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Karna Lakshmi Mantra – Attract Money & Protection

कर्ण लक्ष्मी मंत्र: आर्थिक सुरक्षा का अद्भुत उपाय

कर्ण लक्ष्मी मंत्र आर्थिक हानि से बचाने, सही दिशा में निवेश करने और व्यवसाय व नौकरी की सुरक्षा प्रदान करने वाला अद्भुत साधन है। यह मंत्र जीवन में स्थायित्व और धन-संपत्ति का पोषण करता है। इसके प्रभाव से आप आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं और समृद्धि की ओर अग्रसर हो सकते हैं।


विनियोग मंत्र और उसका अर्थ

विनियोग मंत्र:
“ॐ अस्य श्री कर्ण लक्ष्मी मंत्रस्य विष्णुरृषिः, अनुष्टुप् छन्दः, महालक्ष्मीर्देवता, ऐं बीजं, श्रीं शक्तिः, क्लीं कीलकं, मम सर्वार्थ सिद्धये जपे विनियोगः।”

अर्थ:
इस विनियोग मंत्र का पाठ करने से साधक अपनी सभी इच्छाओं की पूर्ति और आर्थिक उन्नति के लिए इस मंत्र का उपयोग करता है।


दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र और उसका अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ उत्तरायै नमः। ॐ दक्षिणायै नमः। ॐ पूर्वायै नमः। ॐ पश्चिमायै नमः। ॐ ईशानायै नमः। ॐ नैऋत्यायै नमः। ॐ वायव्यायै नमः। ॐ आग्नेयायै नमः।”

अर्थ:
यह मंत्र सभी दिशाओं में सुरक्षा कवच प्रदान करता है। साधना के दौरान दिग्बंधन मंत्र के पाठ से नकारात्मक ऊर्जा से बचाव होता है।


कर्ण लक्ष्मी मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

कर्ण लक्ष्मी मंत्र:
“ॐ ऐं श्रीं कर्ण लक्ष्मेय वद् वद् क्लीं स्वाहा।”

संपूर्ण अर्थ:
यह दिव्य मंत्र माता लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली है। इसमें प्रत्येक शब्द का गहरा आध्यात्मिक और अर्थपूर्ण महत्व है:

  1. ॐ: यह ब्रह्मांडीय ध्वनि है, जो सभी ऊर्जा और सकारात्मकता का स्रोत है। यह मंत्र की शुरुआत में दिव्यता और पवित्रता का आह्वान करता है।
  2. ऐं: यह सरस्वती का बीज मंत्र है, जो बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है। यह निवेश और निर्णयों में सही दिशा देने में सहायक है।
  3. श्रीं: यह लक्ष्मी का बीज मंत्र है, जो धन, समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है।
  4. कर्ण लक्ष्मेय: यह शब्द सीधे धन की देवी लक्ष्मी को संबोधित करता है, जो साधक के कानों में सफलता और समृद्धि का संदेश देती हैं।
  5. वद् वद्: यह साधक की इच्छाओं और प्रार्थनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने का आग्रह है।
  6. क्लीं: यह मंत्र कामना पूर्ति और आकर्षण का शक्ति बीज है, जो सकारात्मक ऊर्जा और धन को आकर्षित करता है।
  7. स्वाहा: यह शब्द मंत्र को पूर्णता देता है और इसे साकार करने के लिए ब्रह्मांड को समर्पित करता है।

सार:
यह मंत्र साधक के जीवन में धन, सुख, और समृद्धि को आकर्षित करता है। इसे जपने से न केवल आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है, बल्कि मानसिक शांति और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है। माता लक्ष्मी की कृपा से जीवन में स्थायित्व और खुशहाली का अनुभव होता है।


जप काल में इन चीजों का सेवन करें

  1. हल्का और सात्विक भोजन करें।
  2. फल और दूध का सेवन करें।
  3. तुलसी और शहद का प्रयोग करें।
  4. जल अधिक मात्रा में पिएं।

कर्ण लक्ष्मी मंत्र के लाभ

  1. आर्थिक संकट से मुक्ति।
  2. निवेश में सही दिशा।
  3. व्यवसाय में प्रगति।
  4. नौकरी में स्थायित्व।
  5. घर में धन-संपत्ति का वास।
  6. मानसिक शांति।
  7. पारिवारिक विवादों का निवारण।
  8. धन के स्रोतों में वृद्धि।
  9. सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
  10. लक्ष्मी की स्थायी कृपा।
  11. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  12. वित्तीय स्थिरता।
  13. शुभ योगों का निर्माण।
  14. कार्यों में सफलता।
  15. समाज में प्रतिष्ठा।
  16. आय और बचत में वृद्धि।
  17. कर्ज से मुक्ति।
  18. धन के साथ संतोष।

पूजा सामग्री और मंत्र विधि

  1. 11 इलायची।
  2. घी का दीपक।
  3. लाल कपड़ा।
  4. साफ स्थान।

विधि:

  1. 11 इलायची सामने रखें।
  2. घी का दीपक जलाएं।
  3. मंत्र का 15 मिनट तक जाप करें।
  4. 9 दिन तक शुक्रवार से जाप करें।
  5. अंत में इलायची लाल कपड़े में लपेटकर घर के मंदिर में रखें।

मंत्र जप के दिन, अवधि और मुहूर्त

  1. दिन: शुक्रवार से प्रारंभ।
  2. अवधि: 9 दिन।
  3. समय: ब्रह्म मुहूर्त या रात 8 से 10 बजे।

मंत्र जप के नियम

  1. साधक की आयु 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों कर सकते हैं।
  3. नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से बचें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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जप के दौरान सावधानियां

  1. जाप करते समय मन शांत रखें।
  2. स्थान पवित्र हो।
  3. ध्यान केंद्रित करें।
  4. समय की नियमितता रखें।

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कर्ण लक्ष्मी मंत्र से जुड़े प्रमुख प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1: कर्ण लक्ष्मी मंत्र क्या है?

उत्तर: कर्ण लक्ष्मी मंत्र एक दिव्य साधना मंत्र है जो आर्थिक संकट से बचाव, धन-संपत्ति की वृद्धि, और सही निवेश में मदद करता है।

प्रश्न 2: कर्ण लक्ष्मी मंत्र का सही उच्चारण क्या है?

उत्तर: मंत्र है: “ॐ ऐं श्रीं कर्ण लक्ष्मेय वद् वद् क्लीं स्वाहा।” इसे स्पष्ट और ध्यानपूर्वक उच्चारण करें।

प्रश्न 3: इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?

उत्तर: 20 वर्ष से अधिक आयु के कोई भी स्त्री या पुरुष इसे जप सकते हैं।

प्रश्न 4: कर्ण लक्ष्मी मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

उत्तर: जाप शुक्रवार से प्रारंभ करें और प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या रात 8-10 बजे के बीच करें।

प्रश्न 5: मंत्र जाप का उचित समय और अवधि क्या है?

उत्तर: 15 मिनट प्रतिदिन, लगातार 9 दिनों तक जाप करें।

प्रश्न 6: क्या इस मंत्र के लिए कोई विशेष नियम हैं?

उत्तर: हां, जाप के दौरान:

  1. सात्विक भोजन करें।
  2. नीले या काले कपड़े न पहनें।
  3. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से बचें।
  4. ब्रह्मचर्य का पालन करें।

प्रश्न 7: मंत्र जाप के दौरान कौन-सी सामग्री आवश्यक है?

उत्तर: 11 इलायची, घी का दीपक, लाल कपड़ा, और पवित्र स्थान जाप के लिए आवश्यक हैं।

प्रश्न 8: मंत्र जाप का मुख्य लाभ क्या है?

उत्तर: यह मंत्र धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर आर्थिक स्थिरता, समृद्धि, और जीवन में सुख-शांति लाने में सहायक है।

प्रश्न 9: मंत्र का प्रभाव कितने समय में दिखता है?

उत्तर:
यह साधक की श्रद्धा, नियम पालन, और ध्यान पर निर्भर करता है। आमतौर पर 9 दिनों के जाप के बाद सकारात्मक परिणाम दिखने लगते हैं।

प्रश्न 10: क्या यह मंत्र व्यवसाय में लाभदायक है?

उत्तर: हां, यह मंत्र व्यवसाय में सफलता और धन के स्रोतों में वृद्धि करने में सहायक है।

प्रश्न 11: मंत्र जाप के दौरान किन सावधानियों का पालन करें?

उत्तर: पवित्र स्थान पर जाप करें।

  1. ध्यान भंग न होने दें।
  2. मन में विश्वास और श्रद्धा बनाए रखें।

प्रश्न 12: क्या इस मंत्र का जाप करते समय कोई विशेष वस्त्र पहनने चाहिए?

उत्तर: सफेद या हल्के रंग के कपड़े पहनें, जो पवित्रता और सादगी का प्रतीक हों।


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