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Bhuvaneshwari Chalisa paath- destroyer of sorrows

भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ जो तुरंत भाग्य चमका दे

दुखो का नाश करने वाली भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से विशेष लाभ होता है। भुवनेश्वरी देवी हिंदू धर्म में शक्ति की देवी मानी जाती हैं और उनकी चालीसा का पाठ शक्ति, समृद्धि, सुख-समृद्धि, और सुरक्षा के लिए किया जाता है। यह चालीसा उनकी कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक होता है।

चालीसा का नियमित पाठ करने से मानसिक और आत्मिक शांति, स्थिरता, और उत्साह बढ़ सकता है। इसके अलावा, भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से संकटों और बाधाओं से मुक्ति मिल सकती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।

भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से श्रद्धालु को भुवनेश्वरी देवी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके अलावा, यह चालीसा उनकी शक्तियों और गुणों को स्थापित करने में सहायक हो सकती है, जिससे वे जीवन में सफलता, समृद्धि, और सुख की प्राप्ति कर सकते हैं। भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक और आत्मिक शक्ति का अनुभव हो सकता है और उसका जीवन सकारात्मक दिशा में बदल सकता है.

माँ भुवनेश्वरी

माँ भुवनेश्वरी दस महाविद्याओं में से एक हैं और समस्त सृष्टि की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उनका स्वरूप अत्यंत सौम्य और शांतिदायक होता है। भुवनेश्वरी का नाम ‘भुवन’ और ‘ईश्वरी’ से बना है, जिसका अर्थ है ‘संसार की देवी’। उनका रूप लाल रंग की आभा से युक्त होता है और वे एक कमल के फूल पर विराजमान होती हैं।

पाठ

भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से जीवन में शांति, सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है। यह चालीसा 40 छंदों में देवी भुवनेश्वरी की महिमा का गुणगान करती है।

भुवनेश्वरी चालीसा

दोहा:

जयति जयति जगदम्बे मातु,
भुवनेश्वरी जय जय हे मातु।
सर्व मंगल कारण देवी,
सद्गुण सुरसा मातु हे वी।

चौपाई:

जयति जयति जगदम्बे भवानी,
करुणा सिन्धु भक्त सुखदानी।
शरणागत वत्सल भवानी,
सर्वशक्ति प्रदायिनी माँ भवानी।

तुम ही विश्व की हो आधार,
तुमसे ही सबका उद्धार।
शक्ति रूपिणी तुम मातु भवानी,
सभी के जीवन की हो कहानी।

तुम्हारी महिमा अपरम्पार,
तुम्हारे बिना कौन है उपकार।
तुमसे ही सबकी होती रक्षा,
तुम्हीं हो समस्त जगत की रक्षक।

तुम्हारी कृपा से सब सुखी,
तुम्हारी कृपा से सब दुःखी।
तुम्हारे बिना सब असहाय,
तुम्हारे बिना सब निर्बल।

हे माँ तुम्हारी महिमा न्यारी,
तुमसे ही सारी सृष्टि हमारी।
तुम्हारे चरणों में जो भी आए,
सभी को सुख-शांति मिल जाए।

संकट में जो तुम्हें पुकारे,
तुम उसकी सुधि सदा सहारे।
तुम्हारी कृपा से ही हो सबका कल्याण,
तुम्हारे बिना सब बेकार।

तुम ही तो सबकी पालनहार,
तुम्हीं हो सबकी उद्धार।
तुम्हारी शरण में जो भी आए,
उसका जीवन धन्य हो जाए।

जयति जयति माँ भवानी,
तुमसे ही सबकी जुड़ी कहानी।
तुम्हारे बिना सब अधूरा,
तुम्हारे बिना सब सूना।

दोहा:

जयति जयति जगदम्बे मातु,
भुवनेश्वरी जय जय हे मातु।
सर्व मंगल कारण देवी,
सद्गुण सुरसा मातु हे वी।

लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति: भुवनेश्वरी चालीसा के नियमित पाठ से आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  2. मानसिक शांति: मन में शांति और स्थिरता का संचार होता है।
  3. संकट निवारण: जीवन के संकटों से मुक्ति मिलती है।
  4. सुख-समृद्धि: घर में सुख-समृद्धि और आर्थिक उन्नति होती है।
  5. धार्मिक उन्नति: धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन में उन्नति होती है।
  6. स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  7. सकारात्मक ऊर्जा: सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  8. कर्ज मुक्ति: आर्थिक समस्याओं और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  9. पारिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और सामंजस्य बढ़ता है।
  10. संतान सुख: संतान प्राप्ति और संतान सुख की प्राप्ति होती है।
  11. व्यापार में उन्नति: व्यापार और व्यवसाय में उन्नति होती है।
  12. मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा बढ़ती है।
  13. आध्यात्मिक ज्ञान: आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान की प्राप्ति होती है।
  14. संकल्प शक्ति: संकल्प शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  15. विघ्न नाशक: सभी प्रकार के विघ्न-बाधाओं का नाश होता है।
  16. संतोष: जीवन में संतोष और आनंद की प्राप्ति होती है।
  17. सुखद जीवन: जीवन सुखमय और खुशहाल होता है।
  18. दुखों से मुक्ति: दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  19. प्रेरणा: जीवन में प्रेरणा और उत्साह का संचार होता है।
  20. आध्यात्मिक संबंध: ईश्वर के साथ आध्यात्मिक संबंध की प्राप्ति होती है।

विधि

  1. दिन: भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार को विशेष लाभकारी माना जाता है।
  2. अवधि: चालीसा का पाठ कम से कम 40 दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए।
  3. मुहुर्त: सुबह के समय ब्रह्म मुहुर्त में या संध्या के समय पाठ करना विशेष लाभकारी होता है।

नियम

  1. स्नान: पाठ करने से पहले स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. आसन: शुद्ध और स्वच्छ आसन पर बैठकर पाठ करें।
  3. ध्यान: पाठ से पहले और बाद में देवी भुवनेश्वरी का ध्यान करें।
  4. शुद्धि: मानसिक और शारीरिक शुद्धता का ध्यान रखें।
  5. समर्पण: पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ पाठ करें।

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सावधानी

  1. ध्यान भटकाना: पाठ करते समय ध्यान को इधर-उधर न भटकाएं।
  2. श्रद्धा: पाठ को श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
  3. व्यवधान: पाठ के समय किसी भी प्रकार का व्यवधान न आने दें।
  4. सात्त्विक भोजन: पाठ के दौरान सात्त्विक और शुद्ध भोजन का सेवन करें।
  5. नियमितता: पाठ को नियमित रूप से करें, बीच में न छोड़ें।

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भुवनेश्वरी चालीसा पाठ से संबंधित सामान्य प्रश्न

  1. भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
    • सुबह ब्रह्म मुहुर्त में या संध्या के समय करना चाहिए।
  2. भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ किस दिन करना चाहिए?
    • किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार विशेष लाभकारी होता है।
  3. क्या भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ केवल विशेष अवसरों पर करना चाहिए?
    • नहीं, इसे नियमित रूप से किया जा सकता है।
  4. भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
    • एक बार में एक बार, और नियमित रूप से 40 दिन तक करना चाहिए।
  5. क्या भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने के लिए कोई विशेष नियम हैं?
    • हाँ, स्वच्छता, श्रद्धा, और नियमितता का पालन करना चाहिए।
  6. भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से क्या लाभ होते हैं?
    • मानसिक शांति, सुख-समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।
  7. भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से क्या आर्थिक लाभ होते हैं?
    • हाँ, व्यापार और व्यवसाय में उन्नति होती है और कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  8. क्या भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
    • हाँ, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  9. भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ कौन कर सकता है?
    • कोई भी श्रद्धालु व्यक्ति कर सकता है।
  10. भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ किस स्थान पर करना चाहिए?
    • स्वच्छ और शांत स्थान पर करना चाहिए।
  11. क्या भुवनेश्वरी चालीसा का पाठ करने से संतान प्राप्ति हो सकती है?
    • हाँ, देवी की कृपा से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

BOOK HOLIKA PUJAN ON 13 MARCH 2025 (ONLINE/ OFFLINE)

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