कामख्या लक्ष्मी मंत्र: धन और समृद्धि प्राप्त करने की चमत्कारी विधि
कामख्या लक्ष्मी मंत्र माता कामख्या और लक्ष्मी की शक्तियों को एक साथ समाहित करता है। यह मंत्र धन, समृद्धि और जीवन की हर प्रकार की बाधाओं को दूर करने में सहायक है। कामख्या देवी तंत्र साधना में विशेष स्थान रखती हैं, वहीं लक्ष्मी धन और वैभव की देवी हैं। इस मंत्र के माध्यम से दोनों देवियों की कृपा प्राप्त होती है। इस मंत्र का नियमित जप जीवन में उन्नति, सुख, शांति और समृद्धि लाता है।
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ
दिग्बंधन मंत्र सभी दिशाओं की रक्षा के लिए जप किया जाता है। यह मंत्र इस प्रकार है:
ॐ हरिं आकाशाय नमः। ॐ ह्रीं पृथ्व्यै नमः। ॐ हुं पूर्वायै नमः। ॐ हुं पश्चिमायै नमः। ॐ हुं उत्तरायै नमः। ॐ हुं दक्षिणायै नमः।
अर्थ: यह मंत्र सभी दिशाओं की सुरक्षा प्रदान करता है। इसे जपने से साधक को दिशाओं से आने वाली सभी नकारात्मक ऊर्जा से बचाया जाता है और देवी की कृपा से पूर्ण सुरक्षा मिलती है।
कामख्या लक्ष्मी मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
॥ॐ ऐं श्रीं क्लीं कामख्या कमलेश्वरी क्लीं नमः॥
अर्थ: इस मंत्र में “ॐ” से ब्रह्मांड की ऊर्जा को बुलाया जाता है, “ऐं” से ज्ञान और विद्या की देवी सरस्वती की शक्ति, “श्रीं” से लक्ष्मी देवी की धन और वैभव की कृपा, “क्लीं” से प्रेम और आकर्षण की शक्ति प्राप्त होती है। “कामख्या कमलेश्वरी” से कामख्या देवी और लक्ष्मी देवी दोनों की कृपा मिलती है। इस मंत्र का नियमित जप व्यक्ति के जीवन को हर प्रकार से समृद्ध और संतुष्ट करता है।
कामख्या लक्ष्मी मंत्र के लाभ
- धन की वृद्धि: मंत्र का नियमित जप आर्थिक समृद्धि लाता है।
- व्यापार में लाभ: यह मंत्र व्यापार में सफलता दिलाता है।
- सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं: कामनाओं की पूर्ति होती है।
- सुख-शांति: मानसिक शांति और घर में सुख-शांति बनी रहती है।
- विवाह में बाधा दूर होती है: विवाह की सभी बाधाओं को दूर करता है।
- शत्रुओं से रक्षा: शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है।
- समृद्धि का आशीर्वाद: जीवन में समृद्धि आती है।
- समय की बाधा समाप्त: कार्य समय पर पूर्ण होते हैं।
- रुके हुए कार्य पूरे होते हैं: रुके हुए कार्य सफलतापूर्वक संपन्न होते हैं।
- धन की हानि से रक्षा: धन की बर्बादी से बचाता है।
- वाणी में मधुरता: वाणी मधुर होती है और दूसरों पर प्रभाव छोड़ती है।
- सद्बुद्धि का विकास: व्यक्ति को सद्बुद्धि प्राप्त होती है।
- संतोष का भाव: मानसिक और आत्मिक संतोष की प्राप्ति होती है।
- आकर्षण और सौंदर्य: व्यक्ति में आकर्षण और सौंदर्य का विकास होता है।
कामख्या लक्ष्मी मंत्र विधि
सामग्री
- एक चम्मच सिंदूर
- 50 ग्राम धनिया
- लक्ष्मी माता की तस्वीर
- घी का दीपक
विधि
- एक साफ जगह पर लक्ष्मी माता की तस्वीर को स्थापित करें।
- एक चम्मच सिंदूर और 50 ग्राम धनिया अपने सामने रखें।
- घी का दीपक जलाएं और लक्ष्मी माता की पूजा करें।
- मंत्र जप के लिए 11 माला (1188 मंत्र) का जप सूर्यास्त के बाद दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके करें।
- मंत्र जप समाप्त होने के बाद फल या भोजन दान करें, पैसे का दान न करें।
