इस ग्रहण में ये 1 चीज कर ली तो दुर्भाग्य दूर होगा!
Eclipse Secret – ग्रहण का प्रभाव हर व्यक्ति के जीवन पर अलग-अलग पड़ता है। कुछ के लिए यह शुभ फलदायी होता है, जबकि कुछ लोगों के लिए यह अशुभ प्रभाव लेकर आता है। जब सूर्य या चंद्र ग्रहण होता है, तो यह न केवल खगोलीय घटना होती है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण काल में किए गए उपाय बहुत प्रभावी होते हैं। इस दौरान किए गए कुछ विशेष कार्य हमारे दुर्भाग्य को दूर करने में सहायक होते हैं। इस लेख में हम उस एक महत्वपूर्ण उपाय की चर्चा करेंगे जो इस ग्रहण में करने से नकारात्मक प्रभाव को समाप्त कर सकता है और सौभाग्य को आमंत्रित कर सकता है।
ज्योतिषीय महत्व और नकारात्मक प्रभाव
ग्रहण काल में कई शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस समय नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक रहता है। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण के दौरान कुछ खास ग्रहों की दशा बदल जाती है, जिससे जीवन में कई बदलाव देखे जाते हैं।
प्रमुख दुष्प्रभाव:
- मानसिक तनाव और चिंता बढ़ सकती है।
- पारिवारिक कलह और संबंधों में कड़वाहट आ सकती है।
- धन हानि और व्यापार में रुकावटें उत्पन्न हो सकती हैं।
- स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
यदि ग्रहण के दौरान सही उपाय किए जाएँ, तो इन सभी नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं वह एक खास उपाय जो दुर्भाग्य को दूर करेगा।
ग्रहण में यह 1 चीज कर लें, दुर्भाग्य दूर होगा
ग्रहण के दौरान हनुमान जी की पूजा करने से सभी नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। हनुमान जी को शक्ति, साहस और संकटमोचन देवता माना जाता है। यदि इस ग्रहण में सच्चे मन से हनुमान जी की भक्ति की जाए, तो दुर्भाग्य दूर हो सकता है।
हनुमान जी की पूजा का सही तरीका:
- ग्रहण शुरू होने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- एक शांत स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हनुमान जी को गुड़-चना का भोग लगाएँ।
- ‘ॐ हं हनुमते नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद किसी निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएँ।
हनुमान जी की कृपा से ग्रहण का दुष्प्रभाव समाप्त हो सकता है और दुर्भाग्य को टाला जा सकता है। यह उपाय न केवल आपके जीवन को सकारात्मक बनाएगा, बल्कि आपको मानसिक शांति भी प्रदान करेगा।
क्या करें और क्या न करें
ग्रहण काल में कुछ नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है। यदि सही विधि से इस दौरान साधना, दान और मंत्र जाप किया जाए, तो सकारात्मक फल प्राप्त होते हैं।
क्या करें?
- ग्रहण के समय ध्यान और मंत्र जाप करें।
- मंदिर में जाकर भगवान की आराधना करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन व दान दें।
- तुलसी, गंगाजल और काले तिल का प्रयोग करें।
क्या न करें?
- भोजन पकाने और खाने से बचें।
- ग्रहण के समय सोना वर्जित माना जाता है।
- बालों और नाखूनों को काटने से बचें।
- किसी के प्रति बुरा व्यवहार न करें।
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ग्रहण में दान का महत्व और सौभाग्य प्राप्ति के उपाय
दान को सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना जाता है। ग्रहण के दौरान किया गया दान सौभाग्य को बढ़ाने में सहायक होता है।
ग्रहण में क्या दान करें?
- अन्न और वस्त्र दान करें।
- काले तिल और गुड़ का दान करें।
- दक्षिणा और गाय के चारे का दान करें।
- सोना, चाँदी या तांबे का दान शुभ माना जाता है।
दान करने से न केवल हमारे पापों का क्षय होता है, बल्कि दुर्भाग्य भी समाप्त हो जाता है। ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए दान एक महत्वपूर्ण उपाय है।
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निष्कर्ष: ग्रहण में इस उपाय से दुर्भाग्य होगा समाप्त
ग्रहण का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ता ही है, लेकिन सही उपाय अपनाकर हम इसे शुभ बना सकते हैं। इस ग्रहण में हनुमान जी की पूजा, मंत्र जाप और दान करने से दुर्भाग्य को समाप्त किया जा सकता है।
ग्रहण का यह काल हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है, यदि हम सही तरीके से इस समय का उपयोग करें। आने वाले ग्रहण में इन उपायों को अपनाएँ और अपने जीवन में शुभता को आमंत्रित करें।