Buy now

spot_img
spot_img

Jal Yakshini Mantra wealth & protection

जल यक्षिणी मंत्र – समृद्धि, शांति और जल तत्व का संतुलन

जल यक्षिणी मंत्र का संबंध जल तत्व की देवी से है, जो जल और उसकी ऊर्जा का संरक्षण करती हैं। यह मंत्र जल तत्व से जुड़ी यक्षिणी देवी की साधना के लिए उपयोग किया जाता है। इस मंत्र का नियमित जाप साधक को मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि, और जल तत्व के माध्यम से जीवन में संतुलन प्रदान करता है। जल यक्षिणी की कृपा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और उन्नति प्राप्त होती है।

मंत्र और उसका अर्थ

मंत्र:
ॐ ह्रीं जलवासिन्यै यक्षिणे वं नमः

अर्थ:
“ॐ” ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो सभी शक्तियों का स्रोत है। “ह्रीं” मंत्र सफलता और संपत्ति का प्रतीक है। “जलवासिन्यै” का अर्थ है जल में निवास करने वाली देवी। “वं” जल तत्व का बीज मंत्र है, जो शांति, स्वच्छता और जीवन का प्रतीक है। “नमः” का अर्थ है समर्पण और श्रद्धा। इस प्रकार मंत्र का पूर्ण अर्थ हुआ— “मैं जल में निवास करने वाली यक्षिणी देवी को प्रणाम करता हूँ और उनसे समृद्धि, शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करता हूँ।”

जल यक्षिणी मंत्र के लाभ

  1. मानसिक शांति और स्थिरता में वृद्धि।
  2. आर्थिक समृद्धि और धन प्राप्ति।
  3. जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  4. जल से संबंधित समस्याओं का समाधान।
  5. शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार।
  6. पारिवारिक सुख और संबंधों में सुधार।
  7. व्यापार में सफलता और उन्नति।
  8. जल तत्व से जीवन में संतुलन की प्राप्ति।
  9. शत्रुओं से मुक्ति और सुरक्षा।
  10. स्थायी सुख और सौभाग्य की प्राप्ति।
  11. जल जनित बीमारियों से रक्षा।
  12. आध्यात्मिक विकास और आत्मविश्वास में वृद्धि।
  13. जीवन में नकारात्मक शक्तियों से रक्षा।
  14. ध्यान और ध्यान शक्ति में वृद्धि।
  15. नकारात्मक भावनाओं और विचारों का नाश।
  16. जल के स्रोतों से लाभ प्राप्त करना।
  17. संपूर्ण वातावरण में शुद्धता और शांति का संचार।

जल यक्षिणी मंत्र विधि

मंत्र जाप का दिन:

मंत्र जाप सोमवार या पूर्णिमा के दिन आरंभ करना शुभ होता है, क्योंकि यह जल तत्व से जुड़ा है।

अवधि:

मंत्र जाप का कार्य 11 से 21 दिनों तक करना चाहिए।

मुहूर्त:

प्रातःकाल सूर्योदय से पहले या रात्रि में चंद्रमा की उपस्थिति के समय जाप करना अधिक लाभकारी माना जाता है।

जल यक्षिणी मंत्र जाप

11 से 21 दिनों तक प्रतिदिन मंत्र का जाप करें। सूर्योदय से पहले या चंद्रमा के समय मंत्र जाप सबसे उपयुक्त समय होता है।

सामग्री

  1. शुद्ध जल का पात्र
  2. शंख
  3. पंचमुखी दीपक
  4. सफेद और नीले फूल
  5. चंदन की धूप या अगरबत्ती
  6. सफेद या पीले वस्त्र
  7. शुद्ध घी का दीपक

मंत्र जाप संख्या

प्रतिदिन 11 माला (1188 मंत्र) का जाप करें।

know more about Maha yakshini

मंत्र जाप के नियम

  1. मंत्र जाप करते समय साधक की आयु 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. पुरुष और महिलाएं दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले वस्त्र न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।

जप सावधानी

मंत्र जाप करते समय जल का शुद्ध और स्वच्छ होना आवश्यक है। मंत्र जाप के दौरान साधक को पूर्ण एकाग्रता और मानसिक शुद्धता बनाए रखनी चाहिए। नकारात्मक विचारों से बचें और केवल सकारात्मक ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करें।

spiritual shop

जल यक्षिणी मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: जल यक्षिणी कौन होती हैं?

उत्तर: जल यक्षिणी जल की शक्ति और ऊर्जा की देवी हैं, जो जल के संतुलन और उसकी शुद्धता की रक्षा करती हैं।

प्रश्न 2: जल यक्षिणी मंत्र का उद्देश्य क्या है?

उत्तर: इस मंत्र का उद्देश्य जल तत्व के माध्यम से शांति, समृद्धि और सुरक्षा की प्राप्ति करना है।

प्रश्न 3: मंत्र जाप कितने दिन तक करना चाहिए?

उत्तर: यह मंत्र 11 से 21 दिनों तक लगातार जाप किया जाना चाहिए।

प्रश्न 4: जल यक्षिणी मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए?

उत्तर: मंत्र जाप प्रातःकाल सूर्योदय से पहले या रात्रि में चंद्रमा की उपस्थिति में करना चाहिए।

प्रश्न 5: जल यक्षिणी मंत्र किस दिन से शुरू करना चाहिए?

उत्तर: इस मंत्र को सोमवार या पूर्णिमा के दिन से शुरू करना शुभ होता है।

प्रश्न 6: क्या महिलाएं जल यक्षिणी मंत्र का जाप कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं, बशर्ते वे नियमों का पालन करें।

प्रश्न 7: जल यक्षिणी मंत्र से क्या लाभ होता है?

उत्तर: मंत्र से मानसिक शांति, आर्थिक समृद्धि, और जल से संबंधित समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है।

प्रश्न 8: मंत्र जाप के लिए कौन सी सामग्री आवश्यक है?

उत्तर: शुद्ध जल, शंख, सफेद और नीले फूल, पंचमुखी दीपक और चंदन की धूप मंत्र जाप के लिए आवश्यक सामग्री हैं।

प्रश्न 9: जल यक्षिणी मंत्र का जाप कौन कर सकता है?

उत्तर: यह मंत्र कोई भी कर सकता है, बशर्ते वह 20 वर्ष से अधिक आयु का हो और सभी नियमों का पालन करे।

प्रश्न 10: मंत्र जाप के समय कौन से वस्त्र पहनने चाहिए?

उत्तर: मंत्र जाप करते समय सफेद या पीले वस्त्र पहनने चाहिए। नीले और काले वस्त्र से बचना चाहिए।

प्रश्न 11: मंत्र जाप करते समय किन चीजों से परहेज करना चाहिए?

उत्तर: धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार और अशुद्धियों से दूर रहना चाहिए।

प्रश्न 12: जल यक्षिणी मंत्र से क्या आध्यात्मिक लाभ होते हैं?

उत्तर: इस मंत्र से साधक की आत्मिक शक्ति और ध्यान की क्षमता में वृद्धि होती है।

BOOK (३० APRIL 2025) MAHALAKSHMI PUJAN SHIVIR (AKSHAYA TRITIYA) AT DIVYAYOGA ASHRAM (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Choose Pujan Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency