चंद्र चालीसा पाठ – शीतलता और शांति
चंद्र चालीसा पाठ जीवन में शांति, मानसिक स्थिरता और समृद्धि लाने वाला एक अद्भुत आध्यात्मिक उपाय है। यह पाठ चंद्र ग्रह की कृपा पाने और मन के असंतुलन को समाप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। चंद्र देव, जिन्हें शीतलता और भावनाओं का स्वामी माना जाता है, उनकी कृपा से जीवन में सुख-शांति आती है। चंद्र चालीसा पाठ के माध्यम से मनुष्य अपनी आंतरिक शक्तियों को जागृत कर सकता है और मानसिक संतुलन बनाए रख सकता है। यह पाठ न केवल आध्यात्मिक शांति देता है, बल्कि दैनिक जीवन की समस्याओं से भी मुक्ति दिलाता है।
संपूर्ण चंद्र चालीसा पाठ व उसका अर्थ
संपूर्ण चंद्र चालीसा
॥दोहा॥
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
॥चालीसा॥
चंद्र तेज धर आप सदा, करुणा सिंधु भगवान।
धवल रूप मन मोहिनी, चमत्कार गुण खान॥1॥
शीतलता के देव तुम, मन को देते छांव।
ग्रह दोष सब हरते हो, देते शुभ फल दांव॥2॥
चमक तुम्हारी अद्भुत, जीवन का आधार।
सौम्यता के प्रतीक तुम, करते सब उद्धार॥3॥
शिव शंकर के मस्तक पर, शोभा बढ़ाते आप।
निशा के स्वामी चंद्र देव, कृपा करो अब आप॥4॥
रात्रि में दिखते हो, उज्जवल रूप महान।
जग को देते ज्योति तुम, सब करते कल्याण॥5॥
कृष्ण पक्ष में घटते हो, शुक्ल पक्ष में बढ़ते।
पूर्णिमा का रूप तुम्हारा, चित्त को सुख देते॥6॥
तुमसे होते ज्वार-भाटा, जल में रहते प्राण।
तुमसे ही है बंधुता, यह सृष्टि का विधान॥7॥
शीतल किरणों से भरते, मन में प्रेम अपार।
ज्योतिष में हो श्रेष्ठतम, भाग्य बनाते संवार॥8॥
चंद्र देव की साधना, हर दुख को हरती।
जीवन में लाती शांति, राह नई दिखलाती॥9॥
शिव प्रिय चंद्र देव तुम, साधक को दो ध्यान।
करो कृपा अब देवता, पूर्ण करो अरमान॥10॥
चंद्र दोष जो होते हैं, उनसे मुक्त कराएं।
मन का संतुलन देकर, जीवन सुखमय बनाएं॥11॥
सफेद वस्त्र धारण कर, साधक करे अराध।
धूप, दीप और अक्षत से, हो तुम शीघ्र प्रसन्न॥12॥
श्रद्धा से जो जपे तुम्हें, संकट हरते आप।
चंद्र चालीसा पाठ से, पूर्ण हों सब ताप॥13॥
तुमसे ही संतुलित होता, जीवन का आधार।
तुम बिन शांति न होती, कृपा करो अब अपार॥14॥
करते जो आराधना, उनके कष्ट मिटाते।
सफलता का आशीष देकर, जीवन में खुशियां लाते॥15॥
तुम्हीं से जल का प्रवाह, प्रकृति की शान।
तुम्हारी कृपा से होता, सृष्टि का उत्थान॥16॥
चंद्र देव अब कृपा करो, साधक की अरज सुनो।
चालीसा का यह पाठ सदा, भक्ति में रमण करो॥17॥
॥दोहा॥
जय जय चंद्र देव प्रभु, सब पर करो उपकार।
कष्ट मिटाओ भक्त के, जीवन हो सुखमय अपार॥
चंद्र चालीसा पाठ के लाभ
- मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- भावनात्मक संतुलन बनाए रखता है।
- चंद्र ग्रह के दोष शांत होते हैं।
- सौंदर्य और आकर्षण में वृद्धि होती है।
- विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।
- पारिवारिक कलह का नाश होता है।
- मन की चंचलता कम होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- व्यापार में वृद्धि होती है।
- दांपत्य जीवन सुखमय बनता है।
- ध्यान और साधना में सहायता मिलती है।
- शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।
