ब्यापार मोचन लक्ष्मी मंत्र – समृद्धि और सफलता का शक्तिशाली उपाय
ब्यापार मोचन लक्ष्मी मंत्र व्यापारिक समस्याओं को दूर कर आर्थिक समृद्धि और सुख-शांति प्रदान करता है। यह मंत्र मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने का अद्भुत साधन है। इसका नियमित जाप व्यापार में आने वाली बाधाओं को समाप्त करता है और सफलता का मार्ग प्रशस्त करता है।
विनियोग मंत्र और उसका अर्थ
विनियोग मंत्र:
ॐ अस्य श्री लक्ष्मी मंत्रस्य, विष्णु ऋषिः, गायत्री छन्दः, महालक्ष्मी देवता।
श्री लक्ष्मी प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः॥
अर्थ:
इस मंत्र का ऋषि विष्णु हैं, छंद गायत्री है, और देवी महालक्ष्मी इसकी अधिष्ठात्री देवता हैं। इसे श्री लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के उद्देश्य से जपने का विनियोग किया जाता है।
दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र
॥ॐ उत्तराय नमः, दक्षिणाय नमः, पूर्वाय नमः, पश्चिमाय नमः, ईशानाय नमः, नैऋत्याय नमः, वायव्याय नमः, आग्नेयाय नमः, आकाशाय नमः, पातालाय नमः॥
दिग्बंधन मंत्र का अर्थ
यह मंत्र दसों दिशाओं की सुरक्षा के लिए किया जाता है। इसका अर्थ इस प्रकार है:
- ॐ: ईश्वर और ब्रह्मांड की पवित्र ध्वनि, जो ऊर्जा का संचार करती है।
- उत्तराय नमः: उत्तर दिशा को नमन करते हुए वहां की ऊर्जा का आह्वान।
- दक्षिणाय नमः: दक्षिण दिशा को नमन कर उसकी रक्षा ऊर्जा को जागृत करना।
- पूर्वाय नमः: पूर्व दिशा की सकारात्मक शक्तियों का आह्वान।
- पश्चिमाय नमः: पश्चिम दिशा से आने वाली बाधाओं को दूर करने का आह्वान।
- ईशानाय नमः: ईशान (उत्तर-पूर्व) दिशा से पवित्र और दिव्य ऊर्जा का स्वागत।
- नैऋत्याय नमः: नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) दिशा की सुरक्षात्मक शक्तियों को जागृत करना।
- वायव्याय नमः: वायव्य (उत्तर-पश्चिम) दिशा की शक्ति को समर्पण।
- आग्नेयाय नमः: आग्नेय (दक्षिण-पूर्व) दिशा की ऊर्जा का आह्वान।
- आकाशाय नमः: आकाश (ऊपर) से दिव्य कृपा प्राप्त करने का निवेदन।
- पातालाय नमः: पाताल (नीचे) की नकारात्मक शक्तियों को शांत करने का आग्रह।
महत्व
- यह मंत्र दसों दिशाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
- इसे जाप करने से सभी नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं को समाप्त किया जा सकता है।
- दिग्बंधन मंत्र से आप मंत्र जाप के दौरान एक सुरक्षित और शुद्ध वातावरण बना सकते हैं।
दिग्बंधन मंत्र का नियमित उच्चारण आपके कार्य और व्यापार में आने वाले अवरोधों को समाप्त कर सफलता सुनिश्चित करता है।
मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र
॥ॐ ह्रीं ब्यापार बंधम् मोचय मोचय हुं फट्॥
मंत्र का संपूर्ण अर्थ
अर्थ:
- ॐ: यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो ईश्वर का प्रतीक है और सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करती है।
- ह्रीं: यह महालक्ष्मी और शक्ति का बीज मंत्र है, जो आत्मिक और भौतिक समृद्धि लाता है।
- ब्यापार बंधम्: इसका तात्पर्य है व्यापार में उत्पन्न बाधाएं, रुकावटें और समस्याएं।
- मोचय मोचय: यह शब्द व्यापार में आने वाली सभी रुकावटों को समाप्त करने और उसे मुक्त करने का आह्वान है।
- हुं: यह शक्ति और दृढ़ता का प्रतीक है, जो सभी नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करता है।
- फट्: यह मंत्र का तीव्र और निर्णायक प्रभाव है, जो सभी बाधाओं का नाश करता है।
इस मंत्र का पूरा अर्थ है:
“हे मां लक्ष्मी! व्यापार में आने वाली सभी बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करें। हमें सफलता और समृद्धि प्रदान करें।”
यह मंत्र व्यापार में आने वाली रुकावटों को दूर करने और नए अवसर प्रदान करने में सहायक है। नियमित जाप से व्यापारिक समस्याएं हल होती हैं और प्रगति के नए मार्ग खुलते हैं।
जप काल में इन चीजों का सेवन अधिक करें
- सात्विक आहार: दूध, फल, सूखे मेवे।
- पवित्र जल: गंगाजल या तुलसी मिश्रित जल।
- मिश्री या गुड़।
ब्यापार मोचन लक्ष्मी मंत्र के लाभ
- व्यापार में स्थिरता।
- आर्थिक संकट का समाधान।
- कर्ज मुक्ति।
- ग्राहक संख्या में वृद्धि।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
- धन का प्रवाह।
- शुभ समाचार की प्राप्ति।
