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Bhaya Vidhwansini Bhairavi Mantra – Fearlessness with Protection

भय विध्वंसिनी भैरवी मंत्र: डर व नकारात्मकता का नाश कैसे करें?

भय विध्वंसिनी भैरवी मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली साधना है जो भय और नकारात्मकता को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इस मंत्र के माध्यम से साधक को साहस, आत्मविश्वास, और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है।

विनियोग मंत्र व उसका अर्थ

विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य भय विध्वंसिनी भैरवी महा मंत्रस्य रुद्र ऋषिः, गायत्री छंदः, भय विध्वंसिनी भैरवी देवता।”

अर्थ:
इस विनियोग मंत्र के द्वारा साधक देवी भय विध्वंसिनी भैरवी का आह्वान करता है, ताकि वे साधना में सफलता प्राप्त कर सकें।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ ह्रीं दिग्बंधाय नमः।”

अर्थ:
दिग्बंधन मंत्र का उच्चारण करते हुए साधक चारों दिशाओं को बंद करते हैं ताकि साधना में किसी भी प्रकार की विघ्न-बाधा न आए।

भय विध्वंसिनी भैरवी मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र:
ह् स्रैं हस् स्रीं हसौं

अर्थ:
इस मंत्र का उच्चारण करते समय साधक देवी भय विध्वंसिनी भैरवी का आह्वान करता है, जो सभी प्रकार के भय, नकारात्मकता, और मानसिक बाधाओं को दूर करने में सहायक है। ‘ह् स्रैं’ शब्द का उपयोग आत्मिक शक्ति को जागृत करने के लिए होता है, जो साधक को साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है। ‘हस् स्रीं’ का उच्चारण साधक की रक्षा करता है, नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है और उसे सकारात्मकता से भरता है। ‘हसौं’ से साधक के भीतर देवी भैरवी की कृपा प्रवाहित होती है, जो उसे हर प्रकार के संकट से अभय प्रदान करती है।

यह मंत्र साधक को मानसिक शांति, आत्मिक शक्ति और साहस प्रदान करता है। इसके नियमित जप से साधक की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है, जिससे भय मुक्त और शक्तिशाली जीवन की प्राप्ति होती है।

जप काल में इन चीजों का सेवन करें

जप के दौरान ऊर्जा और मानसिक शांति बनाए रखने के लिए, आपको हल्का और सात्विक भोजन ही करना चाहिए। जप के समय आपकी शारीरिक और मानसिक स्थिति महत्वपूर्ण होती है, इसलिए कुछ विशेष आहार का सेवन करने से जप की शक्ति और प्रभाव में वृद्धि हो सकती है।

  1. फल:
    ताजे फल, जैसे सेब, केला, और अंगूर, शरीर को हल्का और ऊर्जा से भरपूर रखते हैं। यह मानसिक शांति में भी योगदान करते हैं।
  2. दूध और दही:
    दूध और दही का सेवन शरीर को शीतलता और ऊर्जा प्रदान करता है। यह मानसिक स्थिरता के लिए भी उत्तम हैं।
  3. सादा आहार:
    हल्का, सादा भोजन जैसे खिचड़ी, उबला हुआ सब्जी और रोटी का सेवन करें। भारी और तला हुआ भोजन मानसिक शांति में विघ्न डाल सकता है।
  4. सूखे मेवे:
    बादाम, काजू, और अखरोट जैसे सूखे मेवे मनोबल बढ़ाते हैं और शरीर को ताकत देते हैं। इनका सेवन भी जप काल में फायदेमंद होता है।
  5. शहद:
    शहद मानसिक तनाव को कम करता है और शरीर को ताजगी प्रदान करता है। इसे दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है।
  6. पानी:
    जप से पहले और दौरान शुद्ध और ताजे पानी का सेवन करें। यह शरीर में ऊर्जा और शांति का संचार करता है।
  7. हरी चाय:
    हरी चाय का सेवन भी मानसिक स्पष्टता और शांति बढ़ाता है, जो जप के दौरान आवश्यक होता है।

इन सात्विक आहारों का सेवन करने से न केवल शारीरिक ऊर्जा बनी रहती है, बल्कि मानसिक रूप से भी आप केंद्रित और शांत रहते हैं, जिससे जप में अधिक लाभ मिलता है।

भय विध्वंसिनी भैरवी मंत्र के लाभ

  1. भय का नाश
  2. आत्मविश्वास में वृद्धि
  3. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा
  4. मानसिक शांति
  5. आध्यात्मिक प्रगति
  6. शत्रु बाधा से मुक्ति
  7. अभय प्रदान
  8. दुर्घटनाओं से बचाव
  9. शारीरिक स्वास्थ्य
  10. सुख-समृद्धि
  11. आत्म-शक्ति की प्राप्ति
  12. साधना में सफलता
  13. जीवन में स्थिरता
  14. देवी कृपा प्राप्ति
  15. सकारात्मक ऊर्जा का संचार
  16. इच्छाशक्ति की मजबूती
  17. भयमुक्त जीवन
  18. देवी भैरवी का आशीर्वाद

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पूजन सामग्री व मंत्र विधि

सामग्री में शुद्ध जल, अक्षत, कुमकुम, पुष्प, धूप, और दीपक शामिल हैं।

मंत्र जप विधि:

मंत्र जप विधि का सही तरीके से पालन करने से साधना में सफलता मिलती है। भय विध्वंसिनी भैरवी मंत्र का जप करने से मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति प्राप्त होती है। नीचे दी गई विधि का पालन करें:

  1. स्थान का चयन:
    मंत्र जप के लिए शुद्ध और शांत स्थान का चयन करें। पूजा स्थल पर स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
  2. समय का चुनाव:
    जप का सर्वोत्तम समय सुबह का होता है, विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त (4 से 6 बजे) में जप करना अधिक फलदायी होता है।
  3. आसन:
    साधक को जप के दौरान एक आसान पर बैठना चाहिए। आमतौर पर पद्मासन या सुखासन सर्वोत्तम होते हैं।
  4. वस्त्र:
    मंत्र जप के लिए सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें। नीले और काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
  5. दीपक और धूप:
    जप के दौरान एक दीपक और धूप का प्रज्वलित रखें। इससे वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  6. मंत्र का उच्चारण:
    मंत्र को ध्यान और एकाग्रता के साथ उच्चारण करें। शब्दों का सही उच्चारण और स्पष्टता सुनिश्चित करें।
  7. माला का प्रयोग:
    108 दानों वाली माला का उपयोग करें। हर दाने पर एक मंत्र का उच्चारण करें। एक दिन में कम से कम 108 मंत्र का जप करें।
  8. साधना की अवधि:
    मंत्र का जप 20 मिनट तक करें और यह प्रक्रिया कम से कम 21 दिनों तक जारी रखें।
  9. स्मरण और ध्यान:
    जप करते समय ध्यान रखें कि आपका मन पूरी तरह मंत्र पर केंद्रित रहे। बाहरी विचारों से बचें और अपने साधना को पूरी श्रद्धा से करें।
  10. समाप्ति:
    जप के बाद कुछ समय शांत बैठें और देवी भैरवी की कृपा का आशीर्वाद लें। फिर माला को श्रद्धा पूर्वक रखें।

मंत्र जप के नियम

  1. उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।
  3. नीले और काले वस्त्र पहनने से बचें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से दूर रहें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप में सावधानी

  1. पूर्ण एकाग्रता रखें।
  2. किसी भी बाहरी व्यवधान से बचें।
  3. मंत्र का उच्चारण स्पष्ट और सही हो।
  4. शुद्ध स्थान और समय का चयन करें।

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भय विध्वंसिनी भैरवी मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: भय विध्वंसिनी भैरवी मंत्र क्या है?
उत्तर: यह मंत्र भय और नकारात्मकता को दूर करने के लिए देवी भैरवी का आह्वान करता है।

प्रश्न 2: क्या कोई भी व्यक्ति यह मंत्र जप सकता है?
उत्तर: हां, कोई भी व्यक्ति, बशर्ते उसकी उम्र 20 वर्ष से अधिक हो, यह मंत्र जप सकता है।

प्रश्न 3: इस मंत्र के जप से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: यह मंत्र मानसिक शांति, आत्मविश्वास, और शारीरिक सुरक्षा प्रदान करता है।

प्रश्न 4: मंत्र जप में कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
उत्तर: जप करते समय ध्यान रखें कि आप शुद्ध और एकाग्रचित्त हों, और कोई बाहरी विघ्न न हो।

प्रश्न 5: क्या मंत्र जप में किसी विशेष स्थान की आवश्यकता होती है?
उत्तर: हां, मंत्र जप के लिए शांत और शुद्ध स्थान का चयन करें।

प्रश्न 6: इस मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: प्रतिदिन 20 मिनट तक जप करें और 21 दिनों तक इसे नियमित रूप से करें।

प्रश्न 7: इस मंत्र के लिए कोई विशेष वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: हां, जप के समय नीले और काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए।

प्रश्न 8: क्या इस मंत्र के जप में उम्र का कोई फर्क पड़ता है?
उत्तर: हां, इस मंत्र का जप 20 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति ही कर सकते हैं।

प्रश्न 9: मंत्र जप के दौरान क्या खानपान से बचना चाहिए?
उत्तर: जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचना चाहिए।

प्रश्न 10: क्या महिला भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिला भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं, अगर वे 20 वर्ष से अधिक आयु की हैं।

प्रश्न 11: इस मंत्र का जप करने से जीवन में क्या परिवर्तन आएगा?
उत्तर: इस मंत्र के जप से जीवन में सकारात्मकता, मानसिक बल और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

प्रश्न 12: इस मंत्र का प्रभाव कितने दिनों में दिखता है?
उत्तर: 21 दिनों के निरंतर जप से इसके सकारात्मक प्रभाव दिखने लगते हैं।

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