Sunday, December 22, 2024

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Kamakhya Stotra – Rituals for Success

कामाख्या स्तोत्र से पाएं धन, सुख और शत्रु पर विजय

कामाख्या स्तोत्र का पाठ करने से देवी कामाख्या की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कामाख्या माता तंत्र साधना की प्रमुख देवी मानी जाती हैं, और उनके स्तोत्र का पाठ करने से भक्तों को मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होते हैं। यह स्तोत्र कामनाओं की पूर्ति करने वाला माना जाता है और भक्तों की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।
यह स्तोत्र भक्त को आध्यात्मिक उन्नति और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करता है। इसकी शक्ति से जीवन के कष्ट समाप्त होते हैं और भक्त की हर इच्छा पूरी होती है।

स्तोत्र

ॐ नमो कामाख्यायै
कामसेव्यायै नमो नमः।
कामपूज्यपदांभोजे
कामदायै नमो नमः॥1॥

कामपीठनिलायायै
कामितार्थप्रदायिनि।
कामेश्वरप्रिये नित्यं
कामाक्ष्यै ते नमो नमः॥2॥

कामसाध्याय कामिन्यै
कामरूपधरेऽनघे।
कामेश्वरि महामाये
कामाक्ष्यै ते नमो नमः॥3॥

कामसंपत्प्रदे पुण्ये
कामपालिनि शङ्करे।
कामदाय महादेवि
कामाक्ष्यै ते नमो नमः॥4॥

कामरूपधरे पुण्ये
कामेश्वरसुपूजिते।
कामेश्वरि महामाये
कामाक्ष्यै ते नमो नमः॥5॥

कामारिच्छेदिनी पुण्ये
कामतोषप्रदायिनि।
कामेश्वरप्रिये नित्यं
कामाक्ष्यै ते नमो नमः॥6॥

कामपीठविहारे च
कामितार्थप्रदायिनि।
कामेश्वरमहाभोगे
कामाक्ष्यै ते नमो नमः॥7॥

स्तोत्रमेतत्पठेन्नित्यं
कामेश्वरसमीपतः।
सर्वान् कामानवाप्नोति
कामेश्वरसमीपगः॥8॥

स्तोत्रं सिद्धिप्रदं नॄणां
कामरूपनिवासिनाम्।
सर्वसिद्धिकरं नित्यं
कामेश्वरसमीपगम्॥9॥

स्तोत्रमेतत्पठेन्नित्यं
नरो विजयी भवेत्।
सर्वसिद्धिकरं पुण्यं
कामरूपनिवासिनाम्॥10॥

इति श्री स्तोत्रं सम्पूर्णम्।

अर्थ

  1. पहला श्लोक
    “मैं कामाख्या देवी को प्रणाम करता हूँ, जो इच्छाओं को पूर्ण करती हैं। उनके चरणकमल की पूजा से इच्छाएँ पूरी होती हैं।”
  2. दूसरा श्लोक
    “कामाख्या देवी, जो कामपीठ में निवास करती हैं और सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं, उन्हें मेरा नमन।”
  3. तीसरा श्लोक
    “अहे, कामाख्या देवी! आप कामनाओं की सिद्धि करने वाली और पापरहित हैं। आप शक्तिशाली और महान देवी हैं, आपको प्रणाम।”
  4. चौथा श्लोक
    “आप कामनाओं को पूरा करने वाली और शुभ फल देने वाली हैं। हे देवी, आपकी कृपा से सभी संपत्तियाँ प्राप्त होती हैं।”
  5. पाँचवां श्लोक
    “आप कामरूप धारण करने वाली और महादेव द्वारा पूजित हैं। आप महामाया हैं, आपको बार-बार नमन।”
  6. छठा श्लोक
    “आप पापों का नाश करती हैं और भक्तों को संतोष प्रदान करती हैं। हे देवी, आपकी कृपा से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं।”
  7. सातवां श्लोक
    “आप कामपीठ में निवास करती हैं और भक्तों की इच्छाओं को पूरा करती हैं। आप सभी प्रकार के भोग प्रदान करती हैं।”
  8. आठवां श्लोक
    “जो कोई इस स्तोत्र का पाठ करता है, वह सभी इच्छाओं को प्राप्त करता है और कामेश्वर (शिव) के समीप स्थान पाता है।”
  9. नौवां श्लोक
    “यह स्तोत्र उन लोगों के लिए सिद्धिप्रद है जो कामरूप में निवास करते हैं। यह सभी प्रकार की सिद्धियाँ प्रदान करता है।”
  10. दसवां श्लोक
    “जो कोई इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करता है, वह विजयी होता है और उसे सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।”

लाभ

  1. मनोकामना पूर्ति
    यह स्तोत्र भक्त की सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है।
  2. धन-संपत्ति में वृद्धि
    कामाख्या स्तोत्र का पाठ आर्थिक समृद्धि को आकर्षित करता है।
  3. स्वास्थ्य में सुधार
    इस स्तोत्र से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  4. संतान सुख
    जो संतान की कामना करते हैं, उन्हें इसका लाभ प्राप्त होता है।
  5. विवाह की बाधा समाप्त
    स्तोत्र के नियमित पाठ से विवाह की समस्याएँ दूर होती हैं।
  6. शत्रुओं पर विजय
    यह स्तोत्र शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में मदद करता है।
  7. भय से मुक्ति
    इस स्तोत्र से सभी प्रकार के भय और चिंता दूर होती है।
  8. आध्यात्मिक उन्नति
    स्तोत्र का पाठ साधक को आध्यात्मिक रूप से उन्नत करता है।
  9. सद्बुद्धि का विकास
    भक्त को उचित मार्गदर्शन और सद्बुद्धि प्रदान होती है।
  10. समय की बाधा समाप्त होती है
    समय पर सभी कार्य पूर्ण होते हैं।
  11. पारिवारिक शांति
    परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
  12. धार्मिक लाभ
    इस स्तोत्र का पाठ धार्मिक दृष्टिकोण से भी लाभकारी है।
  13. दुर्घटनाओं से सुरक्षा
    स्तोत्र पाठ से दुर्घटनाओं और अनहोनी घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।
  14. आर्थिक संकट से मुक्ति
    स्तोत्र का पाठ आर्थिक संकट को दूर करता है।
  15. मनोबल में वृद्धि
    स्तोत्र पाठ से आत्मविश्वास और मनोबल में वृद्धि होती है।
  16. वाणी में मधुरता
    स्तोत्र पाठ से वाणी में मधुरता और आकर्षण आता है।
  17. शांति और स्थिरता
    मानसिक शांति और जीवन में स्थिरता प्राप्त होती है।

