Dhanada Tara Mantra – Unlock Wealth Prosperity

धनदा तारा मंत्र जप विधि और लाभ: हर कार्य में सफलता का मार्ग

धनदा तारा मंत्र एक शक्तिशाली तांत्रिक मंत्र है जो समृद्धि, संपन्नता और सफलता की प्राप्ति में सहायक माना जाता है। यह मंत्र देवी तारा को समर्पित है, जो संकटों को दूर कर सभी कार्यों में सफलता प्रदान करती हैं। इस मंत्र का नियमित जप करने से धन, वैभव और जीवन की हर कठिनाई को दूर करने की शक्ति मिलती है।

मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र:
“ॐ ह्रीं श्रीं स्त्रीं तारे तुतारे सर्व कार्य साधय साधय नमः।”

अर्थ:
ॐ से पूरे ब्रह्मांड की शक्ति की शुरुआत होती है। ह्रीं श्रीं स्त्रीं तारे का अर्थ है देवी तारा की स्तुति और आह्वान। “तुतारे” का अर्थ है सभी संकटों से मुक्त कराना और “सर्व कार्य साधय साधय” का अर्थ है सभी कार्यों को सफलतापूर्वक संपन्न करना। “नमः” का अर्थ है समर्पण और सम्मान प्रकट करना।

यह मंत्र हमें देवी तारा की कृपा से जीवन के हर कार्य में सफलता और समृद्धि प्राप्त करने की दिशा में मार्गदर्शन करता है।

धनदा तारा मंत्र लाभ

  1. आर्थिक तंगी दूर होती है।
  2. व्यवसाय में प्रगति मिलती है।
  3. घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  4. रोजगार के नए अवसर मिलते हैं।
  5. जीवन के बड़े-बड़े संकट दूर होते हैं।
  6. आर्थिक स्थिति में स्थिरता आती है।
  7. मनोबल में वृद्धि होती है।
  8. संपत्ति में वृद्धि होती है।
  9. सभी प्रकार के ऋणों से मुक्ति मिलती है।
  10. परिवार में संपन्नता आती है।
  11. स्वास्थ में सुधार होता है।
  12. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
  13. व्यापारिक साझेदारी में सफलता मिलती है।
  14. विद्यार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है।
  15. जीवन में हर कार्य में सफलता मिलती है।
  16. मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
  17. देवी तारा की कृपा से भय से मुक्ति मिलती है।

मंत्र विधि

धनदा तारा मंत्र की साधना करने के लिए विशेष विधि का पालन करना आवश्यक है। इस साधना में न केवल नियमितता बल्कि सही समय, स्थान और शुद्धता का भी ध्यान रखा जाता है।

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त

  • दिन: इस मंत्र को किसी शुभ दिन जैसे पूर्णिमा या मंगलवार से शुरू करें।
  • अवधि: इस मंत्र को कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक रोज जप करें।
  • मुहूर्त: प्रातः 4 बजे से 6 बजे के बीच ब्रह्म मुहूर्त का समय मंत्र जप के लिए सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

सामग्री

  • एक स्वच्छ आसन।
  • गाय का घी और कपूर का दीपक।
  • तारा देवी की प्रतिमा या चित्र।
  • कुमकुम, पुष्प, और चंदन।
  • सफेद वस्त्र और साफ जल का पात्र।

मंत्र जप संख्या

प्रतिदिन कम से कम 11 माला यानी 1188 बार मंत्र का जप करें। माला में 108 मनके होते हैं, और इसका नियमित रूप से पालन करने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आता है।

मंत्र जप के नियम

  • उम्र: 20 वर्ष से ऊपर के लोग इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  • लिंग: स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  • वस्त्र: सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें, नीले या काले रंग के वस्त्र न पहनें।
  • आहार: धूम्रपान, पान, और मांसाहार का सेवन न करें।
  • ब्रह्मचर्य: साधना के समय ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप के दौरान सावधानियाँ

  • मंत्र का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट हो।
  • जप के समय मन को भटकने न दें।
  • साधना के स्थान और आसन को स्वच्छ रखें।
  • जप के बाद मंत्र को किसी अन्य को न बताएं।

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धनदा तारा मंत्र पृश्न-उत्तर

1. धनदा तारा मंत्र क्या है?

उत्तर: धनदा तारा मंत्र एक सिद्ध तांत्रिक मंत्र है जो देवी तारा की स्तुति में किया जाता है। इस मंत्र के जप से व्यक्ति को धन, संपन्नता और जीवन में सभी कार्यों में सफलता मिलती है।

2. मंत्र जप की विधि क्या है?

उत्तर: इस मंत्र को शुभ मुहूर्त में शुरू करें। जप के लिए एक स्वच्छ स्थान पर बैठकर 11 माला रोज जप करें। साधना की अवधि 11 से 21 दिन तक होनी चाहिए।

3. क्या इस मंत्र का जप सभी लोग कर सकते हैं?

उत्तर: 20 वर्ष से अधिक उम्र के स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं, लेकिन जप के समय धूम्रपान, मांसाहार और नशीली वस्तुओं का सेवन वर्जित है।

4. मंत्र जप के लिए कौन सा समय श्रेष्ठ है?

उत्तर: मंत्र जप के लिए ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) का समय सबसे अच्छा माना जाता है।

5. मंत्र के जप से कितने लाभ होते हैं?

उत्तर: इस मंत्र के जप से व्यक्ति को 17 प्रमुख लाभ प्राप्त होते हैं, जैसे आर्थिक संकट से मुक्ति, परिवार में सुख-शांति, और जीवन में समृद्धि की प्राप्ति।

6. क्या इस मंत्र का उच्चारण महत्वपूर्ण है?

उत्तर: हाँ, मंत्र का शुद्ध उच्चारण अति महत्वपूर्ण है। गलत उच्चारण से लाभ की प्राप्ति नहीं होती।

7. मंत्र जप के समय क्या ध्यान रखना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जप के दौरान ध्यान रखें कि मन एकाग्र रहे, आसन और स्थान स्वच्छ हो, और सभी प्रकार के नकारात्मक विचारों से दूर रहें।

8. कितनी माला का जप करना चाहिए?

उत्तर: प्रतिदिन 11 माला का जप करना चाहिए, जिसमें प्रत्येक माला में 108 मंत्र होते हैं।

9. क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष दिन शुरू करना चाहिए?

उत्तर: हाँ, इस मंत्र का जप शुभ दिन, जैसे पूर्णिमा या मंगलवार, से शुरू करना उत्तम माना जाता है।

10. मंत्र जप के दौरान किन चीज़ों से बचना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार और नकारात्मक विचारों से बचना चाहिए। नीले और काले रंग के कपड़े न पहनें।

11. क्या स्त्रियाँ भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, स्त्री-पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं, लेकिन साधना के समय शुद्धता और नियमों का पालन करना आवश्यक है।

12. क्या मंत्र जप के दौरान व्रत रखना अनिवार्य है?

उत्तर: मंत्र जप के दौरान पूर्ण व्रत रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन सात्विक आहार और शुद्ध आचरण का पालन करना आवश्यक है।

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