- पारिवारिक सुख।
- मानसिक शांति।
- शुभ अवसरों की प्राप्ति।
- दैवीय कृपा।
- व्यापारिक साझेदारी में सफलता।
- रुके हुए कार्य पूरे होना।
- धन की बचत।
- उन्नति और प्रगति।
- नए अवसरों का निर्माण।
- नौकरी के लिए शुभ परिणाम।
- नकारात्मक ऊर्जा का अंत।
ब्यापार मोचन लक्ष्मी मंत्र पूजा सामग्री
- अष्टगंध।
- घी का दीपक।
- मां लक्ष्मी का चित्र।
- लक्ष्मी यंत्र।
मंत्र जप विधि
- दिन: शुक्रवार, गुरु पुष्य योग या एकादशी।
- अष्टगंध का तिलक लगाएं।
- शांत वातावरण में बैठकर जप करें।
ब्यापार मोचन लक्ष्मी मंत्र जप का समय
- प्रतिदिन 20 मिनट।
- 21 दिन तक निरंतर।
मंत्र जप के नियम
- उम्र: 20 वर्ष से ऊपर।
- स्त्री-पुरुष कोई भी।
- नीले या काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से परहेज।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
जप सावधानियां
ब्यापार मोचन लक्ष्मी मंत्र का जाप करते समय कुछ विशेष सावधानियां रखनी आवश्यक हैं। ये सावधानियां आपके जप को प्रभावी और सिद्ध बनाने में सहायक होती हैं।
- शुद्धता का पालन करें
जाप से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें। अपवित्र स्थान पर जप न करें। - सही दिशा चुनें
जाप के लिए उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें। यह शुभ और ऊर्जा को बढ़ाने वाला है। - ध्यान और एकाग्रता रखें
मंत्र जाप करते समय मन को विचलित न होने दें। मोबाइल या अन्य उपकरण बंद रखें। - आहार का ध्यान रखें
जप के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करें। मांसाहार, मद्यपान और धूम्रपान से पूरी तरह परहेज करें। - वाणी की शुद्धता
जप के दौरान अपशब्दों या नकारात्मक विचारों से बचें। मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही करें। - नियमितता बनाए रखें
जाप एक ही समय और स्थान पर नियमित रूप से करें। अनियमितता से ऊर्जा प्रभावित होती है। - उपयुक्त वस्त्र पहनें
नीले और काले कपड़े पहनने से बचें। हल्के रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। - ब्रह्मचर्य का पालन करें
जप के दौरान मानसिक और शारीरिक ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है। - सकारात्मक माहौल बनाएं
जाप के स्थान को स्वच्छ रखें और वहां घी का दीपक जलाएं। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। - माला का उपयोग करें
जाप के लिए माला का प्रयोग करना चाहते है तो रुद्राक्ष या स्फटिक माला का उपयोग करें। माला को पवित्र रखें। ११ माला २१ दिन तक मंत्र जपे। - शोरगुल से बचें
शांत और एकांत स्थान पर ही जप करें। शोरगुल से ध्यान भंग हो सकता है। - नियमों का पालन करें
पूरे 21 दिन तक बिना किसी रुकावट के जाप करें। बीच में जाप रोकने से मंत्र का प्रभाव कम हो सकता है।
इन सावधानियों का पालन करके आप ब्यापार मोचन लक्ष्मी मंत्र का संपूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
ब्यापार मोचन लक्ष्मी मंत्र प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: इस मंत्र का जाप किस दिन से शुरू करें?
उत्तर: शुक्रवार, गुरु पुष्य योग या एकादशी शुभ है।
प्रश्न 2: क्या महिलाएं मंत्र जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी जप कर सकती हैं।
प्रश्न 3: मंत्र जप का समय क्या हो?
उत्तर: प्रतिदिन 20 मिनट।
प्रश्न 4: क्या नियम पालन आवश्यक है?
उत्तर: हां, नियम पालन से ही सिद्धि प्राप्त होती है।
प्रश्न 5: मंत्र के लाभ कब तक मिलते हैं?
उत्तर: नियमित जप से 21 दिन में प्रभाव दिखता है।
प्रश्न 6: क्या विशेष पूजा सामग्री की आवश्यकता है?
उत्तर: अष्टगंध, घी का दीपक, लक्ष्मी यंत्र आवश्यक हैं।
प्रश्न 7: जप में क्या सावधानी रखें?
उत्तर: अशुद्धता और अशांति से बचें।
प्रश्न 8: मंत्र किस भाषा में जपें?
उत्तर: संस्कृत में जप उत्तम है।
प्रश्न 9: क्या यह मंत्र व्यापार के अलावा भी उपयोगी है?
उत्तर: हां, धन और समृद्धि के लिए भी उपयोगी है।
प्रश्न 10: क्या इस मंत्र को कोई गुरु से सीखना चाहिए?
उत्तर: गुरु का मार्गदर्शन श्रेष्ठ है।
प्रश्न 11: क्या जाप में माला का उपयोग करें?
उत्तर: हां, रुद्राक्ष या स्फटिक माला उपयोगी है।
प्रश्न 12: क्या जाप में दिशा का महत्व है?
उत्तर: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जप करें।