पाठ विधि

दिन और अवधि

कामाख्या स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से मंगलवार और शुक्रवार को करना लाभकारी माना जाता है। इसके अलावा, नवरात्रि के दिनों में इसका पाठ और भी प्रभावशाली माना जाता है। स्तोत्र पाठ की अवधि 41 दिनों की होनी चाहिए, जिसमें नियमितता और ध्यान आवश्यक है।

मुहूर्त

पाठ का सर्वोत्तम समय सूर्योदय और सूर्यास्त के समय होता है। इस समय माता की कृपा अधिक प्राप्त होती है। शुभ मुहूर्त में शुरू किया गया पाठ और विधि सही तरीके से करने पर भक्त को विशेष आशीर्वाद मिलता है।

पाठ के नियम

  1. शुद्धता का ध्यान
    स्तोत्र का पाठ करने से पहले स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल साफ रखें
    पूजा स्थल को साफ और शुद्ध रखें, जिससे सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
  3. माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें
    कामाख्या माता की मूर्ति या चित्र के सामने दीपक और धूप जलाकर पाठ करें।
  4. गुप्त साधना
    कामाख्या स्तोत्र की साधना और पूजा को गुप्त रखना चाहिए। अपनी साधना के बारे में दूसरों को न बताएं।
  5. मन की एकाग्रता
    पाठ के समय मन को एकाग्र रखें और ध्यान माता कामाख्या पर केंद्रित करें।
  6. अखंड पाठ
    41 दिनों तक बिना किसी व्यवधान के पाठ करना आवश्यक है।

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सावधानियाँ

  1. मन की शुद्धता
    स्तोत्र का पाठ करते समय मन में किसी प्रकार की नकारात्मकता नहीं होनी चाहिए।
  2. पूजा सामग्री का उचित उपयोग
    धूप, दीपक, और फूलों का उपयोग सही तरीके से करें। ध्यान रखें कि कोई वस्तु अशुद्ध न हो।
  3. शारीरिक और मानसिक शुद्धता
    पाठ से पहले शारीरिक और मानसिक शुद्धता आवश्यक है। इसका ध्यान रखें।
  4. वाणी पर संयम रखें
    स्तोत्र पाठ के दौरान वाणी पर संयम रखना आवश्यक है। अनावश्यक बातों से बचें।
  5. माता की कृपा का सम्मान
    माता की कृपा का आदर करें और उनके प्रति पूर्ण विश्वास रखें।

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स्तोत्र पाठ से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: इस स्तोत्र का क्या महत्व है?

उत्तर: यह स्तोत्र देवी कामाख्या की कृपा प्राप्त करने और सभी मनोकामनाओं को पूरा करने का साधन है।

प्रश्न 2: इस स्तोत्र का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?

उत्तर: इस स्तोत्र का पाठ 41 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।

प्रश्न 3: क्या इससे से आर्थिक संकट समाप्त होते हैं?

उत्तर: हाँ, इस स्तोत्र का पाठ आर्थिक संकटों को समाप्त करने में अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है।

प्रश्न 4: क्या इस स्तोत्र का पाठ केवल विशेष अवसरों पर किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, यह स्तोत्र किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन मंगलवार और शुक्रवार विशेष माने जाते हैं।

प्रश्न 5: क्या स्तोत्र के पाठ से स्वास्थ्य लाभ होता है?

उत्तर: हाँ, इस स्तोत्र से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

प्रश्न 6: क्या स्तोत्र से विवाह की बाधा दूर होती है?

उत्तर: हाँ, इस स्तोत्र से विवाह में आ रही सभी बाधाएँ समाप्त होती हैं।

प्रश्न 7: इस स्तोत्र का पाठ किस मुहूर्त में करना चाहिए?

उत्तर: सूर्योदय और सूर्यास्त का समय स्तोत्र पाठ के लिए शुभ माना जाता है।

प्रश्न 8: क्या स्तोत्र के पाठ से आध्यात्मिक उन्नति होती है?

उत्तर: हाँ, इस स्तोत्र का पाठ आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।

प्रश्न 9: क्या इस स्तोत्र का पाठ तंत्र साधना में सहायक है?

उत्तर: हाँ, यह स्तोत्र तंत्र साधना में बहुत प्रभावशाली माना जाता है।

प्रश्न 10: क्या इस स्तोत्र से शत्रुओं पर विजय प्राप्त की जा सकती है?

उत्तर: हाँ, यह स्तोत्र शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने में सहायता करता है।

प्रश्न 11: क्या इसका पाठ संतान प्राप्ति के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: हाँ, स्तोत्र का पाठ संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी करता है।

प्रश्न 12: क्या स्तोत्र को गुप्त रखना चाहिए?

उत्तर: हाँ, स्तोत्र की साधना और पूजा को गुप्त रखना आवश्यक है।

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