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Holi Night Bhairav Sadhana Removes All Life Obstacles

होली की रात में करें भैरव साधना, हर बाधा होगी खत्म

होली की रात को तंत्र साधना के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। इस पावन रात्रि में की गई भैरव साधना शीघ्र फलदायी होती है। काल भैरव को संकटहरण देवता कहा जाता है। जो साधक इस रात में विधिपूर्वक भैरव उपासना करता है, उसकी सभी बाधाएं समाप्त होती हैं। इस साधना से शत्रु बाधा, आर्थिक संकट, रोग, भय और असफलता दूर होती है। होली की रात का विशेष योग भैरव कृपा प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ अवसर प्रदान करता है।

भैरव साधना से मिलने वाले अद्भुत लाभ

  • भैरव साधना करने से शत्रुओं का नाश होता है और व्यक्ति निर्भय जीवन जीता है।
  • होली की रात भैरव उपासना करने से धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
  • यह साधना व्यक्ति को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करती है।
  • जो व्यक्ति भयभीत रहता है, उसके लिए यह साधना अचूक उपाय है।
  • किसी भी प्रकार की तांत्रिक बाधा से मुक्ति के लिए यह साधना बहुत प्रभावी होती है।
  • अदालती मामलों में सफलता पाने के लिए यह साधना लाभकारी होती है।
  • इस साधना से घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  • व्यवसाय में लाभ प्राप्त करने के लिए यह साधना अत्यंत प्रभावी है।
  • यह साधना व्यक्ति को ऋणमुक्त जीवन प्रदान करती है।
  • जो दंपत्ति संतान सुख चाहते हैं, उनके लिए यह साधना श्रेष्ठ उपाय है।
  • यह साधना व्यक्ति को आध्यात्मिक ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक है।
  • काल भैरव कृपा से साधक को दुर्घटनाओं से रक्षा मिलती है।
  • भैरव साधना से राहु, केतु और शनि दोष समाप्त होते हैं।
  • यह साधना आत्मविश्वास और निर्भयता को बढ़ाती है।
  • यह साधना नकारात्मक शक्तियों से बचाने में सहायक होती है।

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भैरव साधना के नियम

  • साधक को पूर्ण शुद्धता और दृढ़ संकल्प के साथ साधना करनी चाहिए।
  • साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य होता है।
  • मांसाहार और नशे से दूर रहना चाहिए।
  • साधना किसी एकांत स्थान या मंदिर में करनी चाहिए।

साधना का शुभ मुहूर्त

होली की रात विशेष ऊर्जा से भरी होती है। इस रात निशीथ काल और अर्धरात्रि काल में साधना करना अत्यधिक लाभकारी होता है।

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विधि

  • सबसे पहले गंगाजल से स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • काल भैरव की प्रतिमा या चित्र को पूर्व दिशा की ओर रखें।
  • सरसों के तेल का दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती अर्पित करें।
  • 540 बार “ॐ भ्रं भैरवाय भ्रं नमः” मंत्र का जाप करें।
  • भैरव जी को इमरती या पान चढ़ाएं।
  • अगर संभव हो तो गुग्गुल और कपूर से हवन करें।
  • साधना समाप्त होने के बाद प्रसाद बांटें और आशीर्वाद प्राप्त करें।

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होली की रात भैरव साधना से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. होली की रात भैरव साधना क्यों विशेष मानी जाती है

होली की रात तांत्रिक शक्तियों के लिए विशेष होती है। यह समय सिद्धियों की प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।

2. क्या महिलाएं भैरव साधना कर सकती हैं

हाँ, लेकिन उन्हें विशेष सावधानियां रखनी चाहिए। रात्रिकालीन साधना से बचें।

3. साधना में किस प्रकार की सामग्री आवश्यक होती है

सरसों का तेल, धूप, अगरबत्ती, लाल पुष्प, गुड़, नारियल, और नैवेद्य की आवश्यकता होती है।

4. क्या इस साधना को घर पर किया जा सकता है

हाँ, लेकिन साधना करते समय पूर्ण शुद्धता और निष्ठा रखनी चाहिए।

5. क्या भैरव साधना से तुरंत लाभ मिलता है

यह व्यक्ति की आस्था और साधना की शक्ति पर निर्भर करता है। नियमित साधना से शीघ्र फल प्राप्त होते हैं।

6. साधना के बाद क्या सावधानियां रखनी चाहिए

साधना के बाद सात्विक आचरण बनाए रखें और बुरी संगत से बचें।

7. यदि कोई मंत्र जाप में त्रुटि हो जाए तो क्या करें

अगर मंत्र जाप में गलती हो जाए तो पुनः शुद्ध मन से साधना करें।

8. क्या यह साधना हर व्यक्ति कर सकता है

हाँ, लेकिन साधना करने से पहले किसी योग्य गुरु से परामर्श लेना लाभकारी होता है।

होली की रात भैरव साधना करने से जीवन की हर बाधा समाप्त हो सकती है। सच्चे मन और आस्था के साथ की गई साधना अवश्य फलदायी होती है।

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