- धनिये को पीसकर सिंदूर में मिलाएं, फिर उसमें घी मिलाकर पेस्ट बनाएं। यह पेस्ट तिलक के रूप में इस्तेमाल करें। इसे सिद्धि प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
दिन, अवधि और मुहूर्त
मंत्र जप का आरंभ किसी शुभ दिन या नवरात्रि जैसे विशेष अवसर पर करना उत्तम माना जाता है। मंत्र जप की अवधि 11 से 21 दिनों तक होनी चाहिए। मंत्र का जप सूर्यास्त के बाद करना सर्वोत्तम होता है, जब वातावरण शुद्ध और शांत होता है।
मंत्र जप संख्या और नियम
- मंत्र जप संख्या: रोज 11 माला (1188 मंत्र) जप करें।
- नियम:
- उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री या पुरुष कोई भी मंत्र जप कर सकता है।
- ब्लू या ब्लैक कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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मंत्र जप करते समय सावधानियाँ
- ध्यान और एकाग्रता: मंत्र जप करते समय मन को एकाग्र रखें और पूरी श्रद्धा से जप करें।
- शुद्धता का ध्यान: पूजा स्थल और सामग्री की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
- धूम्रपान और मद्यपान से बचें: इनका सेवन जप के प्रभाव को नष्ट कर सकता है।
- ब्रह्मचर्य का पालन: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है।
कामख्या लक्ष्मी मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर
प्रश्न 1: कामख्या लक्ष्मी मंत्र का क्या लाभ है?
उत्तर: यह मंत्र आर्थिक समृद्धि, स्वास्थ्य, और मानसिक शांति प्रदान करता है।
प्रश्न 2: मंत्र का जप कब करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप सूर्यास्त के बाद, दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए।
प्रश्न 3: क्या महिलाओं के लिए मंत्र जप करना उचित है?
उत्तर: हाँ, महिलाएं भी इस मंत्र का जप कर सकती हैं, लेकिन उन्हें ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा।
प्रश्न 4: क्या मंत्र जप के दौरान मांसाहार से बचना चाहिए?
उत्तर: हाँ, मांसाहार, धूम्रपान और मद्यपान से बचना चाहिए।
प्रश्न 5: मंत्र जप की अवधि क्या होनी चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप की अवधि 11 से 21 दिनों तक होनी चाहिए।
प्रश्न 6: मंत्र जप से पहले कौन सी सामग्री जरूरी है?
उत्तर: एक चम्मच सिंदूर, 50 ग्राम धनिया, लक्ष्मी माता की तस्वीर और घी का दीपक आवश्यक हैं।
प्रश्न 7: क्या इस मंत्र से व्यापार में लाभ होता है?
उत्तर: हाँ, यह मंत्र व्यापार में सफलता और धन की वृद्धि में सहायक होता है।
प्रश्न 8: क्या ब्लैक और ब्लू कपड़े पहन सकते हैं?
उत्तर: नहीं, मंत्र जप के दौरान ब्लैक और ब्लू कपड़े पहनना मना है।
प्रश्न 9: क्या मंत्र जप के बाद पैसे दान कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, पैसे दान करने के बजाय फल या भोजन दान करें।
प्रश्न 10: क्या मंत्र जप के बाद तिलक बनाना आवश्यक है?
उत्तर: हाँ, धनिये और सिंदूर का तिलक बनाकर लगाना आवश्यक है, यह सिद्धि के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
प्रश्न 11: मंत्र जप कितने मंत्र रोज करना चाहिए?
उत्तर: रोज 11 माला यानी 1188 मंत्र का जप करना चाहिए।
प्रश्न 12: क्या 20 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति मंत्र जप कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, मंत्र जप के लिए व्यक्ति की उम्र 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।