Bagishwari Mantra – Unlocking Speech & Wisdom

बागीश्वरी मंत्र: अद्भुत शक्ति और गूढ़ ज्ञान का स्रोत

बागीश्वरी मंत्र माता अष्ट सरस्वती का महत्वपूर्ण स्वरूप है। यह मंत्र स्वप्न का सही फल, प्रश्नों का उत्तर और वाकपटुता प्रदान करता है। इसके नियमित जप से गूढ़ ज्ञान, सीखने की क्षमता और जीवन में सकारात्मकता का विकास होता है। यह मंत्र वाणी और बुद्धि का अद्वितीय साधन है।


विनियोग मंत्र और उसका अर्थ

विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री बागीश्वरी मंत्रस्य, ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छंदः, बागीश्वरी देवता, वाक सिद्धये विनियोगः।”

अर्थ:
इस मंत्र का ऋषि ब्रह्मा हैं, छंद गायत्री है, देवी बागीश्वरी इसका अधिष्ठान हैं। यह मंत्र वाणी और बुद्धि की सिद्धि के लिए समर्पित है।


दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ पूर्वायै नमः। ॐ आग्नेयायै नमः। ॐ दक्षिणायै नमः। ॐ नैऋत्यायै नमः। ॐ पश्चिमायै नमः। ॐ वायव्यायै नमः।
ॐ उत्तरायै नमः। ॐ ईशानायै नमः। ॐ ऊर्ध्वायै नमः। ॐ अधः नमः।”

अर्थ:
दिग्बंधन मंत्र दसों दिशाओं की सुरक्षा और शक्ति प्रदान करता है। इससे साधक को ध्यान और जप में किसी प्रकार की बाधा नहीं आती।


बागीश्वरी मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

बागीश्वरी मंत्र:
“ॐ नमो पद्मासने शब्दरूप्रे ऐं ह्रीं क्लीं वद वद वाग्वादिनी स्वाहा।”

मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: यह ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक है, जो समस्त शक्ति का मूल है।
  • नमो: देवी बागीश्वरी को समर्पित होकर उन्हें प्रणाम करना।
  • पद्मासने: कमल पर विराजमान देवी का ध्यान। यह कमल सृजन और पवित्रता का प्रतीक है।
  • शब्दरूप्रे: देवी की स्वरूप शक्ति, जो वाणी और शब्द की जननी हैं।
  • ऐं: यह बीज मंत्र सरस्वती का प्रतीक है, जो ज्ञान, विद्या और वाणी प्रदान करती हैं।
  • ह्रीं: शक्ति और मन की एकाग्रता का बीज मंत्र है।
  • क्लीं: यह आकर्षण और सफलता का बीज मंत्र है।
  • वद वद: देवी से विनती है कि हमारी वाणी में मधुरता और स्पष्टता प्रदान करें।
  • वाग्वादिनी: वाणी और बुद्धि की अधिष्ठात्री देवी का आह्वान।
  • स्वाहा: यह मंत्र की पूर्णता का सूचक है और शक्ति का आह्वान है।

मंत्र का महत्व:

यह मंत्र देवी बागीश्वरी की कृपा प्राप्त करने के लिए है। इसे जपने से वाणी में मधुरता, संवाद कौशल, और वाकपटुता बढ़ती है। साथ ही, यह गूढ़ ज्ञान और बुद्धि के विकास में सहायक होता है।


जप काल में इन चीजों का सेवन ज्यादा करें

मंत्र जप के दौरान मानसिक शांति और शरीर की ताजगी बनाए रखने के लिए कुछ खास चीजों का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। बागीश्वरी मंत्र के जप के समय निम्नलिखित चीजों का सेवन करने से मानसिक और शारीरिक ऊर्जा बढ़ती है:

  1. जल:
    जप के समय ताजे पानी का सेवन करें। यह शरीर को शुद्ध करता है और मानसिक एकाग्रता को बढ़ाता है।
  2. शहद:
    शहद मानसिक ताजगी के लिए उत्तम है। यह शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है।
  3. ताजे फल और सब्जियाँ:
    ताजे फल और हरी सब्जियाँ मानसिक शांति और शारीरिक ताजगी बनाए रखने में मदद करती हैं। ये शरीर को पोषण देती हैं और ध्यान को एकाग्र करने में सहायक होती हैं।
  4. दूध और घी:
    जप के दौरान गाय का ताजा दूध और घी का सेवन करें। यह शारीरिक बल और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है।
  5. नारियल पानी:
    नारियल पानी शरीर को शीतल और शांत बनाए रखता है। यह जप के दौरान शारीरिक और मानसिक ऊर्जा को संतुलित करता है।
  6. तुलसी के पत्ते:
    तुलसी के पत्तों का सेवन करने से मन शुद्ध होता है, और जप के समय एकाग्रता में मदद मिलती है।

इन चीजों का सेवन जप के समय मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, जिससे मंत्र जप में अधिक प्रभावी परिणाम मिलते हैं।


बागीश्वरी मंत्र के लाभ

  1. वाकपटुता और संवाद कौशल में वृद्धि।
  2. गूढ़ ज्ञान की प्राप्ति।
  3. स्वप्नों का सटीक फल।
  4. सीखने की क्षमता में सुधार।
  5. बुद्धिमत्ता और विवेक में वृद्धि।
  6. आत्मविश्वास का विकास।
  7. परीक्षा में सफलता।
  8. रचनात्मकता का उभार।
  9. मानसिक शांति।
  10. निर्णय क्षमता का विकास।
  11. संघर्षों से मुक्ति।
  12. कार्यों में सफलता।
  13. वाणी में आकर्षण।
  14. जीवन में स्थिरता।
  15. पारिवारिक समस्याओं का समाधान।
  16. आध्यात्मिक प्रगति।
  17. आशीर्वाद और सुरक्षा।
  18. सकारात्मक ऊर्जा का संचार।

पूजा सामग्री और मंत्र विधि

सामग्री:

  • सफेद कपड़ा
  • दीपक और अगरबत्ती
  • कुमकुम, चंदन और फूल
  • तुलसी के पत्ते
  • पीला आसन

विधि:

  1. साफ और शांत स्थान पर पूजा करें।
  2. पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. दीपक जलाएं और अगरबत्ती जलाएं।
  4. बागीश्वरी मंत्र का जप आरंभ करें।

जप का समय:

  • शुभ मुहूर्त में सुबह 5 से 6 बजे के बीच।
  • 20 मिनट तक प्रतिदिन 18 दिनों तक।

मंत्र जप के नियम

  1. जपकर्ता की उम्र 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री और पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से परहेज करें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप के दौरान सावधानियां

  • ध्यान भटकाने वाले उपकरणों से दूर रहें।
  • जप के समय मन को शांत रखें।
  • मंत्र उच्चारण स्पष्ट और सही करें।
  • जप के बाद किसी से बात न करें।
  • केवल शुद्ध और सात्विक भोजन करें।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: बागीश्वरी मंत्र कौन जप सकता है?
उत्तर: 20 वर्ष से ऊपर का कोई भी स्त्री या पुरुष जप कर सकता है।

प्रश्न 2: मंत्र जप का समय क्या है?
उत्तर: सुबह 5 से 6 बजे का समय सबसे उपयुक्त है।

प्रश्न 3: क्या काले कपड़े पहन सकते हैं?
उत्तर: नहीं, काले कपड़े वर्जित हैं।

प्रश्न 4: मंत्र का अर्थ क्या है?
उत्तर: यह वाणी की शक्ति और ज्ञान को बढ़ाता है।

प्रश्न 5: मंत्र जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: 18 दिन तक नियमित जप करें।

प्रश्न 6: क्या यह परीक्षा में सफलता दिलाता है?
उत्तर: हां, यह ध्यान और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है।

प्रश्न 7: क्या इसे किसी भी दिन जप सकते हैं?
उत्तर: शुभ मुहूर्त में जप करना सर्वोत्तम है।

प्रश्न 8: क्या बच्चों के लिए उपयोगी है?
उत्तर: हां, यह बच्चों की बुद्धि और ध्यान को बढ़ाता है।

प्रश्न 9: क्या मासाहार के बाद जप किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, मासाहार से परहेज करना चाहिए।

प्रश्न 10: जप के लिए कौन सा आसन उपयोगी है?
उत्तर: पीला या सफेद आसन उपयोगी है।

प्रश्न 11: क्या कोई विशेष पूजा सामग्री चाहिए?
उत्तर: दीपक, फूल, तुलसी और कुमकुम जरूरी हैं।

प्रश्न 12: क्या यह मंत्र वाणी की समस्या दूर करता है?
उत्तर: हां, यह वाणी में सुधार करता है।

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