धनत्रयोदशी (धनतेरस) पूजन 2024: समृद्धि और स्वास्थ्य
धनत्रयोदशी, जिसे धनतेरस भी कहा जाता है, दिवाली उत्सव का पहला दिन होता है और इसे अत्यंत शुभ माना जाता है। यह दिन माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। ‘धन’ का अर्थ है समृद्धि और ‘तेरस’ का अर्थ है तेरहवां दिन। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और आरोग्य का वास होता है।
धनतेरस पर नई वस्तुएं, विशेषकर बर्तन और आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह संपत्ति और ऐश्वर्य का प्रतीक होता है। यह पूजा न केवल आर्थिक उन्नति के लिए की जाती है, बल्कि आरोग्य और दीर्घायु के लिए भी विशेष महत्व रखती है।
धनतेरस पूजन मुहूर्त 2024
वर्ष 2024 में धनत्रयोदशी (धनतेरस) का पूजन मुहूर्त इस प्रकार है:
- तिथि: 28 अक्टूबर 2024
- पूजन का शुभ समय: सायंकाल 06:00 PM से 08:00 PM
- प्रदोष काल: 05:40 PM से 08:20 PM
- वृषभ काल: 06:30 PM से 08:30 PM
यह समय अत्यंत शुभ माना जाता है, जब घर की लक्ष्मी पूजन करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
धनत्रयोदशी (धनतेरस) पूजन विधि: मंत्र और सामग्री के साथ
पूजन सामग्री
- लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्तियाँ
- चांदी/तांबे के सिक्के
- दीपक, तेल और रुई
- हल्दी, कुमकुम, अक्षत (चावल)
- सुपारी, पान के पत्ते
- मिठाई (खीर या लड्डू)
- धूप और अगरबत्ती
- गंगाजल, दूध और शहद
- एक तांबे या पीतल का पात्र
- कलश और नया बर्तन
पूजा विधि
- सबसे पहले पूजा स्थल को स्वच्छ करें और माँ लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्तियों को स्थापित करें।
- दीपक जलाएं और पूजा का संकल्प लें।
- सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें।
- लक्ष्मी जी की पूजा करते समय “ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
- उन्हें चावल, फूल, मिठाई, और जल अर्पित करें।
- लक्ष्मी जी के साथ कुबेर देवता और धन्वंतरि की पूजा भी करें।
- कुबेर मंत्र ॐ यक्षपति कुबेराय नमः
धन्वंतरि पूजा मंत्र
“ॐ नमो भगवते धन्वंतरये अमृतकलश हस्ताय, सर्वामय विनाशनाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णवे नमः” या “ॐ ह्रां ह्रौं धनवंतरे नमः”.
इस मंत्र के साथ भगवान धन्वंतरि का आह्वान करें और आरोग्य की प्रार्थना करें।
आरती
पूजन के अंत में लक्ष्मी जी की आरती करें। “ॐ जय लक्ष्मी माता” आरती का गायन करें और सभी को प्रसाद वितरित करें।
धनतेरस पूजन के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं
धनतेरस के दिन शुद्ध और सात्विक भोजन करना चाहिए। हल्के भोजन जैसे खिचड़ी, पूड़ी, सब्जी और फलाहार ग्रहण करना उत्तम होता है। इस दिन मांसाहार, प्याज और लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत रखने वाले लोग केवल फल, दूध और अन्य सात्विक आहार लें।
कब से कब तक करें धनतेरस पूजा
धनतेरस पूजन प्रदोष काल में किया जाना चाहिए, जो सूर्यास्त के बाद के समय को दर्शाता है। इस वर्ष 2024 में पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6:00 PM से 8:00 PM के बीच है। इस समय लक्ष्मी जी और धन्वंतरि की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। वृषभ काल में किया गया पूजन विशेष फलदायी होता है।
धनतेरस पूजन के नियम और सावधानियाँ
- पूजा से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा के दौरान शांत मन और एकाग्रता बनाए रखें।
- पूजन स्थल को साफ रखें और गंगाजल का छिड़काव करें।
