spot_img

Chaitanya Bhairavi Mantra for Peace and Protection

चैतन्य भैरवी मंत्र: आध्यात्मिक उन्नति और सुरक्षा के लिए दिव्य साधना

चैतन्य भैरवी मंत्र, एक दिव्य साधना मंत्र है, जो व्यक्ति की आत्मा में शुद्धता और उन्नति लाता है। ये त्रैलोक्य मातृका चैतन्य भैरवी विद्या के नाम से भी जानी जाती है। इस महाविद्या के मंत्र का उच्चारण करने से मानसिक शांति, सुरक्षा और आत्मिक शक्ति का अनुभव होता है।

विनियोग मंत्र

विनियोग:
“ॐ अस्य श्री चैतन्य भैरवी मंत्रस्य, शिव ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, भैरवी देवता, चैतन्य शक्तिः, चैतन्य सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः॥”

इस विनियोग मंत्र का उच्चारण करने से साधना की शक्ति को जागृत किया जाता है। इससे साधक को मंत्र का पूर्ण लाभ मिलता है और साधना में सफलता प्राप्त होती है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र का उपयोग साधक की सुरक्षा के लिए सभी दिशाओं से एक रक्षा कवच बनाने हेतु किया जाता है। यह मंत्र साधक को नकारात्मक ऊर्जाओं और बाहरी बाधाओं से सुरक्षित रखता है।

दिग्बंधन मंत्र:

  1. पूर्व दिशा – ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
  2. आग्नेय दिशा – ॐ हं ह्रीं ह्रौं सः।
  3. दक्षिण दिशा – ॐ क्लीं कालिकायै नमः।
  4. नैऋत्य दिशा – ॐ ऐं भैरवाय नमः।
  5. पश्चिम दिशा – ॐ ह्रीं ऐं श्रीं कालिकायै नमः।
  6. वायव्य दिशा – ॐ ऐं क्लीं ह्रौं सः।
  7. उत्तर दिशा – ॐ ह्रीं क्लीं महाकाली नमः।
  8. ईशान दिशा – ॐ ऐं ह्रौं रक्ष रक्ष भैरवाय नमः।
  9. ऊर्ध्व दिशा – ॐ ऐं क्लीं ह्रीं ह्रौं नमः।
  10. अधो दिशा – ॐ ह्रीं ह्रौं क्लीं नमः।

अर्थ: इन दसों दिशाओं के मंत्रों का जाप करके साधक अपनी साधना के दौरान सभी दिशाओं से सुरक्षा कवच स्थापित करता है। यह उसे नकारात्मक ऊर्जाओं, बाधाओं, और संकटों से सुरक्षित रखता है और साधना में संपूर्ण एकाग्रता प्रदान करता है।

चैतन्य भैरवी मंत्र व संपूर्ण अर्थ

मूल मंत्र:
॥ सहैं स्कलह्रीं सह्रौं ॥

अर्थ: इस दिव्य मंत्र का जाप करने से साधक में चैतन्य की ऊर्जा का संचार होता है। “सहैं” शब्द शक्ति और सहनशीलता का प्रतीक है, जो साधक को भीतर से सशक्त करता है। “स्कलह्रीं” शब्द सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जाओं, रोगों, और बाधाओं का नाश करता है, और साधक को हर संकट से सुरक्षा कवच प्रदान करता है। “सह्रौं” शब्द आत्मा की उन्नति और पवित्रता का प्रतीक है, जो साधक के भीतर शांति, आत्मविश्वास, और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाता है।

इस प्रकार, चैतन्य भैरवी मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति न केवल बाहरी संकटों से सुरक्षित रहता है, बल्कि उसे आंतरिक शांति, सकारात्मकता, और ईश्वर की कृपा का भी अनुभव होता है।

जप काल में इन चीजों का सेवन करें

  1. सात्विक भोजन – ऊर्जा वृद्धि के लिए।
  2. गाय का घी – मन को शांत करने के लिए।
  3. फल और जड़ी-बूटियाँ – शरीर की शुद्धता के लिए।

चैतन्य भैरवी मंत्र के लाभ

  1. मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. आत्मिक उन्नति होती है।
  3. भूत-प्रेत से रक्षा होती है।
  4. जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।
  5. शक्ति का अनुभव होता है।
  6. ध्यान में सहायक होता है।
  7. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  8. शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि।
  9. रोगों से सुरक्षा।
  10. मन का संतुलन।
  11. आर्थिक समृद्धि।
  12. परिवार की रक्षा।
  13. प्रगति का मार्ग खुलता है।
  14. ज्ञान में वृद्धि।
  15. कार्य में सफलता।
  16. प्रेम में वृद्धि।
  17. अध्यात्म की ओर झुकाव।
  18. नकारात्मकता का नाश।

पूजा सामग्री और विधि

आवश्यक सामग्री

  1. चंदन
  2. घी का दीपक
  3. लाल पुष्प
  4. रुद्राक्ष माला

मंत्र जप विधि

  • मंत्र जप का उपयुक्त दिन: मंगलवार और शुक्रवार
  • अवधि: २१ दिन तक
  • मुहुर्त: प्रातः काल

मंत्र जप की नियमावली

  • उम्र: २० वर्ष के ऊपर।
  • स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकते हैं।
  • ब्लू और ब्लैक कपड़े न पहनें।
  • धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।

Get Deeksha

मंत्र जप में सावधानी

चैतन्य भैरवी मंत्र का जाप करते समय कुछ विशेष सावधानियों का पालन करना आवश्यक है ताकि साधना प्रभावी और सफल हो सके।

