Buy now

spot_img
spot_img

Kaulesh Bhairavi Mantra – Pathway to Power & Inner Peace

कौलेश भैरवी मंत्र: आध्यात्मिक उन्नति और संकटों से मुक्ति का मार्ग

कौलेश भैरवी मंत्र देवी त्रिपुर भैरवी के स्वरूप को दर्शाने वाला एक पवित्र और शक्तिशाली मंत्र है। यह साधक को सिद्धि, शक्ति और संपूर्णता प्रदान करता है, जिससे जीवन में सभी प्रकार की बाधाओं का नाश होता है।

विनियोग मंत्र व अर्थ

विनियोग:

“ॐ अस्य श्री कौलेश भैरवी मंत्रस्य, शिव ऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, त्रिपुर भैरवी देवता, साक्षात्कार प्राप्त्यर्थे जपे विनियोगः॥”

अर्थ:

इस विनियोग मंत्र में भगवान शिव को ऋषि, अनुष्टुप को छंद, और त्रिपुर भैरवी को देवता मानते हुए, साधक द्वारा देवी त्रिपुर भैरवी के साक्षात्कार और आशीर्वाद प्राप्ति के उद्देश्य से इस मंत्र का जाप करने का संकल्प लिया जाता है।

दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व अर्थ

दिग्बंधन मंत्र:

“ॐ हरः ह्रीं कालिकायै नमः, पूर्व दिशायै नमः।
ॐ ह्रूं कालिकायै नमः, पश्चिम दिशायै नमः।
ॐ ह्रैं कालिकायै नमः, उत्तर दिशायै नमः।
ॐ ह्रौं कालिकायै नमः, दक्षिण दिशायै नमः।
ॐ ह्रः कालिकायै नमः, ईशान दिशायै नमः।
ॐ ह्रीं कालिकायै नमः, अग्नि दिशायै नमः।
ॐ ह्रूं कालिकायै नमः, नैऋत्य दिशायै नमः।
ॐ ह्रैं कालिकायै नमः, वायव्य दिशायै नमः।
ॐ ह्रौं कालिकायै नमः, ऊर्ध्व दिशायै नमः।
ॐ ह्रः कालिकायै नमः, अधो दिशायै नमः।”

अर्थ:

इस दिग्बंधन मंत्र में सभी दसों दिशाओं का आवाहन किया गया है ताकि साधक को चारों ओर से देवी कालिका का संरक्षण प्राप्त हो सके। यह मंत्र दिशाओं की सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित कर साधक को एक सुरक्षित और पवित्र वातावरण प्रदान करता है, जिससे साधना में किसी प्रकार का विघ्न नहीं आता।

कौलेश भैरवी मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ

कौलेश भैरवी मंत्र:

“॥ स्हैं सहक्लरीं सह्रौं ॥”

अर्थ:

यह दिव्य मंत्र देवी कौलेश भैरवी की कृपा और शक्ति का आह्वान करने वाला है। इसमें साधक ‘स्हैं’ बीज से देवी के अभय और शांति स्वरूप को, ‘सहक्लरीं’ से उनके सिद्धिदायिनी और उन्नति प्रदान करने वाले स्वरूप को, और ‘सह्रौं’ से उनकी संपूर्ण सुरक्षा और परिपूर्णता को प्राप्त करने की प्रार्थना करता है।

इस मंत्र के नियमित जाप से साधक के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, भय से मुक्ति, मानसिक शांति और भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। यह मंत्र आत्मबल को बढ़ाता है और साधक के समस्त कार्यों में सिद्धि प्रदान करता है, जिससे जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं और सफलता की प्राप्ति होती है।

जप के दौरान सेवन करने योग्य चीजें

जप काल में फल, दूध, हल्दी, और शुद्ध घी का अधिक सेवन करना शुभ होता है। ये चीजें साधना के प्रभाव को बढ़ाती हैं और शरीर को ऊर्जा प्रदान करती हैं।

