इच्छा पूरी करने वाले झूलेलाल, जिन्हें सिंधु लोक के रक्षक और सिंधी समाज के कुल देवता के रूप में माना जाता है, भगवान वरुण के अवतार हैं। इन्हें जल देवता के रूप में भी पूजा जाता है। झूलेलाल की आराधना मुख्य रूप से सिंधी समुदाय द्वारा की जाती है, जो मानते हैं कि वे उनके जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सुरक्षा प्रदान करते हैं। झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से भक्तों को जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति मिलती है और वे सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं।
संपूर्ण झूलेलाल चालीसा
॥दोहा॥
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी, तेरा दरबार।
सुमरौं साहिब श्री झूलेलाल, सुमिर सवार।
॥चौपाई भाग १॥
जय जय झूलेलाल प्रभु, जग में तुम हो साकार।
सब के तुम ही सारथी, जय धनी जय घनश्याम।।
सिंधु नदी की धार में, तुम्हारी है जयकार।
पर्वत, सागर, गगन में, गूंजे तुम्हारा जयकार।।
जयकारा हो निरंतर, तुम्हारे जय जयकार।
दीन-हीन की रक्षा, तुमने सदा किया प्रहार।।
दीन-बंधु, दीनानाथ, तुम हो सदा आधार।
दीन-दुखियों के रखवाले, तुम हो सबसे बड़े सहकार।।
सिंधु की लहरों में, तुमने किया प्रवास।
सदियों से चले आ रहे, तेरा यश, तेरा परिहास।।
कुंभ मेले में तुम आए, प्रकट हुए साकार।
दुख-निवारण, सुख-सागर, तुम हो अजर-अमर अपार।।
जयकारा तुम्हारा होता, हर समय, हर प्रहर।
तुम्हारे नाम का जयकार, करता हूं सदा निर्भर।।
रघुकुल रीत सदा चली, प्रगट हुए सदा साकार।
तुम ही हमारे सदा सहाय, तुम हो सदा करतार।।
तुम्हारे नाम से सब काम, होता है सिद्ध।
तुम्हारी ही कृपा से, सब बनता है बिद्ध।।
तुम हो सदा हमारे साथ, तुम्हारी ही शक्ति।
तुम्हारे नाम की जय-जयकार, यही है सच्ची भक्ति।।
जयकारा तुम्हारा निरंतर, करता हूं बारंबार।
तुम ही हो हमारे सब कुछ, तुम हो सबसे बड़े आधार।।
॥चौपाई भाग २॥
झूलेलाल की आरती, गाता हूं दिन-रात।
झूलेलाल की कृपा से, होता है सब कुछ साक्षात।।
झूलेलाल का ध्यान करूं, सदा दिन और रात।
तुम्हारे नाम का जाप करूं, यही है मेरा सत्य धर्म।।
सिंधु नदी की धारा में, तुम्हारा ही गुणगान।
तुम्हारे नाम की आरती, करता हूं सदा उत्थान।।
झूलेलाल की महिमा, गाता हूं सदा निर्भर।
झूलेलाल की कृपा से, करता हूं सदा निर्भर।।
झूलेलाल का जयकारा, गूंजे सदा हर तरफ।
झूलेलाल का आशीर्वाद, मिले सदा हर किसी को।।
लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह अपने जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित होता है।
- कठिनाइयों से मुक्ति: इस चालीसा का नियमित पाठ करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- सुरक्षा और शांति: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से घर में शांति और सुरक्षा का वातावरण बना रहता है।
- स्वास्थ्य में सुधार: यह चालीसा व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक होती है।
- समृद्धि और धन की प्राप्ति: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- शत्रुओं से रक्षा: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को शत्रुओं से रक्षा मिलती है और वह उनके बुरे प्रभावों से बचा रहता है।
- कार्य में सफलता: इस चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को अपने कार्यों में सफलता मिलती है और वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करता है।
- भय का नाश: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के भय और आशंकाएं दूर हो जाती हैं।
- परिवार में सुख-शांति: इस चालीसा के पाठ से परिवार के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम और सहयोग बढ़ता है, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- मंत्र सिद्धि: इस चालीसा के नियमित पाठ से व्यक्ति को मंत्र सिद्धि की प्राप्ति होती है, जिससे उसकी साधना में वृद्धि होती है।
- व्यापार में वृद्धि: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से व्यापार में वृद्धि होती है और व्यक्ति को नए अवसर मिलते हैं।
