कामख्या दुर्गा पूजन के चमत्कारी लाभ – हर इच्छा पूरी
कामख्या दुर्गा पूजन माता के शक्तिपीठ कामाख्या देवी की विशेष आराधना है। इसमे माता कामख्ता के साथ माता दुर्गा की शक्तियां जोड़कर पूजा की जाती है। यह पूजा खासतौर पर तांत्रिक परंपरा और आध्यात्मिक साधना में अद्वितीय मानी जाती है। कामख्या देवी को कामना पूर्ति की देवी माना जाता है, वही माता दुर्गा जीवन का हर सुख प्रदान करती है। और यह पूजा उनकी अनुकंपा प्राप्त करने के लिए की जाती है। पूजा के दौरान विशेष ध्यान, मंत्र जाप और शक्ति की उपासना का महत्व होता है।
पूजन मुहूर्त
कामख्या दुर्गा पूजन का मुहूर्त नवदुर्गा के दौरान विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। यह पूजा खासतौर पर आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक की जाती है। इसके अलावा पूर्णिमा और अमावस्या व मंगलवार के दिन भी इस पूजा का महत्व है। उचित मुहूर्त में पूजा करने से देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
पूजन सामग्री
कामख्या दुर्गा पूजन के लिए निम्न सामग्री का उपयोग होता है:
- लाल पुष्प
- रोली और कुमकुम
- सिंदूर
- धूप, दीप
- चंदन और कपूर
- नारियल
- लाल वस्त्र
- नैवेद्य में फल, मिठाई और पान
Kamakhya Durga Pujan vidhi- Video
पूजन विधि
- स्थापना: पूजा स्थल को स्वच्छ कर, देवी का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें।
- स्नान और ध्यान: देवी का ध्यान करते हुए जल से स्नान कराएं।
- मंत्र जाप: कामख्या दुर्गा के विशेष मंत्र जैसे “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं क्लीं कामख्या चामुंडायै क्रीं विच्चे” का जाप करें।
- अर्घ्य प्रदान: देवी को पुष्प, अक्षत, चंदन, और नैवेद्य अर्पित करें।
- दीप आरती: धूप, दीपक से देवी की आरती करें।
- प्रसाद वितरण: अंत में प्रसाद बांटें।
know more about kamakhya aarti
पूजा के दौरान क्या खाएं, क्या न खाएं
पूजा के दिन सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। मांसाहार, लहसुन, प्याज का त्याग करें। उपवास रखने वाले केवल फलाहार कर सकते हैं। साबूदाना, दूध, फल का सेवन उत्तम होता है।
कामख्या दुर्गा पूजन से लाभ
- कष्टों का निवारण।
- मानसिक शांति।
- रोगों से मुक्ति।
- आर्थिक समृद्धि।
- वैवाहिक जीवन में सुख।
- बुरी शक्तियों से सुरक्षा।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- भौतिक सुखों की प्राप्ति।
- परिवारिक कलह का अंत।
- बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार।
- संतानों की रक्षा।
- व्यापार में वृद्धि।
- शत्रु पर विजय।
- मोक्ष प्राप्ति।
- मनोकामना पूर्ण होती है।
- ग्रहों की शांति।
- जीवन में सकारात्मकता।
पूजा के नियम
- स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- सात्विक रहें, झूठ और क्रोध से दूर रहें।
- पूजन विधि में श्रद्धा और समर्पण रखें।
- उपवास रखें और भक्ति से पूजा करें।
सावधानियां
- पूजा स्थल को पवित्र रखें।
- पूजा सामग्री शुद्ध और ताजगीयुक्त होनी चाहिए।
- विधि का पालन सही तरीके से करें।
- पूजा के दौरान मन शांत और एकाग्र रखें।
देवी को भोग
कामख्या दुर्गा को खासतौर पर पान, नारियल, मिठाई, और फलों का भोग अर्पित किया जाता है। भक्तों को यह प्रसाद वितरित किया जाता है।
पूजन की शुरुआत और समाप्ति
पूजन का आरंभ गणेश वंदना से होता है। उसके बाद देवी की स्तुति की जाती है। अंत में आरती के बाद प्रसाद वितरण के साथ पूजा संपन्न होती है।
पूजन से संबंधित प्रश्न उत्तर
1. कामख्या देवी कौन हैं?
कामख्या देवी शक्ति की देवी हैं और उनका मंदिर असम में स्थित है।
2. पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
नवरात्रि, पूर्णिमा और अमावस्या को पूजा का विशेष महत्व है।
3. कामख्या दुर्गा पूजन का लाभ क्या है?
यह पूजा रोग, शत्रु, और कष्टों से मुक्ति दिलाती है।
4. पूजा के दौरान कौन सा भोजन करें?
सात्विक भोजन करें और मांसाहार का त्याग करें।
5. क्या विशेष मंत्र का जाप किया जाता है?
“ॐ ॐ ऐं ह्रीं क्लीं क्लीं कामख्या चामुंडायै क्रीं विच्चे” मंत्र का जाप करें।
6. पूजा के नियम क्या हैं?
स्वच्छता, सात्विकता, और श्रद्धा से पूजा करें।
7. किस प्रकार का भोग अर्पित करें?
नारियल, पान, मिठाई और फल अर्पित करें।
8. पूजा के दौरान कौन सी सामग्री उपयोग होती है?
लाल पुष्प, कुमकुम, धूप, दीप, नारियल, चंदन आदि।
9. पूजा कितने दिनों तक की जाती है?
नवरात्रि में 9 दिनों तक पूजा की जाती है।
10. पूजा के दौरान क्या सावधानियां बरतें?
पूजा स्थल को पवित्र और सामग्री को शुद्ध रखें।
11. पूजा के दौरान कौन से मंत्र प्रमुख हैं?
मंत्र: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे” प्रमुख है।
12. क्या पूजा में महिलाएं भाग ले सकती हैं?
हां, महिलाएं भी श्रद्धापूर्वक पूजा कर सकती हैं।