- ग्रहण दोष समाप्त होता है।
- बच्चों की पढ़ाई में सुधार होता है।
- आत्मविश्वास बढ़ता है।
- शुभ कार्यों में सफलता मिलती है।
- समृद्धि और खुशहाली बढ़ती है।
चंद्र चालीसा पाठ की विधि
दिन और अवधि
- दिन: सोमवार को पाठ प्रारंभ करें।
- अवधि: 41 दिन तक नियमित करें।
- मुहूर्त: प्रातः काल सूर्योदय से पहले का समय सर्वोत्तम है।
विधि
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- सफेद वस्त्र या आसन का उपयोग करें।
- चांदी की थाली में दीपक जलाएं।
- चंद्र देव का ध्यान कर चालीसा पाठ करें।
- चावल और सफेद फूल अर्पित करें।
नियम
- पूजा और साधना को गुप्त रखें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- शुद्ध और सात्विक भोजन ग्रहण करें।
- साधना के दौरान शराब और मांसाहार से बचें।
- पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें।
- घर का शांत और स्वच्छ स्थान चुनें।
- सूर्योदय से पहले पाठ करें।
- ध्यान के समय सफेद मोमबत्ती जलाएं।
सावधानियां
- साधना को सार्वजनिक न करें।
- पाठ के समय मोबाइल और अन्य उपकरण बंद रखें।
- सफेद वस्त्र पहनना अनिवार्य है।
- गंदे और अस्वच्छ स्थान पर पाठ न करें।
- बिना स्नान किए पाठ न करें।
- साधना के समय किसी अन्य कार्य में मन न लगाएं।
- चंद्र चालीसा पाठ के दौरान अशुद्ध विचारों से बचें।
Kanamdhara lakshmi pujan for wealth
चंद्र चालीसा पाठ से जुड़े प्रश्न और उनके उत्तर
प्रश्न 1: चंद्र चालीसा पाठ कब करना चाहिए?
उत्तर: सोमवार को सूर्योदय से पहले चंद्र चालीसा पाठ करना सबसे उत्तम है।
प्रश्न 2: क्या 41 दिन के अलावा भी पाठ किया जा सकता है?
उत्तर: हां, इसे जीवनभर नियमित रूप से किया जा सकता है।
प्रश्न 3: चंद्र चालीसा पाठ से क्या लाभ होता है?
उत्तर: मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन और जीवन में खुशहाली प्राप्त होती है।
प्रश्न 4: क्या इस पाठ को गुप्त रखना जरूरी है?
उत्तर: हां, साधना को गुप्त रखने से अधिक फल प्राप्त होते हैं।
प्रश्न 5: क्या स्त्रियां चंद्र चालीसा पाठ कर सकती हैं?
उत्तर: हां, स्त्रियां भी इसे कर सकती हैं।
प्रश्न 6: क्या पाठ के दौरान किसी विशेष आसन का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: सफेद रंग का आसन सर्वोत्तम है।
प्रश्न 7: क्या पाठ के दौरान भोग लगाना आवश्यक है?
उत्तर: हां, सफेद मिठाई और चावल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
प्रश्न 8: क्या चंद्र चालीसा पाठ से ग्रहण दोष समाप्त होता है?
उत्तर: हां, यह पाठ ग्रहण दोष को शांत करता है।
प्रश्न 9: चंद्र चालीसा पाठ के लिए कौन से रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: सफेद रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
प्रश्न 10: क्या पाठ के दौरान कोई मंत्र भी जपना चाहिए?
उत्तर: चालीसा पाठ के दौरान चंद्र मंत्र जपना शुभ होता है।
प्रश्न 11: क्या पाठ के दौरान दीपक जलाना अनिवार्य है?
उत्तर: हां, चांदी के दीपक में घी का दीपक जलाना शुभ होता है।
प्रश्न 12: क्या चंद्र चालीसा पाठ से विवाह में बाधा दूर होती है?
उत्तर: हां, यह पाठ विवाह में आने वाली बाधाओं को समाप्त करता है।