कौलेश भैरवी मंत्र के लाभ

  1. कार्य सिद्धि
  2. नौकरी में उन्नति
  3. व्यापार में प्रगति
  4. पारिवारिक शांति
  5. सुखी विवाहित जीवन
  6. मानसिक शांति
  7. भौतिक समृद्धि
  8. भयमुक्त जीवन
  9. आत्मबल की वृद्धि
  10. विरोधियों पर विजय
  11. रोग मुक्ति
  12. दुर्भाग्य से रक्षा
  13. आत्मविश्वास में वृद्धि
  14. आध्यात्मिक उन्नति
  15. उच्च शिक्षा में सफलता
  16. सकारात्मकता का संचार
  17. शुभ संस्कारों की प्राप्ति
  18. देवी भक्ति में स्थिरता

पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि

सामग्री: दीपक, अगरबत्ती, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, फल, और पुष्प।

मंत्र जप विधि:

  • दिन: मंगलवार और शुक्रवार।
  • अवधि: 21 दिन।
  • मुहुर्त: ब्रह्ममुहुर्त।

Get Deeksha

मंत्र जप नियम

  1. जप के समय आयु 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष दोनों जप कर सकते हैं।
  3. नीले और काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार से दूर रहें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. जप के समय शुद्धता का ध्यान रखें।
  7. नियमों का पालन करके मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।
  8. हर दिन निश्चित समय पर जप करें।
  9. मंत्र के प्रत्येक अक्षर का सही उच्चारण करें।
  10. जप के दौरान मौन रहें।

know more about tulsi vivah pujan vidhi

मंत्र जप के दौरान सावधानियां

  1. मानसिक और शारीरिक पवित्रता बनाए रखें।
  2. गलत उच्चारण न करें।
  3. भावनाओं में बह कर मंत्र का उपयोग न करें।
  4. जप का स्थान पवित्र हो।
  5. पूर्ण विश्वास के साथ मंत्र का जाप करें।
  6. साधना के दौरान शांत वातावरण हो।
  7. अनुशासन का पालन करें।
  8. मन को एकाग्र रखें।
  9. नकारात्मक विचारों से बचें।
  10. मंत्र का उपयोग दूसरों के लिए न करें।

Spiritual store

कौलेश भैरवी मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

प्रश्न 1: कौलेश भैरवी मंत्र का जाप कैसे करें?
उत्तर: नियमित रूप से पवित्र स्थान पर मंत्र का जाप करें।

प्रश्न 2: मंत्र के लाभ क्या हैं?
उत्तर: यह मंत्र समस्त प्रकार की सफलता और शांति प्रदान करता है।

प्रश्न 3: मंत्र का सर्वोत्तम समय कब है?
उत्तर: ब्रह्ममुहुर्त में इस मंत्र का जाप अत्यंत लाभकारी है।

प्रश्न 4: मंत्र जाप के दौरान कौन-कौन सी सामग्री जरूरी है?
उत्तर: दीपक, फल, हल्दी, अक्षत, और पुष्प।

प्रश्न 5: मंत्र की सिद्धि कितने दिनों में होती है?
उत्तर: 21 दिन के नियमित जप से सिद्धि प्राप्त होती है।

प्रश्न 6: क्या यह मंत्र हर किसी के लिए उपयोगी है?
उत्तर: हां, स्त्री-पुरुष दोनों इसे कर सकते हैं।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र के कोई दुष्प्रभाव हैं?
उत्तर: नहीं, नियमों का पालन करते हुए इसे करने पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।

प्रश्न 8: क्या मंत्र जाप में विशेष वस्त्र पहनने की आवश्यकता है?
उत्तर: हां, सफेद या पीले वस्त्र पहनें।

प्रश्न 9: इस मंत्र को कौन से देवता को अर्पित करें?
उत्तर: देवी त्रिपुर भैरवी को।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र से किसी की रक्षा हो सकती है?
उत्तर: हां, यह मंत्र सुरक्षा कवच की भांति कार्य करता है।

प्रश्न 11: क्या इसे स्वयं सीख सकते हैं?
उत्तर: हां, शुद्ध मन और विधि से किया जा सकता है।

प्रश्न 12: मंत्र जाप के बाद क्या करें?
उत्तर: मंत्र की समाप्ति पर देवी को धन्यवाद दें और प्रसाद वितरित करें।

BOOK HOLIKA PUJAN ON 13 MARCH 2025 (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Choose Pujan Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency