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Indra Chalisa for Wealth life

भौतिक सुख देने वाला इंद्र चालीसा भगवान इंद्र की स्तुति में रचित एक महत्वपूर्ण भक्तिपूर्ण स्तोत्र है। इंद्र देवता हिंदू धर्म में देवताओं के राजा और स्वर्ग के अधिपति माने जाते हैं। उन्हें वज्र, वर्षा, और आकाश के देवता के रूप में पूजा जाता है। इंद्र चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को साहस, शक्ति, और जीवन में संकल्प शक्ति प्राप्त होती है। यह चालीसा विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयोगी है जो अपने जीवन में आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास की आवश्यकता महसूस करते हैं।

संपूर्ण इंद्र चालीसा

॥दोहा॥

श्री इंद्र देव सब सुख करें, भक्तों का उद्धार।
दीन-दुखियों के तुम हो पालन, करो सदा उद्धार॥

॥चौपाई भाग १॥

जय जय इंद्र देव महाबली,
स्वर्ग के राजा तुम नंदलाली।
तुमसे चलता है जग सारा,
सबको देते हो तुम सहारा॥

वज्रधारी तुम बलशाली,
तुमसे डरते हैं सब मतवाली।
सुर-नर-मुनि करें गुणगान,
तुम्हीं हो जग के पालनहार॥

मेघों के तुम हो अधिपति,
धरती पर वर्षा का वरदान।
सभी जीवों की रक्षा करते,
तुम्हीं हो सृष्टि के कर्ताधर्ता॥

वज्र तुम्हारा सबको बचाये,
जो भी इसे सुमिरन में लाये।
तुम्हारी कृपा से वर्षा हो,
धरती पर हरियाली छा जाये॥

स्वर्ग के तुम हो महाराजा,
सभी देवता तुम्हारे सेवक।
तुम्हारे दरबार में सब आकर,
पाते हैं सुख-शांति का वरदान॥

॥चौपाई भाग २॥

तुमसे प्राप्त होती है शक्ति,
हर संकट से रक्षा करते।
भक्तों के तुम हो सखा,
तुम्हारे बिना जीवन न सधा॥

तुम्हारी कृपा से मिलता है सुख,
हर दिन की शुरुआत हो तुम्हारे नाम से।
संकट से बचने की हो आस,
तुम्हारी वंदना से हो जीवन ख़ास॥

तुम हो वज्र के स्वामी,
तुमसे बड़ा नहीं कोई ज्ञानी।
सभी देवता तुम्हें नमन करें,
तुम्हारी महिमा का गान करें॥

जो भी पढ़े यह इंद्र चालीसा,
उसके जीवन में न हो कलेश।
दुख-दरिद्र सभी दूर हो जाए,
जीवन में सुख-समृद्धि आए॥

करते हैं तुम्हारी हम वंदना,
तुम्हारे चरणों में सिर झुकायें।
हमारे जीवन की नैया पार करो,
हर संकट से हमें उबारो॥

जय जय इंद्र देव महाबली,
स्वर्ग के राजा तुम नंदलाली।
तुमसे चलता है जग सारा,
सबको देते हो तुम सहारा॥

॥दोहा॥

श्री इंद्र देव सब सुख करें, भक्तों का उद्धार।
दीन-दुखियों के तुम हो पालन, करो सदा उद्धार॥

इंद्र चालीसा के लाभ

  1. साहस और शक्ति की प्राप्ति: इंद्र चालीसा का पाठ करने से साहस और शक्ति मिलती है।
  2. वर्षा के लिए: वर्षा की कमी वाले क्षेत्रों मे लोग वर्षा के आगमन के लिये इंद्र चालीसा का पाठ करते है।
  3. जीवन में स्थिरता: यह चालीसा जीवन में स्थिरता और शांति प्रदान करती है।
  4. भय और डर से मुक्ति: इंद्र चालीसा का पाठ करने से भय और डर से मुक्ति मिलती है।
  5. धन और संपत्ति की प्राप्ति: इसके पाठ से धन और संपत्ति की वृद्धि होती है।
  6. परिवार में शांति: इंद्र चालीसा का पाठ परिवार में शांति और सुख लाता है।
  7. संकटों से रक्षा: यह चालीसा संकटों से रक्षा करती है।
  8. आत्मविश्वास में वृद्धि: इस चालीसा का नियमित पाठ आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  9. सुख-समृद्धि: इंद्र चालीसा का पाठ करने से सुख-समृद्धि मिलती है।
  10. शत्रुओं से रक्षा: इसके पाठ से शत्रुओं से रक्षा होती है।
  11. कृषि की उन्नति: कृषि कार्यों में सफलता के लिए यह चालीसा लाभकारी है।
  12. स्वास्थ्य में सुधार: इंद्र चालीसा के पाठ से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  13. सपनों की पूर्ति: इस चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
  14. मानसिक शांति: यह चालीसा मानसिक शांति प्रदान करती है।
  15. अच्छे भाग्य की प्राप्ति: इंद्र चालीसा का पाठ करने से अच्छे भाग्य की प्राप्ति होती है।
  16. धर्म और आध्यात्मिकता: यह चालीसा धर्म और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देती है।
  17. सकारात्मक ऊर्जा: इंद्र चालीसा के पाठ से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
  18. संकल्प शक्ति में वृद्धि: इस चालीसा का नियमित पाठ संकल्प शक्ति को बढ़ाता है।
  19. सुखद जीवन: इसके पाठ से जीवन सुखद और आनंदमय बनता है।
  20. प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: इंद्र चालीसा का पाठ प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।

इंद्र चालीसा की विधि

  1. दिन: इंद्र चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन गुरुवार और रविवार को इसका विशेष महत्व है।
  2. अवधि: पाठ की अवधि लगभग 10-15 मिनट होती है। इसे श्रद्धा और विश्वास के साथ किया जाना चाहिए।
  3. मुहूर्त: प्रातःकाल का समय सबसे उत्तम माना जाता है। हालांकि, आप इसे किसी भी समय कर सकते हैं।

पूजा के नियम

  1. साधना को गुप्त रखें: पूजा और साधना को गुप्त रखना चाहिए ताकि आपकी श्रद्धा और विश्वास में कोई कमी न आए।
  2. स्वच्छता का ध्यान: पूजा से पहले शारीरिक और मानसिक स्वच्छता का ध्यान रखें।
  3. पूजा के दौरान धूप-दीप जलाएं: इंद्र चालीसा के पाठ से पहले धूप-दीप जलाना शुभ माना जाता है।
  4. शुद्ध वस्त्र धारण करें: पूजा करते समय शुद्ध और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  5. आरती करें: चालीसा पाठ के बाद इंद्र देव की आरती करें।

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सावधानियाँ

  1. श्रद्धा और विश्वास के साथ पाठ करें: इंद्र चालीसा का पाठ श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
  2. ध्यान भंग न करें: पाठ के समय ध्यान भंग न करें, इसे पूरी एकाग्रता के साथ करें।
  3. शुद्धता का ध्यान रखें: पूजा और साधना के दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
  4. सकारात्मक सोच: इंद्र चालीसा का पाठ करते समय सकारात्मक सोच और विचार रखें।
  5. अन्न-जल का संकल्प: पाठ के समय अन्न-जल का संकल्प करें और किसी भी प्रकार की गलत गतिविधियों से बचें।

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पृश्न उत्तर

  1. प्रश्न: इंद्र चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
    उत्तर: इंद्र चालीसा का पाठ सुबह के समय करना शुभ माना जाता है।
  2. प्रश्न: क्या इंद्र चालीसा का पाठ सभी कर सकते हैं?
    उत्तर: हां, इसे कोई भी व्यक्ति कर सकता है।
  3. प्रश्न: इस चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
    उत्तर: इसे कम से कम एक बार प्रतिदिन करें, लेकिन अधिक बार करना भी लाभकारी है।
  4. प्रश्न: क्या इंद्र चालीसा का पाठ किसी विशेष दिन करना चाहिए?
    उत्तर: गुरुवार और रविवार को इसका विशेष महत्व है, लेकिन आप इसे किसी भी दिन कर सकते हैं।
  5. प्रश्न: इस चालीसा का पाठ किसके लिए लाभकारी है?
    उत्तर: यह सभी के लिए लाभकारी है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो साहस, शक्ति, और आत्मविश्वास की आवश्यकता महसूस करते हैं।
  6. प्रश्न: क्या इस चालीसा का पाठ करने से धन की प्राप्ति होती है?
    उत्तर: हां, इसके पाठ से धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  7. प्रश्न: क्या इंद्र चालीसा का पाठ करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
    उत्तर: हां, इंद्र चालीसा का पाठ करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  8. प्रश्न: क्या इस चालीसा का पाठ करने से संकटों से मुक्ति मिलती है?
    उत्तर: हां, यह चालीसा संकटों से मुक्ति और सुरक्षा प्रदान करती है।
  9. प्रश्न: क्या इंद्र चालीसा का पाठ वर्षा के लिए किया जा सकता है?
  10. उत्तर: हां, इंद्र चालीसा का पाठ वर्षा की कमी के समय किया जा सकता है।
  11. प्रश्न: इंद्र चालीसा का पाठ करने का सर्वश्रेष्ठ समय क्या है?
    उत्तर: प्रातःकाल का समय सर्वश्रेष्ठ है, लेकिन इसे किसी भी समय किया जा सकता है।
  12. प्रश्न: क्या इंद्र चालीसा का पाठ शत्रुओं से रक्षा करता है?
    उत्तर: हां, इसके पाठ से शत्रुओं से रक्षा होती है।
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