घंटाकर्ण धन प्राप्ति मंत्र: आर्थिक समस्याओं का समाधान
घंटाकर्ण धन प्राप्ति मंत्र आर्थिक परेशानियों को समाप्त करने में अद्भुत प्रभावशाली है। यह मंत्र समृद्धि, सुख और सौभाग्य का द्वार खोलता है। आर्थिक बाधाओं और धन की कमी को दूर करने के लिए यह मंत्र जैन तंत्र में विशेष रूप से पूजनीय है।
दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
ॐ ह्रीं क्लीं ठै ठ: सर्व दिशायां सुरक्षितं कुरु कुरु स्वाहा।
अर्थ:
इस मंत्र से दसों दिशाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। यह नकारात्मक ऊर्जाओं और बाधाओं को दूर करता है।
घंटाकर्ण धन प्राप्ति मंत्र व उसका अर्थ (जैन तंत्र के अनुसार)
मंत्र:
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ठै ॐ घंटाकर्ण महावीर लक्ष्मी पूरय पूरय सुख सौभाग्यं कुरु कुरु स्वाहा।
मंत्र का अर्थ:
- ॐ: यह पवित्र शब्द ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतीक है, जो शांति और शक्ति प्रदान करता है।
- ह्रीं: देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने और धन के स्रोत खोलने का बीज मंत्र है।
- श्रीं: यह मंत्र सुख-समृद्धि और वैभव का प्रतीक है।
- क्लीं: इसे आकर्षण और शुभ लाभ के लिए उपयोग किया जाता है।
- ठै: यह शब्द नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं को नष्ट करने का संकेत देता है।
- ॐ घंटाकर्ण महावीर: भगवान घंटाकर्ण महावीर का आह्वान, जो हर तरह की परेशानियों को नष्ट करने और रक्षा करने वाले देवता हैं।
- लक्ष्मी पूरय पूरय: लक्ष्मी से धन, वैभव, और समृद्धि की प्रार्थना की जाती है।
- सुख सौभाग्यं कुरु कुरु: सुख, शांति और सौभाग्य प्रदान करने की अपील है।
- स्वाहा: यह शब्द पूर्णता और आह्वान का प्रतीक है, जो प्रार्थना को भगवान तक पहुंचाता है।
भावार्थ:
यह मंत्र आर्थिक समस्याओं को समाप्त कर सुख, समृद्धि और सफलता का आह्वान करता है। भगवान घंटाकर्ण महावीर और देवी लक्ष्मी की कृपा से जीवन में स्थायित्व और प्रगति आती है। नियमित जप से यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जाओं को समाप्त कर व्यक्ति के भाग्य को प्रबल बनाता है।
इस मंत्र का विधिपूर्वक और ध्यान से जप करने पर धन और समृद्धि के मार्ग खुलते हैं।
जप काल में इन चीजों का सेवन अधिक करें
- तुलसी का सेवन करें।
- शुद्ध घी का प्रयोग करें।
- दूध और मेवे का आहार लें।
- फलों का सेवन करें।
- काली मिर्च और मिश्री का उपयोग करें।
घंटाकर्ण धन प्राप्ति मंत्र के लाभ
- आर्थिक समस्याओं का समाधान।
- धन वृद्धि।
- व्यवसाय में सफलता।
- पारिवारिक समृद्धि।
- भाग्य का उदय।
- मानसिक शांति।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश।
- स्थायी सुख।
- करियर में प्रगति।
- ऋण से मुक्ति।
- स्वास्थ्य लाभ।
- समाज में मान-सम्मान।
- शुभ विवाह।
- धन का स्थायित्व।
- संपत्ति का विस्तार।
- सुखद जीवन।
- शत्रुओं से सुरक्षा।
- आध्यात्मिक उन्नति।
पूजा सामग्री और मंत्र विधि
पूजा सामग्री:
- शुद्ध घी का दीपक।
- कुमकुम और अक्षत।
- लाल फूल।
- घंटी।
- धन का प्रतीक चिह्न (चांदी का सिक्का)।
मंत्र विधि:
- शुभ मुहूर्त में उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- अत्यधिक समस्या हो तो दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करे।
- लाल वस्त्र पहनें।
- दीपक जलाएं और भगवान घंटाकर्ण का ध्यान करें।
- मंत्र का 20 मिनट तक जप करें।
- 18 दिन तक नियमित जप करे।
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मंत्र जप के नियम
- जप के लिए 20 वर्ष से ऊपर की आयु उपयुक्त है।
- स्त्री और पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
- नीले और काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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जप सावधानी
- मन को एकाग्र रखें।
- जप के समय स्थान शुद्ध और शांत हो।
- अशुद्ध विचारों से बचें।
- सूर्योदय के पहले या सूर्यास्त के बाद जप करे
- प्रतिदिन एक ही समय पर जप करें।
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मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: मंत्र का प्रभाव कितने समय में दिखता है?
उत्तर: नियमित 18 दिन के जप से प्रभाव दिखने लगता है।
प्रश्न 2: क्या महिलाएं यह मंत्र जप सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी जप कर सकती हैं।
प्रश्न 3: किस समय मंत्र जप करना सर्वोत्तम है?
उत्तर: प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में जप करना उत्तम है।
प्रश्न 4: क्या मंत्र जप के लिए विशेष आहार आवश्यक है?
उत्तर: हां, सात्विक आहार ग्रहण करें।
प्रश्न 5: क्या इस मंत्र से ऋण मुक्ति संभव है?
उत्तर: हां, यह मंत्र ऋण मुक्ति में सहायक है।
प्रश्न 6: क्या नीले कपड़े पहन सकते हैं?
उत्तर: नहीं, नीले और काले कपड़े पहनने से बचें।
प्रश्न 7: मंत्र का जप कहां करें?
उत्तर: शुद्ध और शांत स्थान में करें।
प्रश्न 8: क्या अन्य कार्य करते समय मंत्र जप सकते हैं?
उत्तर: नहीं, ध्यान और पूर्ण एकाग्रता से जप करें।
प्रश्न 9: क्या यह मंत्र व्यवसाय में सफलता दिला सकता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र व्यवसायिक सफलता के लिए उत्तम है।
प्रश्न 10: मंत्र के लिए कौन-सा रंग शुभ है?
उत्तर: पीला और लाल रंग शुभ माने जाते हैं।
प्रश्न 11: क्या नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है।
प्रश्न 12: क्या इस मंत्र से भाग्य का उदय होता है?
उत्तर: हां, नियमित जप से भाग्य का उदय होता है।