Buy now

spot_img
spot_img

Bhadrakali Mantra for obstacles

हर तरह के भय को दूर करने वाली भद्रकाली एक प्रमुख हिन्दू देवी हैं, जो पश्चिम बंगाल और केरल के कुछ क्षेत्रों में विशेष रूप से पूजी जाती हैं। वह दुर्गा के देवी रूपों में से एक हैं और इनकी पूजा शनिवार, शनिवार, ग्रहण, अमवस्या, दशमी के दिन की जाती हैं।

भद्रकाली का अर्थ है “शुभ काली”, और वे देवी काली का एक स्वरूप मानी जाती हैं। देवी काली विनाश और पुनर्निर्माण की देवी हैं, और वे शक्ति, साहस और प्रचंडता का प्रतीक हैं। भद्रकाली को शक्ति का एक रूप माना जाता है जो कि राक्षसों और बुरी शक्तियों का विनाश करती हैं।

मंत्र व उसका अर्थ

मंत्र का अर्थ

  • “: यह ध्वनि ब्रह्माण्ड की प्राथमिक ध्वनि है और इसे सर्वशक्तिमान की शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
  • क्रीं“: यह बीज मंत्र है जो शक्ति, सृजन और विनाश की शक्ति का प्रतीक है।
  • भद्रकाली“: यह देवी भद्रकाली का नाम है, जो शुभ और विनाशकारी शक्ति की देवी हैं।
  • स्वाहा“: यह शब्द मंत्र के पूर्ण होने का संकेत देता है और समर्पण का प्रतीक है।

लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति की ओर प्रेरित करता है।
  2. संकटों से मुक्ति: यह मंत्र संकट और समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
  3. शत्रुओं से रक्षा: यह मंत्र शत्रुओं और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
  4. स्वास्थ्य में सुधार: यह मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
  5. आत्मविश्वास बढ़ाना: यह मंत्र आत्मविश्वास और साहस को बढ़ाता है।
  6. शांति और स्थिरता: यह मंत्र मानसिक शांति और स्थिरता लाता है।
  7. सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र सकारात्मक ऊर्जा और वातावरण का निर्माण करता है।
  8. धन और समृद्धि: यह मंत्र धन और समृद्धि की प्राप्ति में सहायता करता है।
  9. कार्य में सफलता: यह मंत्र कार्यों में सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है।
  10. भय का नाश: यह मंत्र भय और अज्ञानता का नाश करता है।
  11. सद्बुद्धि प्राप्ति: यह मंत्र सद्बुद्धि और विवेक की प्राप्ति में सहायता करता है।
  12. संतान सुख: यह मंत्र संतान सुख और संतान की सुरक्षा प्रदान करता है।
  13. वैवाहिक सुख: यह मंत्र वैवाहिक जीवन में सुख और सामंजस्य लाता है।
  14. विवाह में बाधा दूर करना: यह मंत्र विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर करता है।
  15. विद्या प्राप्ति: यह मंत्र विद्या और ज्ञान की प्राप्ति में सहायक होता है।
  16. धार्मिक विश्वास बढ़ाना: यह मंत्र धार्मिक विश्वास और आस्था को बढ़ाता है।
  17. मानसिक शक्ति: यह मंत्र मानसिक शक्ति और दृढ़ता को बढ़ाता है।
  18. बाधाओं का नाश: यह मंत्र जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का नाश करता है।
  19. संपूर्ण कल्याण: यह मंत्र संपूर्ण कल्याण और सफलता की प्राप्ति में सहायता करता है।
  20. सर्वकामना पूर्ति: यह मंत्र सभी इच्छाओं और कामनाओं की पूर्ति में सहायता करता है।

जप का दिन, अवधि, मुहुर्त

  1. दिन: भद्रकाली मंत्र का जप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
  2. अवधि: मंत्र जप की अवधि 21 दिनों से लेकर 108 दिनों तक हो सकती है। यह अवधि आपकी श्रद्धा और समय के आधार पर तय की जा सकती है।
  3. मुहुर्त: भद्रकाली मंत्र का जप प्रातःकाल या संध्या समय में किया जा सकता है। ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

