महालक्ष्मी पूजन (दीपावली) 2024: विधि, मुहूर्त और पूजा से जुड़े नियम
महालक्ष्मी पूजन (दीपावली) का पर्व हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह पूजा विशेष रूप से धन, समृद्धि और सुख-शांति के लिए की जाती है। देवी लक्ष्मी को धन की देवी माना जाता है और इस दिन उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए लोग श्रद्धा भाव से पूजन करते हैं। महालक्ष्मी पूजन दीपावली के दिन मुख्य रूप से सायंकाल किया जाता है, जब सभी घरों में दीप जलाकर वातावरण को पवित्र और शुभ बनाया जाता है।
महालक्ष्मी पूजन- दिवाली २०२४ मुहूर्त
वर्ष २०२४ में महालक्ष्मी पूजन के लिए शुभ मुहूर्त १ नवंबर की सायंकाल ६:०० बजे से ८:०० बजे तक का रहेगा। यह समय देवी लक्ष्मी के पूजन के लिए अत्यंत लाभकारी और शुभ माना जाता है। इसी समय के भीतर पूजा संपन्न करने से देवी लक्ष्मी की कृपा अधिक प्राप्त होती है।
महालक्ष्मी पूजन विधि : आरंभ से आरती तक
- स्नान और स्वच्छता: पूजन से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान की तैयारी: पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां रंगोली सजाएं। एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और महालक्ष्मी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- कलश स्थापना: कलश में जल भरकर, उसमें आम के पत्ते और नारियल रखें। इसे लक्ष्मीजी के बाईं ओर रखें।
- दीप प्रज्वलन: दीये जलाएं और चारों ओर रखें।
- आवाहन मंत्र: “ॐ महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का उच्चारण करके देवी को आमंत्रित करें।
- पुष्प अर्पण: लक्ष्मी जी को फूल, चावल और धनिया अर्पित करें।
- मंत्र पाठ:
- “ॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
- “ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै स्वाहा” का जप करें।
- भोग और प्रसाद: देवी को मीठा प्रसाद जैसे खीर, लड्डू और फल अर्पित करें।
- आरती: अंत में लक्ष्मी जी की आरती “जय लक्ष्मी माता” गाकर करें।
पूजा के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं
पूजा के दिन सात्विक भोजन करें। मांस, लहसुन, प्याज और मदिरा का सेवन वर्जित है। चावल, दाल, रोटी, सब्जी, और मिष्ठान्न खाएं। तामसिक वस्तुओं से परहेज करें।
पूजा के नियम और सावधानियां
- पूजा के दिन स्वच्छ वस्त्र पहनें और शुद्धता का पालन करें।
- घर के दरवाजे और खिड़कियां खुले रखें ताकि देवी लक्ष्मी का प्रवेश हो सके।
- दीये जलाकर घर के कोने-कोने में रखें।
- कोई अशुभ कार्य न करें, जैसे कि झगड़ा या कटु वचन बोलना।
- पूजा में शांत मन से ध्यान लगाएं और कोई विकार मन में न लाएं।
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महालक्ष्मी पूजन- दिवाली पूजा के लाभ
- धन की प्राप्ति और आर्थिक स्थिरता।
- मानसिक शांति और सुख-समृद्धि।
- ऋणों से मुक्ति।
- घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह।
- व्यापार में वृद्धि और सफलता।
- परिवार में सौहार्द्र और प्रेम बढ़ता है।
- स्वास्थ्य में सुधार।
- आलस्य और नकारात्मकता का नाश।
- मनोवांछित फल की प्राप्ति।
- सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि।
- बच्चों की शिक्षा और करियर में उन्नति।
- आध्यात्मिक उन्नति और मोक्ष की प्राप्ति।
महालक्ष्मी पूजन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर
1. महालक्ष्मी पूजन (दीपावली) का महत्व क्या है?
महालक्ष्मी पूजन धन, समृद्धि और सुख-शांति प्राप्त करने के लिए किया जाता है। दीपावली की रात को देवी लक्ष्मी का विशेष पूजन किया जाता है ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा और आर्थिक उन्नति बनी रहे।
2. महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त कब होता है?
दीपावली के दिन सायंकाल का समय पूजन के लिए सबसे शुभ माना जाता है। 2024 में महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त शाम 6:00 बजे से 8:00 बजे तक है।
3. महालक्ष्मी पूजन के लिए किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है?
पूजन सामग्री में लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र, दीया, घी, कपूर, अगरबत्ती, फूल, चावल, कलश, नारियल, फल, मिठाई, पंचामृत, कुमकुम और पीला या लाल वस्त्र शामिल होते हैं।
4. महालक्ष्मी पूजन कैसे करना चाहिए?
पूजन के लिए सबसे पहले स्नान करें, पूजन स्थल सजाएं, लक्ष्मी जी की मूर्ति स्थापित करें। दीप जलाएं, फूल और चावल अर्पित करें, और “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें। अंत में आरती करें।
5. क्या पूजा के दिन मांस और मदिरा का सेवन किया जा सकता है?
नहीं, महालक्ष्मी पूजन के दिन सात्विक आहार करना चाहिए और मांस, मदिरा, लहसुन और प्याज से परहेज करना चाहिए। तामसिक आहार वर्जित है।
6. क्या दीपावली पर उधार देना शुभ होता है?
दीपावली के दिन उधार देना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से धन की हानि हो सकती है, इसलिए इस दिन उधार देने से बचना चाहिए।
7. महालक्ष्मी पूजन के दिन कौन से रंग के वस्त्र पहनने चाहिए?
पूजन के दिन लाल, पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति में सहायक होते हैं।
8. क्या पूजा के दौरान कोई विशेष मंत्र का जाप करना चाहिए?
हां, पूजा के दौरान “ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः” और “ॐ ह्रीं महालक्ष्म्यै स्वाहा” का जाप करना चाहिए। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है।
9. क्या महालक्ष्मी पूजन केवल व्यापारियों के लिए ही है?
नहीं, महालक्ष्मी पूजन सभी के लिए है। यह पूजा घर और व्यापार दोनों स्थानों पर की जा सकती है। जो लोग घर में शांति, समृद्धि और सुख चाहते हैं, वे भी यह पूजा कर सकते हैं।
10. क्या लक्ष्मी पूजन के बाद घर के दरवाजे खुले रखने चाहिए?
जी हां, लक्ष्मी पूजन के बाद कुछ समय के लिए घर के मुख्य दरवाजे खुले रखने चाहिए ताकि देवी लक्ष्मी घर में प्रवेश कर सकें और उनकी कृपा पूरे परिवार पर बनी रहे।
11. क्या पूजा के समय घर के सभी सदस्य उपस्थित होने चाहिए?
हां, पूजा के समय परिवार के सभी सदस्यों का उपस्थित रहना शुभ माना जाता है। यह परिवार में सामूहिक शांति और समृद्धि का प्रतीक है।
12. महालक्ष्मी पूजन करने से क्या लाभ होता है?
महालक्ष्मी पूजन करने से धन की वृद्धि, मानसिक शांति, आर्थिक स्थिरता, व्यापार में सफलता, परिवार में प्रेम और स्वास्थ्य में सुधार होता है। देवी लक्ष्मी की कृपा से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।