रहस्यमयी बगलामुखी साधना व राहु-केतु दोष निवारण
Baglamukhi Sadhana to Eliminate – राहु-केतु दोष व्यक्ति के जीवन में अचानक बाधाएं, मानसिक अशांति, कोर्ट केस, शत्रु प्रकोप, व्यापार में हानि और रोगों को जन्म देता है। लेकिन एक अचूक रहस्य है जो इस दोष से राहत दिला सकता है – “कुम्हार की मिट्टी” का प्रयोग और माँ बगलामुखी की साधना।
माँ बगलामुखी, दस महाविद्याओं में आठवीं हैं, जिनका प्रभाव शत्रुनाश, न्याय में विजय, और दिमागी नियंत्रण में अचूक है। यदि राहु-केतु की अशुभ दशा चल रही हो, अचानक बुरे स्वप्न, दुर्घटनाएं या भय का अनुभव हो रहा हो – तो माँ पीतांबरा की साधना अत्यंत प्रभावशाली सिद्ध हो सकती है।
कुम्हार की मिट्टी एक विशेष तत्त्व होती है, जो पंचतत्त्वों में पृथ्वी का प्रतिनिधित्व करती है और राहु-केतु की ऊर्जा को अवशोषित कर तटस्थ कर देती है। जब इस मिट्टी से बनायीं गयी वेदी पर बगलामुखी साधना की जाए तो यह मिलकर शक्तिशाली कवच का निर्माण करती है।
मंत्र:
ॐ ह्ल्रीं पीतांबरेश्वरी क्लीं स्वाहा।
मंत्र का अर्थ:
- ॐ – परम ब्रह्म की ध्वनि
- ह्ल्रीं – बगलामुखी का बीज मंत्र, ऊर्जा को रोकने वाला
- पीतांबरेश्वरी – पीले वस्त्र धारण करने वाली देवी
- क्लीं – आकर्षण और विजय का बीज
- स्वाहा – समर्पण व पूर्णता
यह मंत्र व्यक्ति की मानसिक शक्ति को बढ़ाकर, शत्रु की वाणी और योजनाओं को पलटने की क्षमता देता है।
चमत्कारी लाभ
- राहु-केतु दोष का शमन
- अचानक दुर्घटनाओं से सुरक्षा
- कोर्ट केस में विजय
- मानसिक भय का अंत
- शत्रु परास्त होते हैं
- आत्मविश्वास में वृद्धि
- वाणी पर नियंत्रण
- कालसर्प योग में राहत
- आर्थिक रुकावट दूर होती है
- गुप्त शत्रुओं से बचाव
- गलत निर्णयों से रक्षा
- नींद में भय व स्वप्न दोष दूर
- नौकरी में स्थिरता
- विवाह संबंधी अड़चनें दूर
- आध्यात्मिक शक्ति की प्राप्ति
शुभ मुहूर्त (Muhurat)
बगलामुखी साधना के लिए शुभ मुहूर्त:
- तिथि: कृष्ण पक्ष की अष्टमी, अमावस्या, या मंगलवार/शनिवार
- समय: रात्रि 9 बजे के बाद
- स्थान: शांत, एकांत कमरा या पूजा स्थान
Book – Kumbh Vivah Pujan Shivir
साधना विधि (Vidhi) – 25 मिनट व 5 दिन का जप
सामग्री:
- कुम्हार की मिट्टी (शुद्ध, बिना पकी)
- पीला वस्त्र
- बगलामुखी यंत्र (यदि उपलब्ध हो)
- पीली हल्दी, चने की दाल, पीला फूल
- घी का दीपक, अगरबत्ती, जल
पहला चरण (वेदी निर्माण):
- कुम्हार की मिट्टी से चौकोर वेदी बनाएं।
- उस पर पीला वस्त्र बिछाकर बगलामुखी यंत्र या चित्र रखें।
दूसरा चरण (25 मिनट जप):
- आँखें बंद करके ‘ॐ ह्ल्रीं पीतांबरेश्वरी क्लीं स्वाहा’ मंत्र का 25 मिनट तक जाप करें।
- जाप के समय पीला दीपक जलता रहे।
तीसरा चरण (5 दिन तक साधना):
- लगातार 5 दिन तक उसी स्थान पर रोज 25 मिनट का जप करें।
- पीली चीजें चढ़ाएं – चने की दाल, हल्दी, पीला फूल।
महत्वपूर्ण निर्देश:
- जप से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- एक ही समय पर जप करें, और साधना पूर्ण होने के बाद मिट्टी को किसी पीपल या नीम के पेड़ के नीचे respectfully विसर्जित करें।
महत्वपूर्ण FAQs
Q1. क्या यह साधना घर पर की जा सकती है?
हाँ, यदि नियम और एकाग्रता से की जाए तो घर में भी यह साधना प्रभावशाली होती है।
Q2. पुरुष और स्त्री दोनों कर सकते हैं?
हाँ, दोनों कर सकते हैं, लेकिन महिलाओं को रजस्वला काल में साधना से विरत रहना चाहिए।
Q3. कुम्हार की मिट्टी कहां से लें?
किसी स्थानीय कुम्हार से ली जा सकती है या बिना पकी प्राकृतिक मिट्टी भी चलेगी।
Q4. क्या यंत्र जरूरी है?
यदि यंत्र न हो तो माँ बगलामुखी का चित्र या प्रतीकात्मक प्रतीमा भी पर्याप्त है।
Q5. मंत्र कितनी बार जपें?
समय के अनुसार कम से कम 25 मिनट तक लगातार जप करें, इससे 3 से 5 माला तक हो जाता है।
Q6. यदि साधना अधूरी रह जाए तो क्या हो?
फिर से पहले दिन से आरंभ करें, लेकिन अधूरी साधना के दिन माफ़ी मांगें।
Q7. क्या यह उपाय कोर्ट केस में मदद करता है?
हाँ, माँ बगलामुखी की शक्ति से शत्रु की वाणी रुकती है और न्याय में विजय मिलती है।
बगलामुखी साधना और कुम्हार की मिट्टी का यह विशेष उपाय राहु-केतु दोष को हटाने में बेहद प्रभावशाली है। यह न केवल आपकी बाधाओं को दूर करता है, बल्कि मानसिक शक्ति, शत्रु नियंत्रण और आध्यात्मिक विकास भी देता है। माँ पीतांबरा का आशीर्वाद जीवन के हर संकट को अवसर में बदल सकता है।