शुक्रवार को माँ संतोषी को प्रसन्न करने का अचूक उपाय | धन की होगी वर्षा
Santoshi Mata Vrat – माँ संतोषी भक्तों की इच्छाएँ पूर्ण करने वाली देवी हैं। माता की उपासना से धन, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। शुक्रवार को माँ संतोषी का व्रत करने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। इस व्रत में विशेष नियमों का पालन आवश्यक होता है।
१६ शुक्रवार का व्रत | माँ संतोषी व्रत की महिमा
माँ संतोषी के व्रत को १२ या १६ शुक्रवार तक करने से भक्त को अद्भुत लाभ मिलता है। यह व्रत करने से जीवन में संतोष, शांति और आर्थिक संपन्नता आती है।
व्रत का प्रारंभ और आवश्यक सामग्री | सही विधि से करें आरंभ
- व्रत शुक्रवार को शुरू करें।
- माता संतोषी की मूर्ति या चित्र के समक्ष व्रत का संकल्प लें।
- प्रसाद के रूप में गुड़ और चने का भोग लगाएँ।
- किसी को भी खट्टा पदार्थ न दें और स्वयं भी न खाएँ।
माँ संतोषी व्रत के अद्भुत लाभ | धन, सुख और समृद्धि का आशीर्वाद
- घर में आर्थिक समृद्धि आती है।
- धन संबंधी समस्याएँ दूर होती हैं।
- व्यापार और नौकरी में वृद्धि होती है।
- पारिवारिक कलह समाप्त होती है।
- विवाह संबंधी बाधाएँ दूर होती हैं।
- मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- जीवन में संतोष और धैर्य बढ़ता है।
- स्वास्थ्य लाभ होता है।
- माता-पिता की कृपा बनी रहती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
- परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता मिलती है।
- प्रेम और सौहार्द बढ़ता है।
- जीवन में आत्मविश्वास बढ़ता है।
- संतान सुख प्राप्त होता है।
व्रत के नियम | इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- व्रतधारी को खट्टे पदार्थ नहीं खाने चाहिए।
- व्रत के दौरान किसी से क्रोध या द्वेष न करें।
- शुक्रवार को गरीबों को भोजन कराएँ।
- माता संतोषी की कथा अवश्य सुनें।
- पूरे व्रत काल में संयम और श्रद्धा बनाए रखें।
माँ संतोषी व्रत कथा | सम्पूर्ण कथा
प्राचीन समय की बात है। एक निर्धन ब्राह्मण परिवार में सात पुत्र थे। उनमें से छह पुत्र मेहनत कर धन कमाते और सुख-सुविधाओं का आनंद लेते थे। परंतु सबसे छोटा पुत्र सीधा-सादा और धर्मपरायण था। उसके भाई उसे तुच्छ समझते थे और उसकी उपेक्षा करते थे। एक दिन वह अपनी माँ से बोला— “माँ, मुझे भी बाहर जाकर धन कमाने की अनुमति दें।” माँ ने रोते हुए उसे विदा किया।
छोटे पुत्र की परीक्षा
वह कई वर्षों तक दूर देश में रहा और माता संतोषी की कृपा से अपार धन अर्जित किया। फिर वह अपनी माँ के पास लौटा। उसकी पत्नी बहुत गरीब थी। जब उसने अपने पति के धन की बात सुनी, तो अपने जेठों से उसे धन माँगने भेजा। परंतु भाई और भाभियाँ उसे तिरस्कार करने लगे।
माँ संतोषी की कृपा
दुखी होकर वह अपनी सास के पास गई। सास ने उसे माँ संतोषी के व्रत की महिमा बताई। उन्होंने कहा कि यदि वह १६ शुक्रवार तक व्रत करे और अंत में ८ कन्याओं को भोजन कराए, तो उसकी सभी समस्याएँ समाप्त हो जाएँगी। वह स्त्री नियमपूर्वक माँ संतोषी व्रत करने लगी। धीरे-धीरे उसके जीवन में परिवर्तन आने लगा।
समृद्धि की प्राप्ति
