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Bhairav Sabar Mantra – Success with Career & Prosperity

भैरव साबर मंत्र: हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करने वाला

भैरव साबर मंत्र जीवन में हर प्रकार की सफलता दिलाने वाला अद्भुत मंत्र है। यह मंत्र नौकरी, व्यापार, परिवार और सुरक्षा से संबंधित सभी बाधाओं को दूर करने में सहायक है। इसके नियमित जप से आत्मबल बढ़ता है और भगवान भैरव की कृपा प्राप्त होती है।

विनियोग मंत्र और उसका अर्थ

विनियोग मंत्र (संस्कृत):
ॐ अस्य श्री भैरव साबर मंत्रस्य, भगवान् भैरव ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, भैरव देवता। सर्वकार्यसिद्धये जपे विनियोगः।

अर्थ:
इस भैरव साबर मंत्र का विनियोग भगवान भैरव को समर्पित है। इसका जप सर्वकार्यसिद्धि और हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र (संस्कृत):
ॐ क्रीं कालभैरवाय नमः।

अर्थ:
भगवान काल भैरव की कृपा से सभी दिशाओं से सुरक्षा और शुभता की प्राप्ति होती है।

भैरव साबर मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

भैरव साबर मंत्र:

काल रूप भैरव सत् रूपा, कंकड़ बना शंकर देवा। जहां जाऊं कामख्या बावन बीर चौरासी पूरा। गुरु गोरख यह कहत सुन बूझा, नाम रूप के काम सौ सूझा।

अर्थ:
यह मंत्र भगवान भैरव की स्तुति करते हुए उनकी कृपा से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने का मार्ग दिखाता है। यह मंत्र गुरु गोरखनाथ की कृपा का प्रतीक है और हर बाधा को दूर करने में सहायक है।

जप काल में इन चीजों का सेवन करें

  1. हल्का और सात्विक भोजन करें।
  2. मौसमी फलों का सेवन करें।
  3. शुद्ध जल अधिक मात्रा में पिएं।
  4. काले तिल और गुड़ का प्रयोग करें।

भैरव साबर मंत्र से मिलने वाले लाभ

  1. नौकरी में उन्नति।
  2. व्यापार में वृद्धि।
  3. परिवार में खुशहाली।
  4. शत्रुओं से रक्षा।
  5. आर्थिक लाभ।
  6. मानसिक शांति।
  7. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  8. बाधाओं का निवारण।
  9. स्वास्थ्य लाभ।
  10. विद्या में प्रगति।
  11. आध्यात्मिक उन्नति।
  12. संपत्ति में वृद्धि।
  13. प्रतिष्ठा में वृद्धि।
  14. सुरक्षा की भावना।
  15. संबंधों में सुधार।
  16. सफलता की प्राप्ति।
  17. दुश्मनों पर विजय।
  18. जीवन में स्थिरता।

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पूजा सामग्री और मंत्र जप विधि

आवश्यक सामग्री:

  1. काले तिल।
  2. सरसों का तेल।
  3. दीपक।
  4. सफेद वस्त्र।

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भैरव साबर मंत्र जप विधि

  1. जप का समय: प्रातः ब्रह्ममुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच) का समय जप के लिए सर्वोत्तम है। इस समय वातावरण शांत और ऊर्जा से भरा होता है।
  2. स्नान और वस्त्र: स्नान करके स्वच्छ सफेद या पीले वस्त्र पहनें। जप के दौरान नीले या काले रंग के कपड़े न पहनें।
  3. स्थान का चयन: जप के लिए शुद्ध, शांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें। घर का पूजा स्थान या शांत वातावरण में पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  4. पूजा सामग्री: एक दीपक जलाएं और सरसों के तेल का उपयोग करें। साथ में काले तिल और चावल रखें। भगवान भैरव की तस्वीर या प्रतिमा के सामने दीप जलाएं।
  5. मंत्र जप की अवधि: हर दिन 20 मिनट तक यह मंत्र जपें। इसे लगातार 21 दिनों तक करें, जिससे मंत्र का प्रभाव अधिक शक्तिशाली हो सके।
  6. माला का प्रयोग: जप के लिए रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें। प्रत्येक माला के बाद भगवान भैरव को प्रणाम करें और पुनः जप आरंभ करें।
  7. एकाग्रता बनाए रखें: मंत्र जप करते समय मन को शांत रखें और ध्यान को मंत्र पर केंद्रित करें। बीच में किसी से बात न करें।
  8. भोजन में सात्विकता: जप के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करें। मांसाहार, धूम्रपान, और मद्यपान से परहेज रखें।
  9. मंत्र समर्पण: जप समाप्ति के बाद भगवान भैरव को धन्यवाद दें और अपनी मनोकामना उनके चरणों में समर्पित करें।

भैरव साबर मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से बचें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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भैरव साबर मंत्र जप में सावधानियां

  1. मन और स्थान को शुद्ध रखें।
  2. जप के समय किसी से बात न करें।
  3. जप के लिए पूर्व दिशा में मुख रखें।
  4. मंत्र उच्चारण स्पष्ट और शांतिपूर्ण हो।
  5. जप के बाद प्रसाद वितरित करें।

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भैरव साबर मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: भैरव साबर मंत्र कब जपें?
उत्तर: प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में या सूर्यास्त के बाद।

प्रश्न 2: इस मंत्र के जप से क्या लाभ है?
उत्तर: यह सफलता, सुरक्षा और आर्थिक उन्नति प्रदान करता है।

प्रश्न 3: क्या महिलाएं यह मंत्र जप सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी इसे जप सकती हैं।

प्रश्न 4: कितने दिन तक जप करना चाहिए?
उत्तर: लगातार 21 दिन तक।

प्रश्न 5: क्या विशेष सामग्री की आवश्यकता है?
उत्तर: हां, काले तिल और सरसों का तेल।

प्रश्न 6: क्या मांसाहार स्वीकार्य है?
उत्तर: नहीं, जप के दौरान मांसाहार से बचें।

प्रश्न 7: क्या मंत्र को कंठस्थ करना आवश्यक है?
उत्तर: हां, मंत्र को शुद्ध उच्चारण के साथ जपना चाहिए।

प्रश्न 8: क्या यह मंत्र व्यापार में लाभदायक है?
उत्तर: हां, व्यापार में उन्नति के लिए यह अत्यधिक लाभकारी है।

प्रश्न 9: मंत्र जप का स्थान कैसा हो?
उत्तर: शांत और शुद्ध स्थान हो।

प्रश्न 10: क्या इसे घर पर जप सकते हैं?
उत्तर: हां, इसे घर में भी जप सकते हैं।

प्रश्न 11: मंत्र का प्रभाव कब दिखेगा?
उत्तर: नियमित जप से 21 दिनों में परिणाम दिखने लगते हैं।

प्रश्न 12: क्या किसी गुरु की आवश्यकता है?
उत्तर: गुरु से अनुमति लेने पर अधिक लाभ मिलता है।

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