दक्षिण भैरव मंत्र: सुरक्षा व ब्यापार मे सफलता का रहस्य
ब्यापार बाधा नाशक दक्षिण भैरव मंत्र कठिन समय में व्यापारिक बाधाओं को दूर करने और कार्य सिद्धि में सहायक है। यह मंत्र दक्षिण भैरव की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सफलता सुनिश्चित करने का प्रभावी साधन है। सही विधि और नियमों का पालन करके इस मंत्र का जाप करने से विशेष लाभ मिलता है।
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ हं ह्रीं खं खे चामुंडायै विच्चे, सर्व दिशा: रक्ष रक्ष फट्।”
अर्थ:
यह मंत्र दसों दिशाओं की सुरक्षा के लिए है, जो व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जाओं और बाधाओं से बचाता है।
ब्यापार बाधा नाशक दक्षिण भैरव मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
“ॐ भ्रं दक्षिण भैरवाय प्रेत बंध, तंत्र बंध, सर्व शत्रु संहारिणी कार्य सिद्धिं कुरु कुरु फट्।”
संपूर्ण अर्थ:
यह मंत्र दक्षिण भैरव को समर्पित है, जो सभी प्रकार की बाधाओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त करने में सहायक हैं।
- ॐ भ्रं: यह बीज मंत्र है जो ब्रह्मांडीय ऊर्जा को आकर्षित करता है और आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है।
- दक्षिण भैरवाय: यह दक्षिण दिशा के रक्षक और संकटमोचक दक्षिण भैरव को आह्वान करता है।
- प्रेत बंध: यह भाग मंत्र भूत-प्रेत और नकारात्मक ऊर्जाओं को बांधने और उन्हें निष्क्रिय करने का कार्य करता है।
- तंत्र बंध: यह तांत्रिक बाधाओं और विरोधी तंत्र-मंत्र से सुरक्षा प्रदान करता है।
- सर्व शत्रु संहारिणी: यह मंत्र सभी शत्रुओं को शांत करने और उनकी नकारात्मक गतिविधियों को समाप्त करने में सहायक है।
- कार्य सिद्धिं कुरु कुरु: यह वाक्य कार्य सिद्धि और बाधाओं के समाधान के लिए भैरव से आशीर्वाद की प्रार्थना करता है।
- फट्: यह मंत्र का शीघ्र प्रभाव लाने वाला शक्ति शब्द है, जो नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करता है।
भावार्थ:
यह मंत्र समर्पण और भक्ति के साथ दक्षिण भैरव की कृपा प्राप्त करने और व्यापारिक, व्यक्तिगत तथा आध्यात्मिक जीवन की सभी बाधाओं को समाप्त करने की प्रार्थना है। इसका नियमित जाप व्यक्ति को नकारात्मक शक्तियों और शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है, साथ ही जीवन में सफलता और स्थिरता लाता है।
जप काल में इन चीजों का सेवन अधिक करें
ब्यापार बाधा नाशक दक्षिण भैरव मंत्र के जाप के दौरान विशेष प्रकार की शुद्धता और ऊर्जा बनाए रखना आवश्यक है। इस दौरान कुछ चीजों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए, जो मानसिक और शारीरिक शक्ति बढ़ाने में सहायक होती हैं।
सेवन करने योग्य चीजें:
- गुड़ और तिल का सेवन:
गुड़ और तिल ऊर्जा बढ़ाने और मन को स्थिर रखने में सहायक होते हैं। ये भैरव के प्रिय माने जाते हैं। - दूध और फल:
ताजे दूध और मौसमी फलों का सेवन मानसिक शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में सहायक है। - पानी और नींबू पानी:
जाप के दौरान जल की मात्रा अधिक लें। नींबू पानी से थकावट दूर होती है और शरीर ऊर्जावान बना रहता है। - सात्विक भोजन:
हल्का और शुद्ध सात्विक भोजन करें, जैसे दाल, चावल, हरी सब्जियां। यह मन को शांत और एकाग्र बनाए रखता है। - शहद और तुलसी:
शहद और तुलसी का नियमित सेवन शरीर को शुद्ध और मन को संतुलित रखता है। - नारियल पानी:
यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने में सहायक होता है।
