Katyayani Shabar Mantra- Secrets of Success Relationship

कात्यायनी शाबर मंत्र: प्रेम प्रणय व विवाहित जीवन की बाधायें नष्ट करे

कात्यायनी शाबर मंत्र एक अत्यंत प्रभावी और सिद्ध मंत्र माना जाता है। इसे विशेष रूप से प्रेम प्रणय व शादी व्याह से संबंधित, मनोकामना पुर्ति, इच्छित कार्यों में सफलता और समृद्धि के लिए उपयोग किया जाता है। कात्यायनी देवी की पूजा शक्ति, समृद्धि और मंगल कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए की जाती है। इस मंत्र में माँ कात्यायनी का आह्वान किया जाता है, जो जग की पालनहारी और शक्ति की स्वरूपिणी हैं।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र

“ॐ ह्रीं क्लीं नमः सर्वतः रक्ष रक्ष कात्यायनी स्वाहा।”

अर्थ:

इस मंत्र द्वारा साधक दसों दिशाओं में सुरक्षा का घेरा बनाता है। यह मंत्र साधक के चारों ओर रक्षात्मक शक्ति का निर्माण करता है, जिससे नकारात्मक शक्तियाँ पास नहीं आ सकतीं।

कात्यायनी शाबर मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

“ॐ ह्रीं कात्यायने, करे सिद्ध मंगल कार्य,
तुम हो जग की पालनहारी,
तुम हो शक्ति महा कुमारी,
न करे काज तो बटुक भैरव की आन।”

अर्थ:

इस मंत्र का अर्थ है कि माँ कात्यायनी सभी मंगल कार्यों को सिद्ध करती हैं। वह जगत की पालनहारी और महाशक्ति स्वरूपिणी हैं। अगर कार्य सिद्ध नहीं हुआ तो भैरव की शक्ति साधक के पक्ष में खड़ी होगी।

कात्यायनी शाबर मंत्र के लाभ

  1. इच्छित कार्यों में सफलता।
  2. प्रेम प्रणय के क्षेत्र मे सफलता
  3. धन-संपत्ति की प्राप्ति।
  4. परिवार में सुख-समृद्धि।
  5. स्वास्थ्य लाभ।
  6. विवाह में सफलता।
  7. नौकरी और व्यवसाय में उन्नति।
  8. संतान सुख की प्राप्ति।
  9. मानसिक शांति।
  10. आत्मविश्वास में वृद्धि।
  11. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति।
  12. घर में शांति और समृद्धि।
  13. धार्मिक कार्यों में सफलता।
  14. मनोकामनाओं की पूर्ति।
  15. संकटों से मुक्ति।
  16. मानसिक स्थिरता।
  17. आध्यात्मिक उन्नति।

पूजा सामग्री

  1. लाल वस्त्र।
  2. देवी कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र।
  3. लाल फूल (विशेष रूप से गुड़हल)।
  4. सिंदूर।
  5. चंदन।
  6. घी का दीपक।
  7. नैवेद्य (मिठाई, फल)।
  8. पंचामृत।
  9. चावल, हल्दी, सुपारी।

मंत्र विधि

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त

कात्यायनी शाबर मंत्र का जप नवरात्रि या किसी शुभ मुहूर्त में आरंभ करना चाहिए। साधक को ११ से २१ दिनों तक मंत्र का निरंतर जप करना चाहिए।

मंत्र जप सामग्री

लाल वस्त्र पहनकर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। माँ कात्यायनी का ध्यान करें और ११ माला यानी ११८८ मंत्र प्रतिदिन जप करें।

मंत्र जप संख्या

१ माला में १०८ मंत्र होते हैं। साधक को रोजाना ११ माला का जप करना चाहिए।

मंत्र जप के नियम

  • साधक की उम्र २० वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  • स्त्री-पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
  • साधक नीले या काले कपड़े न पहनें।
  • धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।

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मंत्र जप में सावधानी

  • शुद्धता का पालन करें।
  • किसी भी प्रकार का विकार मन में न लाएं।
  • धैर्य और श्रद्धा बनाए रखें।

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कात्यायनी शाबर मंत्र पृश्न-उत्तर

पृश्न १: कात्यायनी शाबर मंत्र का जप कौन कर सकता है?

उत्तर: इस मंत्र का जप कोई भी साधक, जिसकी उम्र २० वर्ष से अधिक हो, कर सकता है। स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का लाभ ले सकते हैं।

पृश्न २: क्या जप के दौरान विशेष वस्त्र पहनने की आवश्यकता होती है?

उत्तर: हां, साधक को लाल या सफेद वस्त्र पहनने चाहिए। नीले या काले रंग के कपड़े से बचना चाहिए।

पृश्न ३: क्या मंत्र जप के दौरान खाने-पीने में कुछ सावधानियां रखनी चाहिए?

उत्तर: हां, मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए। सात्विक आहार ग्रहण करना उचित है।

पृश्न ४: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन क्यों आवश्यक है?

उत्तर: ब्रह्मचर्य का पालन साधक की ऊर्जा को संचालित करने में सहायक होता है, जिससे मंत्र की शक्ति को सही दिशा मिलती है।

पृश्न ५: कात्यायनी शाबर मंत्र का क्या परिणाम होता है?

उत्तर: इस मंत्र का परिणाम साधक की इच्छित कार्यों में सफलता, समृद्धि और आत्मिक शांति के रूप में मिलता है।

पृश्न ६: मंत्र जप में कौन सी दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए?

उत्तर: साधक को पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए।

पृश्न ७: क्या कोई विशेष दिन इस मंत्र का जप आरंभ करने के लिए है?

उत्तर: इस मंत्र का जप नवरात्रि के दिनों में या किसी शुभ मुहूर्त में आरंभ करना अत्यंत लाभकारी होता है।

पृश्न ८: क्या महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान मंत्र जप करना चाहिए?

उत्तर: मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को मंत्र जप से बचना चाहिए।

पृश्न ९: क्या इस मंत्र का जप बिना दीक्षा के किया जा सकता है?

उत्तर: हां, साधक इस मंत्र का जप बिना दीक्षा के भी कर सकता है, परंतु गुरु दीक्षा लेना अधिक लाभकारी होता है।

पृश्न १०: क्या इस मंत्र का जप केवल संकट के समय ही किया जा सकता है?

उत्तर: नहीं, साधक किसी भी समय अपने इच्छित कार्यों की सिद्धि के लिए इस मंत्र का जप कर सकता है।

पृश्न ११: कात्यायनी शाबर मंत्र से कौन से कार्य सिद्ध होते हैं?

उत्तर: धन, संपत्ति, शत्रुओं पर विजय, स्वास्थ्य लाभ, विवाह और संतान सुख के कार्य इस मंत्र से सिद्ध होते हैं।

पृश्न १२: क्या इस मंत्र का जप स्थायी सफलता दिलाता है?

उत्तर: हां, इस मंत्र का जप साधक को स्थायी सफलता, समृद्धि और मानसिक शांति प्रदान करता है।

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