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Bramhi yogini mantra for wisdom

ब्राह्मी योगिनी मंत्र – ज्ञान, शांति और समृद्धि के लिए अद्भुत साधना

ब्राह्मी योगिनी मंत्र, एक शक्तिशाली तांत्रिक मंत्र है, जो ज्ञान, बुद्धि, आध्यात्मिक उन्नति और समृद्धि की प्राप्ति हेतु जप किया जाता है। यह मंत्र ब्राह्मी देवी, जो शक्ति की आठ प्रमुख योगिनियों में से एक हैं, की कृपा प्राप्त करने का माध्यम है। इस मंत्र का जप व्यक्ति की आंतरिक शक्तियों को जागृत करता है और जीवन में सफलता दिलाता है।

मंत्र

(ॐ ऐं ह्रीं ब्राह्मी योगिनेश्वरी नमः)
यह मंत्र ब्राह्मी देवी की उपासना में प्रमुख है।
अर्थ: “ऐं” सरस्वती बीज है, जो बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। “ह्रीं” महालक्ष्मी बीज है, जो शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। “ब्राह्मी योगिनेश्वरी” ब्रह्मा की शक्ति, ब्राह्मी योगिनी को संबोधित करता है, और “नमः” से हम विनम्रता से उनके चरणों में समर्पित होते हैं।

ब्राह्मी योगिनी मंत्र के लाभ

  1. ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  2. बुद्धि तीव्र होती है।
  3. आध्यात्मिक शक्ति का विकास होता है।
  4. मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  5. रोगों से मुक्ति मिलती है।
  6. धन और समृद्धि का आगमन होता है।
  7. कार्यों में सफलता मिलती है।
  8. आध्यात्मिक बाधाएं दूर होती हैं।
  9. जीवन में स्थिरता आती है।
  10. नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
  11. आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  12. भय का नाश होता है।
  13. रिश्तों में मधुरता आती है।
  14. विचारों में स्पष्टता मिलती है।
  15. दीर्घायु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  16. तप और साधना में सफलता मिलती है।
  17. साधक की ऊर्जा और शक्ति का उत्थान होता है।

विधि

  • दिन: इस मंत्र का जप किसी भी शुभ दिन प्रारंभ कर सकते हैं, विशेषकर मंगलवार और शुक्रवार को।
  • अवधि: ११ से २१ दिनों तक निरंतर जप करें।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४-६ बजे) सबसे उत्तम समय होता है।
  • वस्त्र: सफेद या पीले वस्त्र धारण करें।
  • आसन: कुश या लाल ऊन का आसन प्रयोग करें।

जप विधि

  • जप अवधि: ११ से २१ दिन तक निरंतर जप करें।
  • माला: रुद्राक्ष या स्फटिक माला का उपयोग करें।
  • मंत्र संख्या: प्रतिदिन ११ माला जप करें। (११८८ मंत्र प्रतिदिन)
  • सामग्री: दीपक, अगरबत्ती, जल से भरा पात्र, पुष्प, तथा देवी ब्राह्मी की प्रतिमा।

मंत्र जप के नियम

  • उम्र २० वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  • स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  • नीले और काले कपड़े न पहनें।
  • धूम्रपान, मांसाहार और मद्यपान से दूर रहें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप की सावधानियां

  1. इस मंत्र का जप सद्गुरु या योग्य मार्गदर्शक की सलाह से करें।
  2. स्थान शुद्ध और शांत होना चाहिए।
  3. मन में कोई नकारात्मक विचार न रखें।
  4. भोजन सात्विक हो और नियमित हो।
  5. भावनाओं को नियंत्रण में रखें।

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ब्राह्मी योगिनी मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: ब्राह्मी योगिनी मंत्र का जप कब किया जाता है?
उत्तर: ब्राह्मी योगिनी मंत्र का जप प्रातः काल, ब्रह्म मुहूर्त में करना उत्तम होता है। विशेषकर मंगलवार या शुक्रवार के दिन प्रारंभ करना शुभ माना जाता है।

प्रश्न 2: ब्राह्मी योगिनी मंत्र से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: इस मंत्र से ज्ञान, बुद्धि, आध्यात्मिक जागरूकता, मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 3: इस मंत्र का जप कितने दिन करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप ११ से २१ दिन तक निरंतर करना चाहिए।

प्रश्न 4: क्या इस मंत्र का जप कोई भी कर सकता है?
उत्तर: हां, इस मंत्र का जप स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं, बशर्ते उनकी आयु २० वर्ष से अधिक हो।

प्रश्न 5: क्या इस मंत्र का जप करते समय किसी विशेष वस्त्र का पालन करना चाहिए?
उत्तर: हां, जप करते समय सफेद या पीले वस्त्र पहनना चाहिए, और नीले या काले वस्त्रों से बचना चाहिए।

प्रश्न 6: क्या मंत्र जप के दौरान खान-पान का कोई विशेष नियम है?
उत्तर: हां, जप के दौरान सात्विक भोजन करना चाहिए और मांसाहार, मद्यपान और धूम्रपान से बचना चाहिए।

प्रश्न 7: ब्रह्मचर्य का पालन क्यों आवश्यक है?
उत्तर: ब्रह्मचर्य से साधक की ऊर्जा और एकाग्रता बनी रहती है, जिससे मंत्र जप का फल शीघ्र प्राप्त होता है।

प्रश्न 8: मंत्र जप के लिए कौन सी माला उपयुक्त है?
उत्तर: रुद्राक्ष या स्फटिक माला का उपयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है।

प्रश्न 9: इस मंत्र के जप के दौरान क्या कोई विशेष सावधानी रखनी चाहिए?
उत्तर: हां, स्थान शुद्ध और शांत होना चाहिए और जप करते समय नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए।

प्रश्न 10: क्या मंत्र जप के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है?
उत्तर: हां, दीपक, अगरबत्ती, पुष्प, जल का पात्र और ब्राह्मी देवी की प्रतिमा अनिवार्य मानी जाती है।

BOOK RUDRABHISHEK PUJAN ON MAHA SHIVRATRI

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