषों का समाधान।
  15. प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: भूकंप, तूफान, बाढ़ आदि से रक्षा।
  16. सकारात्मक ऊर्जा का संचार: घर और आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
  17. परिवार में सुख-शांति: परिवार में सुख और शांति का वातावरण बनाता है।
  18. कानूनी मामलों में विजय: अदालत के मामलों में सफलता दिलाता है।
  19. धार्मिक अनुष्ठानों में सफलता: धार्मिक कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  20. प्रेम संबंधों में मजबूती: प्रेम संबंधों और वैवाहिक जीवन में मजबूती प्रदान करता है।

मंत्र विधि

बाघ भैरव मंत्र के जाप की विधि निम्नलिखित है:

दिन और अवधि

  1. दिन: इस मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को अधिक प्रभावी माना जाता है।
  2. अवधि: 11 से 21 दिनों तक इस मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए।
  3. मुहुर्त: ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) और रात्रि के समय (रात्रि 10 से 12 बजे) जाप के लिए उत्तम माने जाते हैं।

सामग्री

  1. माला: रुद्राक्ष या चंदन की माला का उपयोग किया जा सकता है।
  2. दीपक: तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
  3. अगरबत्ती: अगरबत्ती या धूप का प्रयोग करें।
  4. आसन: कुश का आसन या लाल कपड़े का आसन उत्तम होता है।
  5. जल और फूल: एक पात्र में जल और पुष्प रखें।

नियम

  1. शुद्धि: जाप करने से पहले शरीर और मन को शुद्ध करें। स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. आसन: आसन पर बैठकर स्थिर और शांत मन से मंत्र जाप करें।
  3. माला का प्रयोग: माला को दाएं हाथ में लेकर अनामिका और अंगूठे से जाप करें। तर्जनी का प्रयोग न करें।
  4. जप संख्या: प्रतिदिन 108 बार (एक माला) से प्रारंभ करें, फिर धीरे-धीरे इसे बढ़ाकर 11 माला तक ले जाएं।
  5. संकल्प: जाप से पहले संकल्प लें और बाघ भैरव को प्रणाम करें।

Panchanguli sadhana shivir

सावधानियाँ

  1. अशुद्धि से बचें: जाप करते समय अशुद्ध विचार और कार्यों से दूर रहें।
  2. अनुशासन: समय और संख्या का पालन करें। बीच में रुकावट न आने दें।
  3. शुद्ध स्थान: जाप के लिए स्वच्छ और शांत स्थान का चयन करें।
  4. धैर्य: धैर्य और विश्वास बनाए रखें। जल्दी परिणाम की अपेक्षा न करें।
  5. दिशा: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

  1. बाघ भैरव कौन हैं?
    बाघ भैरव भगवान शिव के उग्र रूप हैं और तंत्र साधना में विशेष महत्व रखते हैं।
  2. बाघ भैरव मंत्र का अर्थ क्या है?
    यह मंत्र बाघ भैरव को नमन और आह्वान करता है।
  3. इस मंत्र का जाप कब किया जाना चाहिए?
    मंगलवार और शनिवार को विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है।
  4. मंत्र जाप के लिए कौन सी माला उपयुक्त है?
    रुद्राक्ष या चंदन की माला उत्तम होती है।
  5. मंत्र जाप से क्या लाभ होते हैं?
    भय से मुक्ति, आत्मविश्वास में वृद्धि, शत्रु नाश आदि लाभ होते हैं।
  6. क्या मंत्र जाप के लिए विशेष दिशा का पालन करना चाहिए?
    हां, उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करना चाहिए।
  7. जाप के दौरान क्या सावधानी रखनी चाहिए?
    अशुद्ध विचार और कार्यों से दूर रहना चाहिए।
  8. मंत्र जाप की अवधि कितनी होनी चाहिए?
    11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से जाप करना चाहिए।
  9. क्या मंत्र जाप से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
    हां, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  10. क्या मंत्र जाप से तंत्र-मंत्र का प्रभाव समाप्त होता है?
    हां, यह नकारात्मक तंत्र-मंत्र और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
  11. मंत्र जाप के लिए क्या सामग्री आवश्यक है?
    रुद्राक्ष माला, दीपक, अगरबत्ती, आसन, जल और फूल आवश्यक हैं।
  12. क्या मंत्र जाप से दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है?
    हां, दुर्घटनाओं और अप्रिय घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।
  13. क्या मंत्र जाप से धन-धान्य की प्राप्ति होती है?
    हां, धन और संपत्ति की प्राप्ति में सहायक होता है।
  14. क्या मंत्र जाप से कानूनी मामलों में विजय प्राप्त होती है?
    हां, अदालत के मामलों में सफलता मिलती है।

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