उधर, माँ संतोषी के प्रभाव से उसका पति घर लौटा और अपार धन लेकर आया। अब वह स्त्री बहुत खुश रहने लगी। यह देखकर उसकी जेठानियाँ जलने लगीं। जब उसने व्रत का उद्यापन करने के लिए ८ कन्याओं को भोजन कराया, तो उसकी जलने वाली जेठानी ने उन कन्याओं को नींबू का अचार खिला दिया। इससे माँ संतोषी रुष्ट हो गईं और उसका पति फिर से निर्धन हो गया।
माँ संतोषी की कृपा पुनः प्राप्त हुई
उसने पुनः श्रद्धा और भक्ति से व्रत किया और इस बार पूरी विधि से उद्यापन किया। अब माँ संतोषी प्रसन्न हुईं और उन्होंने उसकी सभी बाधाओं को दूर कर दिया। उसके पति को फिर से अपार धन प्राप्त हुआ। अब वे दोनों जीवनभर सुखी रहे।
व्रत कथा का महत्व
जो भी श्रद्धा और विश्वास से माँ संतोषी का व्रत करता है, उसके जीवन से सभी दुख, दरिद्रता और कष्ट समाप्त हो जाते हैं। माँ संतोषी की कृपा से धन, समृद्धि, शांति और खुशहाली प्राप्त होती है।
शुभ मुहूर्त में करें माँ संतोषी व्रत | सही समय पर व्रत करने के लाभ
माँ संतोषी का व्रत करने के लिए शुक्रवार का दिन शुभ होता है। विशेष रूप से शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को यह व्रत शुरू करना अधिक लाभकारी होता है।
विशेष मुहूर्त:
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 4:30 से 6:00 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त – 11:30 से 12:30 बजे तक
- प्रदोष काल – शाम 6:00 से 8:00 बजे तक
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माँ संतोषी व्रत विधि | सही तरीके से करें व्रत
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माँ संतोषी की मूर्ति या चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
- माता को गुड़ और चने का भोग लगाएँ।
- संकल्प लेकर माता संतोषी व्रत कथा का पाठ करें।
- दिनभर फलाहार करें और शाम को भोजन ग्रहण करें।
- व्रत की समाप्ति पर ब्राह्मण या कन्याओं को भोजन कराएँ।
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माँ संतोषी व्रत से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न
1. क्या माँ संतोषी व्रत किसी भी शुक्रवार से शुरू किया जा सकता है
हाँ, लेकिन शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को व्रत प्रारंभ करना शुभ होता है।
2. व्रत के दौरान क्या खट्टा खाना वर्जित है
जी हाँ, व्रत के दौरान खट्टा खाने से व्रत का संपूर्ण लाभ नहीं मिलता।
3. माँ संतोषी की पूजा में कौन-से भोग अर्पित करें
गुड़ और चने का भोग अर्पित करना अनिवार्य है।
4. क्या पुरुष भी माँ संतोषी व्रत कर सकते हैं
हाँ, पुरुष और महिलाएँ दोनों यह व्रत कर सकते हैं।
5. क्या इस व्रत से विवाह में आ रही बाधा दूर होती है
जी हाँ, माँ संतोषी की कृपा से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
6. व्रत का उद्यापन कैसे करें
१६वें शुक्रवार को व्रत का उद्यापन करें और 8 लड़कियों को भोजन कराएँ।
7. क्या गर्भवती महिलाएँ यह व्रत कर सकती हैं
हाँ, लेकिन उन्हें व्रत के दौरान हल्का भोजन लेना चाहिए।
8. व्रत के दौरान कौन से रंग के वस्त्र पहनने चाहिए
शुक्रवार को गुलाबी या पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
माँ संतोषी व्रत से जीवन में सुख-शांति
माँ संतोषी का व्रत करने से जीवन में सुख, शांति और आर्थिक समृद्धि प्राप्त होती है। यदि विधिपूर्वक इस व्रत को किया जाए तो माँ संतोषी की असीम कृपा प्राप्त होती है।