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How to observe fast of Ganesha Chaturthi

गणेश चतुर्थी व्रत भगवान गणेश की पूजा का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की १ से १० दिन के लिये स्थापना की जाती है और विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। यह व्रत भक्तों के जीवन में समृद्धि, सफलता, और सुख-शांति लाता है।

यहां गणेश चतुर्थी व्रत की संपूर्ण विधि, मंत्र, व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं, व्रत का समय, व्रत से मिलने वाले लाभ, और व्रत से संबंधित प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं।

गणेश चतुर्थी व्रत विधि

गणेश चतुर्थी व्रत करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. प्रातःकाल स्नान करें: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थान की सफाई करें: पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
  3. दीप प्रज्वलित करें: दीपक जलाएं और धूप-अगरबत्ती से भगवान गणेश की आरती करें।
  4. भगवान गणेश का आह्वान करें: “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
  5. पुष्प, अक्षत और दूर्वा अर्पित करें: भगवान गणेश को पुष्प, अक्षत (चावल), दूर्वा (घास), और 21 मोदक अर्पित करें।
  6. मंत्र जाप करें: भगवान गणेश के निम्नलिखित मंत्रों का जाप 108 बार करें:
  • मंत्र 1: “ॐ गं गणपतये नमः।”
  • मंत्र 2: “ॐ वक्रतुण्डाय हुं।”
  • मंत्र 3: “ॐ एकदंताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दंती प्रचोदयात।”
  • मंत्र 4: “ॐ गणेशाय नमः।”
  1. प्रसाद वितरण करें: पूजा के बाद भगवान गणेश को अर्पित प्रसाद को सभी में वितरित करें।
  2. आरती करें: भगवान गणेश की आरती “गणपति बप्पा मोरया” या “सुखकर्ता दुःखहर्ता” से करें।
  3. ध्यान और प्रार्थना करें: भगवान गणेश का ध्यान करें और अपनी मनोकामनाएं प्रकट करें।
  4. उपवास रखें: दिनभर उपवास रखें और शाम को चंद्रमा के दर्शन करके अर्ध्य देकर व्रत तोड़ें।

गणेश चतुर्थी व्रत में क्या खाएं और क्या न खाएं

क्या खाएं:

  1. फल: सेब, केला, अंगूर, और अनार आदि फल खा सकते हैं।
  2. दूध और दूध से बने उत्पाद: दूध, दही, पनीर आदि।
  3. सात्विक भोजन: साबूदाना खिचड़ी, सिंघाड़े का आटा, कुट्टू का आटा, आलू, और मूंगफली।
  4. सूखे मेवे: बादाम, काजू, किशमिश, और अखरोट।

क्या न खाएं:

  1. मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थ: मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थ न खाएं।
  2. मांसाहार और अंडे: व्रत के दौरान मांसाहार और अंडों का सेवन वर्जित है।
  3. अनाज और दालें: व्रत के दौरान गेहूं, चावल, और अन्य अनाज का सेवन न करें।
  4. प्याज और लहसुन: व्रत के समय प्याज और लहसुन का उपयोग न करें।

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गणेश चतुर्थी व्रत का समय

  1. व्रत कब से कब तक रखें: गणेश चतुर्थी व्रत सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक रखा जाता है। दिनभर उपवास करने के बाद शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत तोड़ा जाता है।
  2. कितने दिन का व्रत: गणेश चतुर्थी का व्रत एक दिन का होता है, लेकिन कुछ लोग गणेश विसर्जन तक (10 दिन) उपवास रखते हैं।

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गणेश चतुर्थी व्रत से लाभ

  1. संकटों का निवारण: गणेश चतुर्थी व्रत करने से जीवन के सभी संकटों और विघ्नों का नाश होता है।
  2. धन और समृद्धि: भगवान गणेश की कृपा से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
  3. स्वास्थ्य लाभ: व्रत करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  4. मानसिक शांति और स्थिरता: भगवान गणेश के व्रत से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
  5. आध्यात्मिक उन्नति: व्रत से आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है और साधना में सिद्धि प्राप्त होती है।
  6. बुद्धि और विवेक की वृद्धि: भगवान गणेश को बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है। उनकी पूजा से बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
  7. शत्रु नाश: व्रत से शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में विजय प्राप्त होती है।
  8. पारिवारिक सुख-शांति: व्रत से परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
  9. मनोकामना पूर्ति: भगवान गणेश की पूजा और व्रत से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  10. सकारात्मक ऊर्जा: व्रत से शरीर और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  11. विघ्न-बाधाओं का नाश: भगवान गणेश की पूजा से जीवन में आने वाली विघ्न-बाधाओं का नाश होता है।
  12. सभी कार्यों में सफलता: भगवान गणेश की कृपा से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

गणेश चतुर्थी व्रत संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: गणेश चतुर्थी व्रत किस दिन करना चाहिए?

उत्तर: गणेश चतुर्थी व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को किया जाता है।

प्रश्न 2: क्या गणेश चतुर्थी व्रत में अनाज का सेवन किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, गणेश चतुर्थी व्रत में अनाज का सेवन वर्जित है; केवल फल, दूध, और सात्विक भोजन करें।

प्रश्न 3: गणेश चतुर्थी व्रत का पालन कैसे किया जाता है?

उत्तर: गणेश चतुर्थी व्रत का पालन भगवान गणेश की पूजा, मंत्र जाप, और उपवास के साथ किया जाता है।

प्रश्न 4: व्रत के दौरान कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?

उत्तर: व्रत के दौरान “ॐ गं गणपतये नमः” और “ॐ वक्रतुण्डाय हुं” जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है।

प्रश्न 5: क्या व्रत के दौरान चंद्र दर्शन आवश्यक है?

उत्तर: हां, गणेश चतुर्थी व्रत के दौरान चंद्र दर्शन कर अर्घ्य देना आवश्यक है।

प्रश्न 6: क्या व्रत में पूरे दिन उपवास रखना आवश्यक है?

उत्तर: हां, व्रत में पूरे दिन उपवास रखना आवश्यक है; केवल फलाहार और सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।

प्रश्न 7: क्या महिलाएं गणेश चतुर्थी व्रत कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं भी गणेश चतुर्थी व्रत कर सकती हैं, बशर्ते वे पूजा विधि का पालन करें।

प्रश्न 8: गणेश चतुर्थी व्रत के दौरान मंदिर जाना आवश्यक है?

उत्तर: मंदिर जाना आवश्यक नहीं है; आप घर पर भी भगवान गणेश की पूजा कर सकते हैं।

प्रश्न 9: क्या गणेश चतुर्थी व्रत से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं?

उत्तर: हां, गणेश चतुर्थी व्रत से भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान गणेश की कृपा से पूरी होती हैं।

प्रश्न 10: गणेश चतुर्थी व्रत का पालन करने से क्या लाभ होता है?

उत्तर: गणेश चतुर्थी व्रत का पालन करने से संकटों का निवारण, धन, समृद्धि, और सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

प्रश्न 11: क्या गणेश चतुर्थी व्रत के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा की जा सकती है?

उत्तर: हां, व्रत के दौरान अन्य देवी-देवताओं की पूजा भी की जा सकती है।

**प्रश्न 12: क्या गणेश चतुर्थी व्रत के दौरान व्रत

खोलने का विशेष समय होता है?**

उत्तर: हां, व्रत खोलने का समय चंद्रमा के दर्शन के बाद अर्घ्य देकर होता है।

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