Dattatreya Attraction Mantra - Power and Benefits

Dattatreya Attraction Mantra – Power and Benefits

दत्तात्रेय आकर्षण मंत्र: जीवन में सफलता व आकर्षण के लिए शक्तिशाली उपाय

दत्तात्रेय आकर्षण मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र है, जिसका उपयोग विशेष रूप से आकर्षण, सफलता, और सकारात्मक ऊर्जा के लिए किया जाता है। भगवान दत्तात्रेय, जो ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त रूप माने जाते हैं, इस मंत्र में साधक को अपनी ओर आकर्षित करने की शक्ति प्रदान करते हैं। इस मंत्र का नियमित जप साधक की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में सहायक होता है।

दत्तात्रेय आकर्षण मंत्र

मंत्र:
“ॐ द्रा द्रीं द्रों दत्तात्रेयाय मम आकर्षणशक्ति च प्रभावः वर्धते नमः”

मंत्र का संपूर्ण अर्थ:

  • : परमात्मा का आह्वान
  • द्रा द्रीं द्रों: बीज मंत्र, जो दत्तात्रेय की ऊर्जा को जागृत करते हैं।
  • दत्तात्रेयाय: भगवान दत्तात्रेय को समर्पण
  • मम आकर्षणशक्ति: मेरी आकर्षणशक्ति को बढ़ाने के लिए।
  • च प्रभावः वर्धते: और मेरा प्रभाव बढ़े।
  • नमः: भगवान को नमन।

दत्तात्रेय आकर्षण मंत्र के लाभ

  1. प्रभावित करने की क्षमता।
  2. बातचीत करने की क्षमता मे बढोतरी।
  3. मनोवांछित व्यक्ति को आकर्षित करना।
  4. आर्थिक समृद्धि में वृद्धि।
  5. संबंधों में सुधार।
  6. चुंबकीय शक्ति।
  7. चेहरे पर चमक।
  8. कार्यक्षेत्र में सफलता।
  9. आध्यात्मिक उन्नति।
  10. विचारों में स्पष्टता।
  11. कम समय मे उन्नति।
  12. नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा।
  13. स्वास्थ्य में सुधार।
  14. जीवन में समृद्धि।
  15. परिवार में सुख-शांति।
  16. मानसिक अवरोधों से मुक्ति।
  17. सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में संतुलन।

मंत्र विधि

  • जप का दिन: मंगलवार, गुरुवार या रविवार उत्तम हैं।
  • जप अवधि: कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक करें।
  • जप का मुहूर्त: सूर्योदय के समय, ब्रह्म मुहूर्त में सबसे शुभ होता है।

मंत्र जप

साधक को इस मंत्र का 11 से 21 दिन तक रोज जप करना चाहिए। प्रत्येक दिन 11 माला (यानी 1188 मंत्र) का जप करें। साधक को अनुशासन के साथ नियमितता बनाए रखनी चाहिए।

सामग्री

  • पीले वस्त्र
  • पीला आसन
  • भगवान दत्तात्रेय की प्रतिमा या चित्र
  • गुग्गल धूप, दीपक, फूल
  • एकाक्षी नारियल

मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: साधक की आयु 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. लिंग: पुरुष और स्त्री दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
  3. वस्त्र: नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान एवं नशीले पदार्थ: मंत्र जप के दौरान इनका सेवन न करें।
  5. मासाहार: जप के समय पूर्ण शाकाहारी भोजन करें।
  6. ब्रह्मचर्य: जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप के दौरान सावधानियां

  • मंत्र जप के समय मन और शरीर को शुद्ध रखें।
  • जप के समय अशुद्ध स्थान से दूर रहें।
  • नियमित रूप से एक ही स्थान और समय पर जप करें।
  • किसी भी प्रकार की नकारात्मक सोच से दूर रहें।
  • बिना गुरु के दिशा-निर्देश के इस मंत्र का दुरुपयोग न करें।

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दत्तात्रेय आकर्षण मंत्र प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: क्या इस मंत्र का जप किसी भी दिन किया जा सकता है?

उत्तर: यह मंत्र विशेष रूप से मंगलवार, गुरुवार और रविवार को जपना शुभ माना जाता है। हालाँकि, यदि गुरु की अनुमति हो, तो अन्य दिनों में भी किया जा सकता है।

प्रश्न 2: क्या स्त्रियाँ इस मंत्र का जप कर सकती हैं?

उत्तर: हाँ, इस मंत्र का जप स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं। इसे करने के लिए कोई लिंग-विशेष नियम नहीं है।

प्रश्न 3: मंत्र जप के दौरान क्या खानपान की कोई विशेष व्यवस्था है?

उत्तर: हाँ, जप के दौरान शाकाहारी भोजन करना अनिवार्य है। मांसाहार, धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन वर्जित है।

प्रश्न 4: क्या मंत्र जप के दौरान किसी विशेष आसन का उपयोग करना चाहिए?

उत्तर: पीले वस्त्र और पीले आसन का उपयोग करना शुभ माना जाता है। इससे ऊर्जा संतुलन बेहतर होता है।

प्रश्न 5: इस मंत्र का जप किस दिशा में बैठकर करना चाहिए?

उत्तर: उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके मंत्र जप करना अधिक लाभकारी होता है।

प्रश्न 6: मंत्र जप के बाद क्या करना चाहिए?

उत्तर: जप के बाद भगवान दत्तात्रेय की आरती करें और उन्हें नमन करें। ध्यान और प्रार्थना के साथ दिनचर्या शुरू करें।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष समस्या के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: हाँ, यह मंत्र विशेष रूप से आकर्षण, सफलता और मानसिक शांति के लिए किया जाता है।

प्रश्न 8: क्या इस मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखता है?

उत्तर: मंत्र का प्रभाव साधक की श्रद्धा, नियमितता, और अनुशासन पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को जल्दी प्रभाव दिखता है, जबकि कुछ को समय लगता है।

प्रश्न 9: क्या इस मंत्र का जप करते समय गुरु की आवश्यकता होती है?

उत्तर: गुरु का मार्गदर्शन हमेशा लाभकारी होता है, लेकिन यदि कोई साधक स्वयं इस मंत्र का जप करता है, तो भी उसे लाभ मिल सकता है।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का जप रात्रि में किया जा सकता है?

उत्तर: सुबह का समय सर्वोत्तम माना जाता है, लेकिन रात्रि में शांत वातावरण में भी जप किया जा सकता है।

प्रश्न 11: क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष मुहूर्त में करना आवश्यक है?

उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में मंत्र जप सबसे प्रभावी माना जाता है। इस समय ऊर्जा का प्रवाह सर्वोत्तम होता है।

प्रश्न 12: इस मंत्र के लाभ कब तक मिलते हैं?

उत्तर: इस मंत्र के लाभ नियमित जप और अनुशासन के साथ लंबे समय तक मिलते हैं।