कैसे चंद्रद्रवा वट यक्षिणी मंत्र आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकता है?
“शिवार्चन चंद्रिका” के अनुसार, चंद्रद्रवा वट यक्षिणी मंत्र चिकित्सा के क्षेत्र में सफलता, भौतिक सुख, आर्थिक उन्नति और वृद्धावस्था को रोकने में सहायक है। यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली है और सही विधि से जाप करने पर आपके जीवन को सुखमय बना सकता है।
चंद्रद्रवा वट यक्षिणी मंत्र का विनियोग
विनियोग:
“ॐ अस्य चंद्रद्रवा वट यक्षिणी मंत्रस्य। ब्रह्मा ऋषिः। गायत्री छन्दः। चंद्रद्रवा वट यक्षिणी देवता। चंद्रद्रवा वट यक्षिणी प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः।”
अर्थ (हिंदी में):
इस मंत्र का विनियोग इस प्रकार है— ब्रह्मा इस मंत्र के ऋषि हैं, गायत्री इसका छंद है, और चंद्रद्रवा वट यक्षिणी इसकी देवता हैं। इस मंत्र का जाप चंद्रद्रवा वट यक्षिणी की कृपा प्राप्ति के लिए किया जाता है।
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ ह्रीं दिग्बंधनाय नमः।”
अर्थ: इस मंत्र के द्वारा सभी दिशाओं में सुरक्षा कवच तैयार किया जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
चंद्रद्रवा वट यक्षिणी मंत्र का संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
“ॐ ह्रीं नमः चंद्रद्रवे कर्णा कर्ण कारणे स्वाहा “
संपूर्ण अर्थ:
यह मंत्र चंद्रद्रवा वट यक्षिणी की आराधना और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए है। इस मंत्र में—
- “ॐ”: यह ब्रह्मांड की ऊर्जा और ईश्वर की उपस्थिति का प्रतीक है।
- “ह्रीं”: यह शक्ति और समृद्धि का बीज मंत्र है, जो मानसिक और भौतिक दोनों प्रकार की उन्नति को प्रकट करता है।
- “नमः”: देवता को नमन और समर्पण का संकेत है।
- “चंद्रद्रवे”: यह चंद्रद्रवा वट यक्षिणी का आह्वान है, जो हमारे कष्टों को दूर करने वाली और सुख देने वाली देवी हैं।
- “कर्णा कर्ण”: इसका अर्थ है कि देवी हमारी प्रार्थनाओं को सुनें और उनकी कृपा प्रदान करें।
- “कारणे”: इसका तात्पर्य है कि देवी हमारे जीवन के सभी कारणों और समस्याओं का समाधान करें।
- “स्वाहा”: यह शब्द देवी को पूर्ण समर्पण और उनके प्रति अपनी भक्ति का संकेत है।
इस मंत्र का जाप मानसिक शांति, भौतिक समृद्धि, और जीवन में स्थायित्व लाने में सहायक है। यह मंत्र व्यक्ति को आध्यात्मिक और सांसारिक दोनों लाभ प्रदान करता है।
जप काल में इन चीजों का सेवन करें
जप के दौरान इन पदार्थों का सेवन शुभ माना गया है:
- गंगा जल
- ताजे फल
- गाय का दूध
- शहद
- सूखे मेवे
चंद्रद्रवा वट यक्षिणी मंत्र के लाभ
- मानसिक शांति प्रदान करता है।
- भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि करता है।
- आर्थिक समृद्धि लाता है।
- शत्रुओं से रक्षा करता है।
- चिकित्सा में सफलता दिलाता है।
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- घर में सुख-शांति बनाए रखता है।
- वृद्धावस्था को रोकने में सहायक है।
- भाग्य को चमकाता है।
- धन और समृद्धि बढ़ाता है।
- पारिवारिक जीवन को खुशहाल बनाता है।
- दांपत्य जीवन में प्रेम बढ़ाता है।
- नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
- ग्रह दोष शांत करता है।
- आत्मबल को बढ़ाता है।
- करियर में उन्नति लाता है।
- रोगों से मुक्ति दिलाता है।
- आध्यात्मिक उन्नति करता है।
पूजा सामग्री और मंत्र विधि
आवश्यक सामग्री:
- बरगद का पत्ता
- सफेद चंदन
- गाय का घी
- शुद्ध जल
- दीपक
मंत्र जाप विधि:
बरगद के पत्ते पर “अमुक” लिखें और उसे अपने सामने रखें। अब शांत मन से मंत्र का जाप शुरू करें। याद रखे “अमुक” की जगह पर लाल पेन से या अष्टगंध से अपनी समस्या लिखे जैसे कि… “कर्ज” “बिमारी” “शत्रु बाधा” “तंत्र बाधा” इत्यादि.
मंत्र जाप का समय और अवधि
- दिन: मंगलवार और पूर्णिमा
- अवधि: 20 मिनट
- मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4:00 से 6:00 बजे तक)
- अवधि: 11 दिन
मंत्र जाप के नियम
- मंत्र जाप करने वाले की उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री और पुरुष दोनों जाप कर सकते हैं।
- नीले और काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
जप के दौरान सावधानियां
- अशुद्ध स्थान पर जाप न करें।
- क्रोध और तनाव से बचें।
- जाप के समय ध्यान भटकाने वाली वस्तुएं दूर रखें।
मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: चंद्रद्रवा वट यक्षिणी मंत्र का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: यह मंत्र मानसिक शांति, भौतिक सुख और आर्थिक उन्नति के लिए है।
प्रश्न 2: मंत्र जाप के लिए कौन सा दिन शुभ है?
उत्तर: मंगलवार और पूर्णिमा।
प्रश्न 3: मंत्र जाप के लिए किस दिशा की ओर मुख करना चाहिए?
उत्तर: उत्तर दिशा।
प्रश्न 4: क्या महिलाएं इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी जाप कर सकती हैं।
प्रश्न 5: मंत्र जाप का समय कितना होना चाहिए?
उत्तर: प्रतिदिन 20 मिनट।
प्रश्न 6: क्या जाप के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, ध्यान केंद्रित रखें।
प्रश्न 7: क्या जाप के दौरान किसी और मंत्र का उच्चारण कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, केवल चंद्रद्रवा वट यक्षिणी मंत्र का ही जाप करें।
प्रश्न 8: क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखता है?
उत्तर: सही विधि से जाप करने पर प्रभाव शीघ्र दिखने लगता है।
प्रश्न 9: क्या जाप के दौरान दीपक जलाना अनिवार्य है?
उत्तर: हां, यह सकारात्मक ऊर्जा लाने में सहायक है।
प्रश्न 10: क्या मंत्र जाप के बाद कोई दान करना चाहिए?
उत्तर: हां, गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करें।
प्रश्न 11: मंत्र जाप के दौरान कौन सी गंधित वस्तु का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: चंदन का इत्र।
प्रश्न 12: क्या मंत्र जाप के बाद कोई विशेष प्रसाद चढ़ाना चाहिए?
उत्तर: हां, ताजे फल और मिठाई चढ़ाएं।