- पूजा में नकारात्मक विचार न लाएं और क्रोध से बचें।
- पूजन के समय पूरे परिवार को एकत्रित करना शुभ माना जाता है।
- शास्त्रों के अनुसार, इस दिन लोहे के बर्तन और वस्त्र न खरीदें।
- दीपक जलाना और घर के मुख्य द्वार पर जल रखकर स्वागत करना शुभ है।
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धनतेरस पूजा के लाभ
- आर्थिक समृद्धि और संपत्ति का वास।
- घर में सुख-शांति का स्थाई निवास।
- रोगों से मुक्ति और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति।
- व्यापार और व्यवसाय में उन्नति।
- परिवार में प्रेम और सद्भाव बढ़ता है।
- दुष्ट शक्तियों से रक्षा।
- मां लक्ष्मी की कृपा से सौभाग्य बढ़ता है।
- कुबेर देवता का आशीर्वाद मिलता है।
- मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति।
- जीवन में स्थिरता और संतुलन।
- आपसी समझ और सामंजस्य में वृद्धि।
- धन-संपत्ति में निरंतर बढ़ोतरी।
- कार्यक्षेत्र में मान-सम्मान की प्राप्ति।
- भगवान धन्वंतरि के आशीर्वाद से दीर्घायु।
- व्यापार में अनुकूलता और लाभ।
- सुख-समृद्धि और वैभव की वृद्धि।
- परिवार में हर प्रकार की विघ्न-बाधा से मुक्ति।
धनतेरस पूजा संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: धनतेरस का क्या महत्व है?
उत्तर: धनतेरस दिवाली का पहला दिन है। इसे माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस दिन का महत्व धन, समृद्धि, और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति से जुड़ा है।
प्रश्न 2: धनतेरस पर कौन-कौन से देवताओं की पूजा की जाती है?
उत्तर: इस दिन माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, धन्वंतरि और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। लक्ष्मी से धन, धन्वंतरि से आरोग्य, और कुबेर से संपत्ति की प्रार्थना की जाती है।
प्रश्न 3: धनतेरस के दिन क्या खरीदना शुभ माना जाता है?
उत्तर: धनतेरस पर सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, धनिया, और नए वस्त्र खरीदना शुभ माना जाता है। ये वस्तुएं समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती हैं।
प्रश्न 4: धनतेरस पर पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त क्या होता है?
उत्तर: धनतेरस पर पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में होता है, जो सूर्यास्त के बाद का समय है। 2024 में यह शाम 6:00 PM से 8:00 PM के बीच है।
प्रश्न 5: धनतेरस के दिन क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?
उत्तर: इस दिन शुद्ध और सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। मांसाहार, प्याज और लहसुन का सेवन वर्जित होता है। व्रत रखने वाले लोग केवल फल और दूध का सेवन करते हैं।
प्रश्न 6: क्या धनतेरस पर लोहा खरीदना शुभ होता है?
उत्तर: शास्त्रों के अनुसार धनतेरस पर लोहे से बनी वस्तुएं खरीदना शुभ नहीं माना जाता है। इसके स्थान पर तांबा, चांदी या सोना खरीदना बेहतर होता है।
प्रश्न 7: धनतेरस पर दीपक जलाने का क्या महत्व है?
उत्तर: धनतेरस पर दीपक जलाना समृद्धि और शुभता का प्रतीक है। मुख्य द्वार पर दीप जलाकर माँ लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है ताकि वे घर में प्रवेश करें और समृद्धि लाएं।
प्रश्न 8: धनतेरस पर किस दिशा में दीपक जलाना चाहिए?
उत्तर: धनतेरस पर दीपक मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा की ओर जलाना चाहिए। इससे नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और घर में सुख-शांति आती है।