  1. शुद्ध आहार का पालन करें: जप के दौरान सात्विक आहार का सेवन करें और मांसाहार, धूम्रपान, तथा मद्यपान से दूर रहें।
  2. ब्रह्मचर्य का पालन करें: साधना की सफलता के लिए ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है, क्योंकि इससे मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
  3. कपड़ों का चयन: सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें। नीले और काले रंग के कपड़े न पहनें क्योंकि ये नकारात्मकता को आकर्षित कर सकते हैं।
  4. जप स्थान का चयन: शांति और स्वच्छता वाले स्थान पर बैठकर ही मंत्र का जाप करें। एकांत स्थान में जाप करना अधिक फलदायी होता है।
  5. समय का पालन: जप के लिए एक निश्चित समय तय करें और उसी समय प्रतिदिन जप करें ताकि ऊर्जा संगठित रहे।
  6. एकाग्रता बनाए रखें: जाप के दौरान मन को भटकने न दें और पूरी श्रद्धा व एकाग्रता से मंत्र का उच्चारण करें।
  7. अशुद्ध विचारों से बचें: जप के समय मन को नकारात्मक विचारों और क्रोध, लोभ, ईर्ष्या से दूर रखें।
  8. शारीरिक शुद्धता: स्नान कर और स्वच्छ वस्त्र धारण कर ही जाप करें।

know more about tulsi vivah pujan vidhi

अलग-अलग कार्यों के लिए चैतन्य भैरवी हवन सामग्री

चैतन्य भैरवी हवन, साधक के उद्देश्यों के अनुसार अलग-अलग सामग्री से किया जाता है। हर कार्य के लिए विशेष सामग्री का उपयोग साधना की शक्ति और सफलता को बढ़ाता है।

1. सुरक्षा और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए हवन सामग्री

  • काले तिल
  • सरसों
  • गूगल
  • लोबान
  • नीम की पत्तियाँ
  • कर्पूर

2. शांति और मानसिक स्थिरता के लिए हवन सामग्री

  • चंदन की लकड़ी
  • गोघृत (गाय का घी)
  • अगर
  • तुलसी के पत्ते
  • जायफल
  • कपूर

3. आर्थिक समृद्धि और सफलता के लिए हवन सामग्री

  • हल्दी की गांठें
  • केसर
  • शहद
  • कमलगट्टा
  • चावल
  • गुड़

4. स्वास्थ्य और रोग मुक्ति के लिए हवन सामग्री

  • अजवायन
  • बेल पत्र
  • कपूर
  • गिलोय की लकड़ी
  • पीपल के पत्ते
  • तुलसी के बीज

5. आध्यात्मिक उन्नति और आत्मिक शुद्धि के लिए हवन सामग्री

  • सफेद चंदन
  • गोघृत
  • अश्वगंधा
  • नागरमोथा
  • केसर
  • शुद्ध कर्पूर

6. विवाह और परिवारिक सुख-शांति के लिए हवन सामग्री

  • आंवले की पत्तियाँ
  • सुगंधित पुष्प (गुलाब, चमेली)
  • कपूर
  • मिश्री
  • केसर
  • जायफल

इन विशेष सामग्रियों से हवन करने पर साधक अपने विशेष उद्देश्यों को प्राप्त कर सकता है और जीवन में शांति, समृद्धि, और सुरक्षा का अनुभव कर सकता है।

Spiritual store

चैतन्य भैरवी मंत्र: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: चैतन्य भैरवी मंत्र क्या है?

उत्तर: यह एक शक्तिशाली साधना मंत्र है, जो सुरक्षा, शांति और आत्मिक उन्नति में सहायक है।

प्रश्न 2: इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

उत्तर: इसे मंगलवार और शुक्रवार की सुबह करना सर्वोत्तम माना गया है।

प्रश्न 3: मंत्र जप की अवधि कितनी होनी चाहिए?

उत्तर: साधक को २१ दिनों तक प्रतिदिन २० मिनट इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

प्रश्न 4: क्या स्त्री-पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं?

उत्तर: हां, इस मंत्र का जाप स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।

प्रश्न 5: जप के समय कौन से रंग के कपड़े पहनने चाहिए?

उत्तर: सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनना उचित है; नीले और काले कपड़े न पहनें।

प्रश्न 6: क्या जप के समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए?

उत्तर: हां, ब्रह्मचर्य का पालन करें और धूम्रपान, मद्यपान, तथा मांसाहार से दूर रहें।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र से आर्थिक उन्नति होती है?

उत्तर: हां, यह मंत्र आर्थिक समृद्धि और मानसिक शांति में सहायक होता है।

प्रश्न 8: क्या यह मंत्र सभी समस्याओं से मुक्ति दिला सकता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र जीवन में सकारात्मकता लाकर समस्याओं को हल करने में सहायक होता है।

प्रश्न 9: क्या इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष माला से किया जा सकता है?

उत्तर: हां, रुद्राक्ष माला का प्रयोग इस मंत्र जप में किया जा सकता है।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का जाप अकेले किया जा सकता है?

उत्तर: हां, एकांत में जप करना अधिक प्रभावी होता है।

प्रश्न 11: क्या यह मंत्र आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र आत्मा की शुद्धता और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक है।

प्रश्न 12: इस मंत्र का जाप करने से क्या लाभ होते हैं?

उत्तर: यह मंत्र शांति, सुरक्षा, आत्मिक शक्ति और सकारात्मकता को बढ़ाता है।

spot_img
spot_img

Related Articles

KAMAKHYA SADHANA SHIVIRspot_img
PITRA DOSHA NIVARAN PUJANspot_img

Latest Articles

FREE HOROSCOPE CONSULTINGspot_img
BAGALAMUKHI SHIVIR BOOKINGspot_img
Select your currency