नियम

  1. शुद्धता: मंत्र जप से पहले स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. आसन: किसी शांत स्थान पर कुश के आसन पर बैठें।
  3. ध्यान: अपने मन को शांत करें और ध्यान केंद्रित करें।
  4. मंत्र जाप: रुद्राक्ष की माला का प्रयोग कर मंत्र का जप करें। प्रत्येक माला में 108 बार मंत्र का उच्चारण करें।
  5. समर्पण: मंत्र जप के बाद देवी भद्रकाली को पुष्प, धूप और दीप अर्पित करें।
  6. नियमितता: मंत्र जप नियमित रूप से करें। इसके लिए निश्चित समय और स्थान निर्धारित करें।

Get mantra diksha

भद्रकाली मंत्र जप की सावधानियां

  1. व्रत: जप के दौरान सात्विक आहार का सेवन करें और व्रत का पालन करें।
  2. शुद्ध विचार: मंत्र जप के दौरान शुद्ध विचार और सकारात्मक मानसिकता रखें।
  3. नियमों का पालन: मंत्र जप के सभी नियमों का पालन करें और किसी भी नियम का उल्लंघन न करें।
  4. आध्यात्मिक अनुशासन: जप के दौरान अनुशासन और संयम का पालन करें।
  5. अविचलित मन: जप के दौरान मन को विचलित न होने दें और पूर्ण एकाग्रता बनाए रखें।

spiritual store

भद्रकाली मंत्र FAQ

  1. भद्रकाली कौन हैं?
    भद्रकाली हिंदू धर्म की एक प्रमुख देवी हैं, जिन्हें विशेष रूप से दक्षिण भारत में पूजनीय माना जाता है।
  2. भद्रकाली का मुख्य मंत्र क्या है?
    भद्रकाली का मुख्य मंत्र “ॐ क्रीं भद्रकाली क्रीं स्वाहा” है।
  3. भद्रकाली मंत्र का क्या अर्थ है?
    इस मंत्र का अर्थ है देवी भद्रकाली को प्रणाम और समर्पण करना।
  4. भद्रकाली मंत्र का जप कब करना चाहिए?
    भद्रकाली मंत्र का जप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शनिवार विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
  5. भद्रकाली मंत्र का जप कैसे करें?
    मंत्र जप के लिए शुद्धता, ध्यान, नियमों का पालन और अनुशासन आवश्यक है।
  6. भद्रकाली मंत्र के लाभ क्या हैं?
    भद्रकाली मंत्र के लाभों में आध्यात्मिक उन्नति, संकटों से मुक्ति, शत्रुओं से रक्षा, स्वास्थ्य में सुधार आदि शामिल हैं।
  7. भद्रकाली मंत्र का जप कितनी अवधि तक करना चाहिए?
    मंत्र जप की अवधि 21 दिनों से लेकर 108 दिनों तक हो सकती है।
  8. भद्रकाली मंत्र का जप किस मुहुर्त में करना चाहिए?
    भद्रकाली मंत्र का जप प्रातःकाल या संध्या समय में किया जा सकता है। ब्रह्ममुहूर्त सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।
  9. भद्रकाली मंत्र के जप के दौरान कौन-कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?
    जप के दौरान शुद्ध विचार, व्रत, अनुशासन, और मन की एकाग्रता बनाए रखनी चाहिए।
  10. भद्रकाली मंत्र के जप के लिए किस माला का प्रयोग करें?
    रुद्राक्ष की माला का प्रयोग करें। प्रत्येक माला में 108 बार मंत्र का उच्चारण करें।
  11. क्या भद्रकाली मंत्र का जप केवल विशेष अवसरों पर ही करना चाहिए?
    नहीं, भद्रकाली मंत्र का जप किसी भी समय किया जा सकता है, विशेष अवसरों पर इसका महत्व और अधिक हो सकता है।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Choose Pujan Option
spot_img
spot_img

Related Articles

Stay Connected

65,000FansLike
782,365SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency