भिरुक भैरव / Bhiruk bhairav Mantra for Protection

विनाश को दूर करने वाले भिरुक भैरव का पूजन और उनके मंत्र का जप विशेष रूप से भय, बुरी आत्माओं, नकारात्मक ऊर्जा और विभिन्न कठिनाइयों से मुक्ति दिलाने के लिए किया जाता है। भिरुक भैरव की कृपा से भक्तों को जीवन में सुरक्षा, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।”भीरु” का मतलब हिंदी में “डरपोक (fearful)” या “कायर (timid)” होता है. और “भिरुक” का अर्थ है, डर व कायरता को दूर करने वाले. भैरव भगवान शिव का एक उग्र रूप है, जो विनाश और बुराई को नष्ट कर मनोकामना को पूर्ण करते है।

भिरुक भैरव मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र:

ॐ भ्रं भिरुक भैरवाय नमः

अर्थ:

  • : ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति का प्रतीक।
  • भ्रं: भिरुक भैरव का बीज मंत्र, जो उनकी शक्ति और उपस्थिति का संपूर्ण प्रतीक है।
  • भिरुक भैरवाय: भगवान भिरुक भैरव को संबोधित।
  • नमः: नमन, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक।

इस मंत्र का संपूर्ण अर्थ है, “हे भिरुक भैरव, आपको मेरा नमन।”

भिरुक भैरव मंत्र के लाभ

  1. भय से मुक्ति: सभी प्रकार के भय से रक्षा करता है।
  2. शत्रु नाश: शत्रुओं का नाश करता है।
  3. रोग निवारण: स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
  4. धन वृद्धि: आर्थिक समृद्धि लाता है।
  5. कर्ज मुक्ति: कर्ज से निजात दिलाता है।
  6. व्यापार में उन्नति: व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
  7. कानूनी विजय: कानूनी मामलों में विजय प्राप्त होती है।
  8. क्लेश निवारण: घरेलू और सामाजिक क्लेशों को दूर करता है।
  9. ग्रह दोष निवारण: कुंडली में ग्रह दोषों का निवारण करता है।
  10. संकट निवारण: सभी प्रकार के संकटों से रक्षा करता है।
  11. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक जागरूकता और उन्नति प्रदान करता है।
  12. संतान सुख: संतान प्राप्ति और उनके सुखी जीवन के लिए सहायक होता है।
  13. विवाह में बाधा निवारण: विवाह में आ रही बाधाओं को दूर करता है।
  14. कार्य सिद्धि: सभी प्रकार के कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  15. वास्तु दोष निवारण: घर और कार्यस्थल के वास्तु दोषों का निवारण करता है।
  16. नेतृत्व क्षमता: नेतृत्व और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है।
  17. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा: नकारात्मक ऊर्जा और बुरी आत्माओं से रक्षा करता है।
  18. भाग्य वृद्धि: व्यक्ति के भाग्य में वृद्धि करता है।
  19. समृद्धि और सुख: जीवन में समृद्धि और सुख लाता है।
  20. मानसिक शांति: तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है।

भिरुक भैरव मंत्र जप विधि

मंत्र जप का दिन

भिरुक भैरव मंत्र का जप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को शुभ माना जाता है।

मंत्र जप की अवधि

भिरुक भैरव मंत्र का जप 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।

मुहूर्त

ब्राह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) मंत्र जप के लिए सबसे उत्तम समय है। इसके अलावा, संध्या काल (शाम को सूर्यास्त के समय) भी शुभ माना जाता है।

मंत्र जप सामग्री

  1. रुद्राक्ष या लाल चंदन की माला।
  2. शुद्ध वस्त्र।
  3. दीपक और धूपबत्ती।
  4. ताजे फूल।
  5. अक्षत (चावल)।
  6. कुमकुम और हल्दी।
  7. जल से भरा हुआ कलश।
  8. फल और मिठाई।

मंत्र जप संख्या

मंत्र जप की संख्या का निर्णय व्यक्ति की श्रद्धा और समय के आधार पर किया जा सकता है:

  • एक माला (108 बार) से लेकर
  • 11 माला (1188 बार) तक रोज जप करें।

मंत्र जप के नियम

  1. शुद्धता: जप के पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. आसन: कुश या लाल वस्त्र का आसन पर बैठकर मंत्र जप करें।
  3. दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके जप करें।
  4. ध्यान: जप करते समय भिरुक भैरव के स्वरूप का ध्यान करें।
  5. नियमितता: नियमित समय पर प्रतिदिन जप करें।
  6. श्रद्धा: पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ जप करें।
  7. सात्विक भोजन: सात्विक भोजन ग्रहण करें और मांसाहार से बचें।

मंत्र जप की सावधानियाँ

  1. अशुद्धता: अपवित्र स्थान या स्थिति में जप न करें।
  2. ध्यान का अभाव: जप करते समय मन को भटकने न दें।
  3. अलसी वाणी: मंत्र जप के दौरान किसी से बात न करें।
  4. अव्यवस्था: जप स्थल को साफ और व्यवस्थित रखें।
  5. भोजन: जप से पहले भारी भोजन न करें।

भिरुक भैरव मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

  1. प्रश्न: भिरुक भैरव कौन हैं?
    उत्तर: भिरुक भैरव भगवान शिव के उग्र और शक्तिशाली रूप हैं।
  2. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र का क्या अर्थ है?
    उत्तर: भिरुक भैरव मंत्र का अर्थ है “हे भिरुक भैरव, आपको मेरा नमन।”
  3. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र के जप का सबसे शुभ दिन कौन सा है?
    उत्तर: मंगलवार और शनिवार।
  4. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र के जप का मुहूर्त क्या है?
    उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे)।
  5. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र के जप से कौन-कौन से लाभ मिलते हैं?
    उत्तर: भय, शत्रु, रोग, आर्थिक समस्या, कर्ज, क्लेश, ग्रह दोष, संकट, वास्तु दोष, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
  6. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र जप के दौरान किस माला का उपयोग करना चाहिए?
    उत्तर: रुद्राक्ष या लाल चंदन की माला।
  7. प्रश्न: क्या भिरुक भैरव मंत्र जप से मानसिक शांति मिलती है?
    उत्तर: हाँ, इससे मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  8. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र जप से शत्रु का नाश होता है?
    उत्तर: हाँ, इससे शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
  9. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र जप के दौरान किस दिशा की ओर मुख करना चाहिए?
    उत्तर: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर।
  10. प्रश्न: क्या भिरुक भैरव मंत्र जप से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है?
    उत्तर: हाँ, इससे आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है।
  11. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र जप के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए?
    उत्तर: शुद्धता, सात्विक भोजन, नियमितता, श्रद्धा, ध्यान।
  12. प्रश्न: क्या भिरुक भैरव मंत्र जप से स्वास्थ्य लाभ होता है?
    उत्तर: हाँ, इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
  13. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र जप कितनी बार करना चाहिए?
    उत्तर: 108 से 1188 बार।
  14. प्रश्न: क्या भिरुक भैरव मंत्र जप से विवाह में बाधा दूर होती है?
    उत्तर: हाँ, इससे विवाह संबंधी बाधाएँ दूर होती हैं।
  15. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र जप से कौन से ग्रह दोष दूर होते हैं?
    उत्तर: सभी प्रकार के ग्रह दोषों का निवारण होता है।
  16. प्रश्न: क्या भिरुक भैरव मंत्र जप से संतान सुख प्राप्त होता है?
    उत्तर: हाँ, इससे संतान सुख प्राप्त होता है।
  17. प्रश्न: क्या भिरुक भैरव मंत्र जप से वास्तु दोष दूर होते हैं?
    उत्तर: हाँ, इससे वास्तु दोषों का निवारण होता है।
  18. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र जप के लिए कौन सा आसन उत्तम है?
    उत्तर: कुश या लाल वस्त्र का आसन।
  19. प्रश्न: क्या भिरुक भैरव मंत्र जप से कानूनी मामलों में विजय मिलती है?
    उत्तर: हाँ, इससे कानूनी मामलों में विजय प्राप्त होती है।
  20. प्रश्न: भिरुक भैरव मंत्र जप के दौरान किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?
    उत्तर: अशुद्धता से बचें, ध्यान बनाए रखें, अव्यवस्था से बचें, माला का सही उपयोग करें, और जप के बाद प्रसाद वितरण करें।

भिरुक भैरव मंत्र का जप साधक को सुरक्षा, समृद्धि, और सफलता प्रदान करता है। यह मंत्र विशेष रूप से भय, शत्रु, और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा के लिए जाना जाता है। उचित विधि और नियमों का पालन करते हुए श्रद्धा और विश्वास के साथ इस मंत्र का जप करने से निश्चित रूप से लाभ प्राप्त होते हैं।

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