Kali Chaudas Puja – Rituals and Benefits
काली चौदस पूजन विधि 2024: मंत्र, आरती और नियम
काली चौदस पूजन हिन्दू धर्म में विशेष रूप से शक्ति साधना का एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इसे नरक चतुर्दशी या रूप चौदस के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन देवी काली की आराधना और तंत्र साधना के लिए सर्वोत्तम होता है। काली चौदस पर देवी काली की पूजा करके साधक भय, शत्रुओं और बुरी शक्तियों से मुक्ति प्राप्त करता है। इस दिन तामसिक शक्तियों का विनाश कर व्यक्ति जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि की ओर अग्रसर होता है।
काली चौदस पूजन विधि
सामग्री:
- काले कपड़े
- लाल और काले फूल
- काजल, सिंदूर
- सरसों का तेल
- काली मिर्च, नारियल
- काले तिल, उड़द की दाल
पूजन की शुरुआत:
- स्वच्छता: सबसे पहले पूजा स्थल और घर की सफाई करें। खुद स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- दीप प्रज्वलन: सरसों के तेल का दीया जलाएं और इसे पूजा स्थल पर रखें।
- पूजन आसन: काले वस्त्र या आसन पर बैठें और अपना मन देवी काली में लगाएं।
- मंत्रोच्चार:
“ॐ क्रीं कालिकायै नमः॥” मंत्र का उच्चारण करें और ध्यान लगाएं।
मुख्य पूजा विधि:
- देवी काली की मूर्ति या चित्र के सामने काले तिल और काली मिर्च चढ़ाएं।
- सरसों के तेल में भीगे काले उड़द का नैवेद्य चढ़ाएं।
- देवी को सिंदूर और काजल अर्पित करें।
- काले फूल देवी के चरणों में अर्पित करें।
- देवी को नारियल और गुड़ का प्रसाद चढ़ाएं।
- मंत्र:
“ॐ ह्रीं क्रीं काली महाकाली कालिके परमेश्वरी, सर्वशत्रु विनाशाय सर्वरोग विनाशाय सर्वविघ्न विनाशाय काली काली नमोस्तुते॥”
इस मंत्र का 108 बार जाप करें।
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आरती काली माता की
जय काली, जय काली, महाकाली माता।
तुमको निशिदिन ध्यावत, हर हर महादेव।
संकट हरने वाली, माता शक्ति दाता।
जय काली, जय काली, महाकाली माता।
श्री काली माता की कृपा, सब पर सदैव हो।
तुम्हारी महिमा का गुणगान, हर भक्ति करता है।
जो भक्त तेरा ध्यान करे, उनका हर संकट मिटता।
जय काली, जय काली, महाकाली माता।
जो तेरे चरणों में झुके, उनका होता कल्याण।
तुमसे ही जीवन में, आती है सुख की ध्वनि।
काली माता के नाम से, मिटती हर परेशानी।
जय काली, जय काली, महाकाली माता।
तुम हो सदा हमारी रक्षक, हर संकट में संग।
हम सब तेरी कृपा से, पाते हैं जीवन रंग।
शक्ति और भक्ति का संगम, माता तेरा ही नाम।
जय काली, जय काली, महाकाली माता।
काली माता, तुम्हारी महिमा अनंत, सभी का उद्धार करो।
तुमसे ही सुख-शांति मिले, सबके मन में प्यार भरो।
संकट के समय आना, माता सबका करोगी कल्याण।
जय काली, जय काली, महाकाली माता।
आप इस आरती को पूजा के समय गा सकते हैं। यह माता काली की कृपा प्राप्त करने के लिए श्रद्धा और भक्ति से भरपूर है।
पूजा के दिन क्या खाएं और क्या न खाएं
क्या खाएं:
- फलाहार करें, जैसे कि फल, दूध, और मखाने।
- काले तिल, गुड़, और नारियल का सेवन करें।
क्या न खाएं:
- तामसिक भोजन जैसे मांसाहार, लहसुन, प्याज से परहेज करें।
- धूम्रपान और मद्यपान से बचें।
- अन्न का सेवन न करें, फलाहार और सात्विक भोजन करें।
पूजा का समय और अवधि
कब से कब तक पूजा करें:
काली चौदस की पूजा प्रातः काल से लेकर मध्यरात्रि तक की जा सकती है।
सर्वश्रेष्ठ समय:
मध्यरात्रि के समय देवी काली की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस समय तामसिक शक्तियों का नाश होता है और साधक को देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
काली चौदस पूजा के नियम
- स्वच्छता और पवित्रता: साधक को शारीरिक और मानसिक स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए।
- भोजन नियम: सात्विक भोजन करें और तामसिक भोजन से दूर रहें।
- काले कपड़े: पूजा के समय काले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
- एकाग्रता: पूजा के दौरान मन को देवी काली में पूर्णतः एकाग्र करें।
- गुप्त साधना: यह साधना गुप्त रूप से करें और इसे किसी से साझा न करें।
काली चौदस पूजा की सावधानियां
- विचारों की शुद्धता: पूजा के दौरान नकारात्मक विचारों और द्वेष भावना से बचें।
- संस्कार: गलत आचरण और अव्यवस्थित व्यवहार से पूजा में बाधा आ सकती है।
- रजस्वला स्त्रियां: रजस्वला स्त्रियों को पूजा से दूर रहना चाहिए।
- पूजा स्थल: पूजा स्थल शांत और स्वच्छ होना चाहिए।
- समय का पालन: पूजन समय का ध्यान रखना आवश्यक है, विशेषकर मध्यरात्रि का समय।
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काली चौदस पूजा के लाभ
- शत्रुओं का नाश होता है।
- जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।
- बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है।
- भय और असुरक्षा से छुटकारा मिलता है।
- मानसिक और शारीरिक बल में वृद्धि होती है।
- आत्मविश्वास और साहस बढ़ता है।
- तंत्र-मंत्र से सुरक्षा मिलती है।
- धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- देवी काली की कृपा से जीवन में स्थिरता आती है।
- साधक की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- आत्मा शुद्ध होती है और आध्यात्मिक विकास होता है।
- भय, चिंता और तनाव से मुक्ति मिलती है।
- शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
- परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
- संकटों का नाश होता है।
- देवी काली की कृपा से साधक के जीवन में सौभाग्य आता है।
- तामसिक शक्तियों का विनाश होता है और साधक सुरक्षित रहता है।
काली चौदस पूजा से संबंधित प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1: काली चौदस पर किस देवी की पूजा की जाती है?
उत्तर: काली चौदस पर देवी काली की पूजा की जाती है, जो तामसिक शक्तियों का नाश करती हैं।
प्रश्न 2: काली चौदस की पूजा किस समय करनी चाहिए?
उत्तर: काली चौदस की पूजा मध्यरात्रि के समय करना अत्यधिक शुभ माना जाता है, लेकिन प्रातः काल से लेकर मध्यरात्रि तक पूजा की जा सकती है।
प्रश्न 3: क्या काली चौदस पर विशेष कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर: हां, काली चौदस की पूजा के दौरान काले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
प्रश्न 4: काली चौदस पर किस प्रकार का भोजन करना चाहिए?
उत्तर: काली चौदस पर फलाहार या सात्विक भोजन करें, और तामसिक भोजन से परहेज करें।
प्रश्न 5: क्या काली चौदस की पूजा केवल रात में ही की जा सकती है?
उत्तर: काली चौदस की पूजा प्रातः से लेकर रात के किसी भी समय की जा सकती है, लेकिन रात का समय विशेष रूप से प्रभावी माना जाता है।
प्रश्न 6: काली चौदस पर किस प्रकार की साधना करनी चाहिए?
उत्तर: काली चौदस पर तंत्र साधना और देवी काली की आराधना करना श्रेष्ठ होता है, जिससे साधक को तामसिक शक्तियों से मुक्ति मिलती है।
प्रश्न 7: क्या काली चौदस की पूजा से शत्रु पर विजय प्राप्त हो सकती है?
उत्तर: हां, काली चौदस की पूजा से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं।
प्रश्न 8: क्या काली चौदस की पूजा में मांसाहार करना उचित है?
उत्तर: नहीं, काली चौदस की पूजा के दौरान मांसाहार से परहेज करना चाहिए और केवल सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
प्रश्न 9: काली चौदस की पूजा से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: काली चौदस की पूजा से शत्रु नाश, भय मुक्त जीवन, धन-संपत्ति, और मानसिक शांति मिलती है।
प्रश्न 10: काली चौदस की पूजा में कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए?
उत्तर: “ॐ ह्रीं क्रीं काली महाकाली कालिके परमेश्वरी” मंत्र का जाप करना चाहिए, जो शक्तिशाली और प्रभावी होता है।
प्रश्न 11: क्या काली चौदस की पूजा के लिए विशेष सामग्री चाहिए?
उत्तर: हां, काली मिर्च, तिल, उड़द की दाल, काले वस्त्र, काजल, और सरसों के तेल का दीपक विशेष सामग्री मानी जाती है।
प्रश्न 12: काली चौदस की पूजा से मानसिक तनाव कैसे समाप्त होता है?
उत्तर: काली चौदस की पूजा से देवी काली की कृपा प्राप्त होती है, जिससे मानसिक तनाव, भय, और चिंता समाप्त हो जाती है, और साधक को आंतरिक शांति प्राप्त होती है।