- दुर्गुणों का नाश: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के दुर्गुणों का नाश होता है और वह सद्गुणों की ओर अग्रसर होता है।
विधि
दिन, अवधि और मुहूर्त
- दिन: झूलेलाल चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार और रविवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
- अवधि: इस चालीसा का पाठ आप 41 दिनों तक निरंतर कर सकते हैं, जिससे आपको इसके लाभ प्राप्त हो सकें।
- मुहूर्त: सुबह के समय, विशेष रूप से ब्रह्म मुहूर्त में, झूलेलाल चालीसा का पाठ करना अत्यधिक शुभ माना जाता है।
नियम
- स्नान के बाद पाठ: इस चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- साधना को गुप्त रखें: साधना और पूजा को गुप्त रखना चाहिए, जिससे उसका फल शीघ्र प्राप्त हो सके।
- ध्यान और संकल्प: पाठ करते समय झूलेलाल जी का ध्यान करें और किसी विशेष उद्देश्य के लिए संकल्प लें।
- नियमितता: इस चालीसा का पाठ नियमित रूप से करें, ताकि आपको इसके लाभ मिल सकें।
- पूजा स्थल की सफाई: जिस स्थान पर आप चालीसा का पाठ कर रहे हैं, उसे साफ-सुथरा रखें और वहां धूप या अगरबत्ती जलाएं।
- भोग अर्पित करें: चालीसा पाठ के बाद भगवान झूलेलाल को भोग अर्पित करें, जैसे कि मिठाई, फल या नारियल।
सावधानियां
- अनुशासन बनाए रखें: पाठ के दौरान अनुशासन बनाए रखें और ध्यान भटकाने वाली चीजों से बचें।
- सकारात्मक वातावरण: पाठ के समय आसपास सकारात्मक वातावरण बनाए रखें और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- सतर्कता से करें उच्चारण: चालीसा के श्लोकों का उच्चारण सही तरीके से करें, जिससे उसकी शक्ति प्रभावी हो सके।
- अधूरा पाठ न छोड़ें: पाठ को अधूरा न छोड़ें, इससे आपको इसके पूर्ण लाभ नहीं मिल पाते।
- शुद्धता बनाए रखें: मानसिक और शारीरिक शुद्धता बनाए रखें, जिससे आपकी साधना सफल हो सके।
झूलेलाल चालीसा से जुड़े सामान्य प्रश्न
- प्रश्न: झूलेलाल चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए? उत्तर: इसे रोजाना एक बार करना चाहिए, लेकिन विशेष इच्छाओं की पूर्ति के लिए इसे 21 बार भी किया जा सकता है।
- प्रश्न: क्या झूलेलाल चालीसा का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है? उत्तर: हां, लेकिन इसे सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करना अधिक शुभ माना जाता है।
- प्रश्न: क्या झूलेलाल चालीसा का पाठ केवल सिंधी समुदाय के लोग ही कर सकते हैं? उत्तर: नहीं, झूलेलाल चालीसा का पाठ कोई भी व्यक्ति कर सकता है जो भगवान झूलेलाल में आस्था रखता हो।
- प्रश्न: झूलेलाल चालीसा का पाठ करते समय कौन-सा आसन सबसे अच्छा होता है? उत्तर: कुश के आसन पर बैठकर झूलेलाल चालीसा का पाठ करना श्रेष्ठ होता है।
- प्रश्न: क्या झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं? उत्तर: हां, झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
- प्रश्न: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने के लिए कौन-सी सामग्री की आवश्यकता होती है? उत्तर: दीपक, अगरबत्ती, फूल, और भोग (मिठाई, फल) की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न: झूलेलाल चालीसा का पाठ किन्हें नहीं करना चाहिए? उत्तर: ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है, कोई भी व्यक्ति इसे कर सकता है।
- प्रश्न: झूलेलाल चालीसा का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए? उत्तर: इसे 21 दिन या 40 दिन तक करना शुभ माना जाता है।
- प्रश्न: क्या झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से ग्रह दोष दूर होते हैं? उत्तर: हां, झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से ग्रह दोष और अन्य बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
- प्रश्न: झूलेलाल चालीसा का पाठ करने से क्या आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है? उत्तर: हां, यह चालीसा आर्थिक संकटों को दूर करने में सहायक होती है।