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Kamakhya Shakti Peeth- Power of Tantra

कामाख्या शक्तिपीठ मे अंबूवाची मेला 2025: कामाख्या देवी का रजस्वला पर्व

कामाख्या शक्तिपीठ असम के गुवाहाटी में स्थित एक पवित्र और प्राचीन मंदिर है। यह स्थान देवी कामाख्या को समर्पित है, जो शक्ति की प्रतीक मानी जाती हैं। यहाँ देवी का योनि अंग गिरा था, और यह स्थल महाशक्तिपीठों में से एक है।

अंबूवाची मेला मुहुर्त २०२५

अंबूवाची मेला 2025 का आयोजन 22 जून से 25 जून तक असम के प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर में होगा। यह चार दिवसीय पर्व देवी कामाख्या की मासिक धर्म अवधि का प्रतीक है और इसे भक्ति व प्राकृतिक उर्वरता का महोत्सव माना जाता है। इस दौरान, मंदिर के गर्भगृह के द्वार बंद रहेंगे, और यह समझा जाता है कि देवी अपने मासिक धर्म में हैं। 25 जून को सुबह के समय, जब यह माना जाता है कि देवी का मासिक चक्र समाप्त हो गया है, मंदिर फिर से खुलता है, और पूजा-अर्चना की जाती है।

यह मेला देवी की मासिक ऋतु का प्रतीक है। अंबूवाची के समय मंदिर के कपाट तीन दिनों तक बंद रहते हैं। यह मेला तांत्रिकों का प्रमुख पर्व होता है और हजारों साधक इसमें सम्मिलित होते हैं।

अंबूवाची मेले में भारी संख्या में साधु-संत, तांत्रिक और श्रद्धालु एकत्रित होते हैं। मेले में असमिया संस्कृति की झलक भी देखने को मिलती है, जिसमें स्थानीय हस्तशिल्प और पारंपरिक नृत्य-संगीत शामिल हैं। इस मेले में शामिल होना एक अनोखा आध्यात्मिक अनुभव होता है, जो भक्तों को देवी के आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

मेला स्थल पर पहुँचने के लिए गुवाहाटी हवाई अड्डे, गुवाहाटी रेलवे स्टेशन या कामाख्या रेलवे स्टेशन का उपयोग कर सकते हैं। मेले के दौरान विभिन्न प्रकार के आवास विकल्प भी उपलब्ध होते हैं, जिनमें होटल, गेस्ट हाउस और होमस्टे शामिल हैं। यदि आप इस आयोजन में सम्मिलित होना चाहते हैं, तो पहले से योजना बना लें ताकि आपकी यात्रा और आवास का प्रबंध सुगम हो सके।

देवी की महिमा

कामाख्या देवी का महत्व असीम है। वे शक्ति और सामर्थ्य की देवी मानी जाती हैं, और उनकी पूजा से इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

देवी का कौन सा अंग गिरा था?

कामाख्या शक्तिपीठ पर देवी सती का योनि अंग गिरा था। इसे तांत्रिक साधनाओं और पवित्र स्त्रीत्व का प्रतीक माना जाता है।

कामाख्या देवी के लाभ और खासियतें

  1. मंत्र सिद्धि: यहाँ तांत्रिक साधनाओं के द्वारा मंत्रों की सिद्धि प्राप्त होती है।
  2. रजस्वला देवी का प्रतीक: देवी का योनि अंग इस मंदिर का मुख्य आस्था केंद्र है।
  3. सृष्टि की शक्ति: देवी कामाख्या स्त्री ऊर्जा और सृजन शक्ति का प्रतीक हैं।
  4. तांत्रिक साधना: यह स्थान तांत्रिकों की पहली पसंद है।
  5. शक्तिपीठ में सिद्धियां: यहाँ साधना करने से सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।
  6. इच्छा पूर्ति: यहाँ की पूजा से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
  7. शांति और समृद्धि: देवी की कृपा से जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
  8. आध्यात्मिक ज्ञान: यहाँ पूजा करने से आध्यात्मिक ज्ञान मिलता है।
  9. ध्यान और साधना: यहाँ ध्यान करने से अद्वितीय अनुभव होता है।
  10. समृद्धि और स्वास्थ्य: देवी की पूजा से स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
  11. तांत्रिक शक्तियाँ: यहाँ तांत्रिक शक्तियों का अनुभव किया जा सकता है।
  12. साधना के लिए उपयुक्त: यह स्थान साधकों के लिए आदर्श है।
  13. रहस्यमय अनुभव: यहाँ साधना करने से रहस्यमय अनुभव होते हैं।
  14. आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र: यह स्थान आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र है।
  15. तांत्रिक विधियाँ: यहाँ तांत्रिक विधियाँ विकसित हुई हैं।
  16. विध्वंस और सृजन का संगम: यहाँ विध्वंस और सृजन शक्ति का संगम होता है।
  17. अमूर्त तत्त्वों का अनुभव: यहाँ के दर्शन से रोमांच का अनुभव होता है।

रजस्वला का लाल कपड़ा

मासिक ऋतु के दौरान, देवी के रजस्वला के रूप का प्रतीक लाल कपड़ा पूजित होता है। इसे विशेष शक्ति का वाहक माना जाता है।

तांत्रिकों की पहली पसंद – कामाख्या शक्तिपीठ

यह स्थान तांत्रिक साधनाओं के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। तांत्रिक इसे अपनी साधना का प्रमुख केंद्र मानते हैं।

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पूजा विधि

कामाख्या शक्तिपीठ में पूजा विधि में विशेष मंत्रों का जाप, ध्यान, और देवी को पुष्प, फल, और सिंदूर अर्पित करना शामिल है।

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प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: कामाख्या शक्तिपीठ कहाँ स्थित है?
उत्तर: असम के गुवाहाटी में।

प्रश्न 2: देवी का कौन सा अंग गिरा था?
उत्तर: योनि अंग।

प्रश्न 3: यहाँ की पूजा का क्या लाभ है?
उत्तर: इच्छाओं की पूर्ति और शांति।

प्रश्न 4: तांत्रिकों के लिए यह स्थल क्यों खास है?
उत्तर: यह तांत्रिक साधनाओं का प्रमुख केंद्र है।

प्रश्न 5: अंबूवाची मेला क्या है?
उत्तर: देवी की मासिक ऋतु का प्रतीक।

प्रश्न 6: रजस्वला का लाल कपड़ा क्या दर्शाता है?
उत्तर: देवी के मासिक चक्र का प्रतीक।

प्रश्न 7: यहाँ कितने शक्तिपीठ हैं?
उत्तर: यह 51 शक्तिपीठों में से एक है।

प्रश्न 8: क्या तांत्रिक यहाँ साधना करते हैं?
उत्तर: हाँ, तांत्रिक साधना के लिए यह स्थान प्रसिद्ध है।

प्रश्न 9: कामाख्या देवी का प्रमुख पर्व क्या है?
उत्तर: अंबूवाची मेला।

प्रश्न 10: क्या यहाँ मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है?
उत्तर: हाँ, यहाँ मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।

प्रश्न 11: यहाँ साधना के दौरान क्या ध्यान में आता है?
उत्तर: विशेष आध्यात्मिक अनुभव।

प्रश्न 12: यहाँ की पूजा विधि क्या है?
उत्तर: विशेष मंत्रों और पूजन सामग्री का प्रयोग।

कामाख्या शक्तिपीठ एक ऐसा आध्यात्मिक स्थल है, जो तांत्रिक साधनाओं, देवी के रजस्वला स्वरूप और अंबूवाची मेले के लिए प्रसिद्ध है।

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