काली तारा, जिन्हे “श्याम तारा” या ‘क्रोध तारा’ भी कहा जाता है, ये १० महाविद्या मे एक माता तारा का स्वरूप मानी जाती है. तिब्बती बौद्ध धर्म में इनकी आराधना प्रमुख तौर पर की जाती है.। यह क्रोध, भय और नकारात्मक विचारों को दूर कर आर्थिक उन्नति मे सहायक मानी जाती है। इन्हें संकटों से मुक्ति दिलाने वाली और सुरक्षा प्रदान करने वाली देवी माना जाता है। उन्हें माता तारा का रौद्र रूप भी कहा जाता है, जो विशेषकर नकारात्मक ऊर्जा, बुरी नजर, और अन्य अशुभ शक्तियों से रक्षा करती हैं। माता ब्लैक तारा का आशीर्वाद साधक को जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि प्रदान करता है।
स्वरूप
माता ब्लैक तारा का स्वरूप अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावशाली होता है। वे काले रंग के वस्त्र धारण किए हुए और काले पुष्पों से सुशोभित होती हैं। उनके चार हाथ होते हैं, जिनमें वे शक्तिशाली अस्त्र-शस्त्र धारण करती हैं। उनकी आंखों में करुणा और शक्ति का अद्भुत संगम होता है।
मंत्र का विवरण
इस मंत्र का उच्चारण करने से साधक को माता ब्लैक तारा की कृपा प्राप्त होती है, जिससे उसे जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा मिलती है।
मंत्र का उच्चारण विधि
- समय: इस मंत्र का उच्चारण ब्रह्म मुहूर्त में करना सर्वोत्तम होता है।
- स्थान: शांत और पवित्र स्थान का चयन करें, जहां किसी प्रकार की बाधा न हो।
- आसन: काले रंग के आसन पर बैठें।
- माला: काले मोतियों की माला का उपयोग करें।
- मंत्र जप की संख्या: प्रतिदिन 108 बार मंत्र का जप करें।
- आवश्यक सामग्री: काले पुष्प, काला तिलक, और दीपक जलाएं।
मंत्र जप का समय
इस मंत्र का जप प्रतिदिन 21 दिनों तक करना चाहिए। हर दिन 540 बार मंत्र का जप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
मंत्र
|| ॐ श्याम तारे तुत्तारे तुरे स्वाहा ||”OM SHYAM TARE TUTARE SVAHA”
साधना के दौरान सावधानियाँ
- आयु: इस मंत्र का अभ्यास केवल 20 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति ही करें।
- शुद्धता: साधक को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होना चाहिए।
- आहार: तामसिक भोजन और मदिरा से बचें।
- संकल्प: मंत्र जप शुरू करने से पहले संकल्प लें और साधना पूरी होने तक उसे न तोड़ें।
- गोपनीयता: अपनी साधना को गुप्त रखें और अनावश्यक रूप से किसी को न बताएं।
- विश्राम: साधना के बाद थोड़ा विश्राम अवश्य करें।
माता काली तारा मंत्र के लाभ
- शत्रुओं का नाश: माता ब्लैक तारा की कृपा से शत्रुओं का नाश होता है।
- विजय प्राप्ति: सभी प्रकार की बाधाओं और चुनौतियों में विजय प्राप्त होती है।
- धन और समृद्धि: यह मंत्र साधक को धन और समृद्धि प्रदान करता है।
- बुद्धि में वृद्धि: माता ब्लैक तारा की कृपा से बुद्धि का विकास होता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: यह मंत्र साधक का आत्मविश्वास बढ़ाता है।
- शांति और स्थिरता: माता ब्लैक तारा की उपासना से मन की शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- सफलता: जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।
- सृजनात्मकता: सृजनात्मकता और नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
- धार्मिक उन्नति: धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा: नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- आध्यात्मिक ज्ञान: आध्यात्मिक ज्ञान और अनुभव को बढ़ाता है।
- रोगों से मुक्ति: माता ब्लैक तारा की कृपा से रोगों से मुक्ति मिलती है।
- मानसिक शांति: मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।
- परिवार में सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का संचार होता है।
- सपनों की प्राप्ति: ऊंचे सपनों को साकार करने में मदद करता है।
- समाज में प्रतिष्ठा: समाज में प्रतिष्ठा और मान-सम्मान बढ़ता है।
- रक्षा कवच: हर प्रकार की नकारात्मकता और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है।
- संकल्प सिद्धि: साधक के संकल्पों को सिद्ध करता है।
- संपूर्ण विकास: शारीरिक, मानसिक, और आत्मिक विकास में सहायक होता है।
- आध्यात्मिक शांति: आध्यात्मिक शांति और आनन्द की प्राप्ति होती है।
साधना की अवधि
इस मंत्र की साधना 21 दिनों तक करनी चाहिए। प्रतिदिन 108 बार मंत्र जप करना आवश्यक है। इस दौरान साधक को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और साधना के प्रति पूरी निष्ठा रखनी चाहिए।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- क्या माता ब्लैक तारा की साधना हर कोई कर सकता है?
नहीं, इस साधना को केवल 20 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति ही कर सकते हैं। - माता ब्लैक तारा का मंत्र क्या है?
माता ब्लैक तारा का मंत्र है:
|| ॐ श्याम तारे तुत्तारे तुरे स्वाहा ||"OM SHYAM TARE TUTARE SVAHA"
- इस मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
प्रतिदिन 108 बार मंत्र जप करना चाहिए। - इस मंत्र जप का सर्वोत्तम समय कौन सा है?
ब्रह्म मुहूर्त में मंत्र जप करना सर्वोत्तम होता है। - क्या इस साधना के दौरान कोई विशेष आहार का पालन करना चाहिए?
हां, साधना के दौरान तामसिक भोजन और मदिरा से बचना चाहिए। - साधना के दौरान किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?
शारीरिक और मानसिक शुद्धता, संकल्प का पालन, साधना की गोपनीयता, और पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। - माता ब्लैक तारा की पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्री आवश्यक है?
काले पुष्प, काला तिलक, और दीपक की आवश्यकता होती है। - मंत्र जप के लिए किस प्रकार की माला का उपयोग करना चाहिए?
काले मोतियों की माला का उपयोग करना चाहिए। - क्या साधना के बाद विश्राम करना आवश्यक है?
हां, साधना के बाद थोड़ा विश्राम अवश्य करना चाहिए।
माता काली तारा का मंत्र अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली है। इसका सही विधि और नियमों का पालन करते हुए जप करने से साधक को विद्या, बुद्धि, धन, समृद्धि, और विजय प्राप्त होती है। साधना के दौरान सभी सावधानियों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि साधक को पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके। माता ब्लैक तारा की कृपा से साधक जीवन के सभी क्षेत्रों में उन्नति और सफलता प्राप्त करता है।