निषेध चीजें:
- मांसाहार, मद्यपान, और धूम्रपान से पूरी तरह बचें।
- तामसिक भोजन, जैसे प्याज और लहसुन, का सेवन न करें।
- मसालेदार और भारी भोजन से बचें।
ध्यान दें:
जप काल में शुद्ध और ऊर्जा बढ़ाने वाले पदार्थों का सेवन मंत्र की शक्ति को बढ़ाता है। इससे मानसिक एकाग्रता और सकारात्मकता बढ़ती है, जो आपकी साधना को सफल बनाती है।
ब्यापार बाधा नाशक दक्षिण भैरव मंत्र लाभ
- व्यापार में बाधाओं का नाश।
- शत्रुओं से सुरक्षा।
- मानसिक शांति।
- धन और समृद्धि।
- जीवन में सकारात्मकता।
- कानूनी मामलों में सफलता।
- आत्मविश्वास की वृद्धि।
- परिवार में शांति।
- व्यापार में विस्तार।
- नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा।
- तंत्र-मंत्र के प्रभाव से मुक्ति।
- सामाजिक मान-सम्मान।
- जीवन में स्थिरता।
- नई योजनाओं में सफलता।
- स्वस्थ जीवन।
- भय से मुक्ति।
- आध्यात्मिक शक्ति।
- दैवीय कृपा।
पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि
- मंत्र जप का दिन: शनिवार।
- अवधि: 20 मिनट, 18 दिन।
- मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त या संध्याकाल।
सामग्री:
- काला आसन।
- एक मुट्ठी काला तिल।
- सरसों के तेल का दीपक।
विधि:
- काले आसन पर बैठें।
- सामने दीपक और काला तिल रखें।
- 20 मिनट तक मंत्र का जाप करें।
- तिल को पीसकर घी मिलाएं और तिलक लगाएं।
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मंत्र जप के नियम
- उम्र 20 वर्ष के ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री-पुरुष कोई भी जप कर सकते हैं।
- नीले और काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से बचें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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जप सावधानियां
- मन को शुद्ध रखें।
- जप के समय मोबाइल या अन्य व्यवधान न हो।
- आसन स्थिर रखें।
- दीपक बुझने न दें।
- जप के बाद किसी को दान करें।
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ब्यापार बाधा नाशक दक्षिण भैरव मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: मंत्र का सही जाप समय कब है?
उत्तर: सुबह ब्रह्म मुहूर्त और शाम को संध्याकाल।
प्रश्न 2: कौन सा रंग पहनना चाहिए?
उत्तर: सफेद या पीले रंग के कपड़े।
प्रश्न 3: क्या स्त्रियां मंत्र जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, लेकिन मासिक धर्म के दौरान न करें।
प्रश्न 4: मंत्र का लाभ कब तक मिलता है?
उत्तर: 18 दिन तक नियमपूर्वक जाप से तुरंत प्रभाव दिखता है।
प्रश्न 5: क्या मंत्र व्यक्तिगत कार्यों के लिए है?
उत्तर: हां, इसे व्यापारिक और व्यक्तिगत बाधाओं के लिए किया जा सकता है।
प्रश्न 6: तिलक कहाँ लगाना चाहिए?
उत्तर: माथे, बालों के अंदर, गले या कान के पीछे।
प्रश्न 7: क्या भोजन दान आवश्यक है?
उत्तर: हां, यह जप का अंतिम चरण है।
प्रश्न 8: क्या मंत्र का उच्चारण मुश्किल है?
उत्तर: नहीं, नियमित अभ्यास से आसान हो जाता है।
प्रश्न 9: मंत्र जप के दौरान क्या ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: पूर्ण एकाग्रता और भक्ति।
प्रश्न 10: क्या मंत्र से कानूनी मामले सुलझते हैं?
उत्तर: हां, यह मंत्र बाधाओं को दूर करता है।
प्रश्न 11: क्या मंत्र का प्रभाव स्थाई है?
उत्तर: हां, यदि नियमों का पालन किया जाए।
प्रश्न 12: क्या मंत्र जप में बदलाव संभव है?
उत्तर: नहीं, इसे मूल रूप में ही करें।