त्रिपुर भैरवी के सकल सिद्धिदा मंत्र से पाएं सफलता और समृद्धि
सकल सिद्धिदा भैरवी मंत्र माता त्रिपुर भैरवी का स्वरूप माने जाते हैं। इस मंत्र का जाप साधक को सभी सिद्धियों और ऐश्वर्य की प्राप्ति में सहायक होता है। त्रिपुर भैरवी के इस मंत्र से साधक को आंतरिक और बाहरी दोनों प्रकार की शक्तियों की प्राप्ति होती है।
विनियोग मंत्र व अर्थ
विनियोग मंत्र
“ॐ अस्य श्री सकल सिद्धिदा भैरवी महा-मंत्रस्य, ब्रह्मा ऋषिः, त्रिष्टुप् छन्दः, भैरवी देवता, मम सकल-सिद्धि प्राप्तये जपे विनियोगः॥”
अर्थ:
यह विनियोग मंत्र इस महा-मंत्र के जप की दिशा निर्धारित करता है। इसमें ब्रह्मा ऋषि, छंद त्रिष्टुप्, और देवी भैरवी का आह्वान किया जाता है। यह मंत्र सभी प्रकार की सिद्धियों को प्राप्त करने हेतु जप के लिए विनियोजित है।
दिग्बंधन मंत्र व अर्थ
दिग्बंधन मंत्र:
“ॐ रक्ष रक्ष दिग्वन्धनाय नमः”
अर्थ: इस मंत्र द्वारा साधक दसों दिशाओं में सुरक्षा कवच बांधते हैं। यह मंत्र साधना के दौरान नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
सकल सिद्धिदा भैरवी मंत्र व उसका अर्थ
सकल सिद्धिदा भैरवी मंत्र
“॥ स्हैं सह्क्लीं सह्रौं सहलीं स्हैं सह्रौं ॥”
मंत्र का अर्थ:
इस मंत्र में देवी भैरवी की शक्तियों का आह्वान किया गया है। “स्हैं” शब्द में देवी की रक्षा और सुरक्षा शक्ति निहित है, जो साधक के चारों ओर एक अदृश्य कवच का निर्माण करती है। “सह्क्लीं” का अर्थ है देवी की करुणा और स्नेह, जो साधक को आंतरिक शांति और संतोष प्रदान करता है। “सह्रौं” शब्द देवी की अनंत शक्तियों का प्रतीक है, जो सभी सिद्धियों और सफलताओं का द्वार खोलता है।
यह मंत्र साधक को देवी भैरवी की कृपा से आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभों की प्राप्ति कराता है। इसके जाप से साधक के जीवन में समृद्धि, शांति, और सभी प्रकार की सिद्धियों का संचार होता है।
जप काल में सेवन
सकल सिद्धिदा भैरवी मंत्र के जाप काल में साधक को शुद्ध और सात्त्विक आहार का सेवन करना चाहिए। यह आहार मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाने में सहायक होता है। निम्नलिखित चीजों का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए:
- दूध – गाय का शुद्ध दूध आध्यात्मिक ऊर्जा और मानसिक शांति प्रदान करता है।
- फल – जैसे सेब, केला, और अनार, जो शरीर को शुद्ध और ऊर्जावान रखते हैं।
- सूखे मेवे – बादाम, काजू, और अखरोट जैसे मेवे मानसिक शक्ति और ध्यान को बढ़ाते हैं।
- ताजे हरे पत्तेदार सब्जियाँ – यह शारीरिक और मानसिक संतुलन में सहायक होती हैं।
- गंगाजल – इस दौरान गंगाजल का सेवन करने से शुद्धि और आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता है।
इन पदार्थों का सेवन साधक की ऊर्जा को शुद्ध और सकारात्मक बनाए रखता है, जिससे मंत्र जाप अधिक प्रभावशाली होता है।
सकल सिद्धिदा भैरवी मंत्र के लाभ
- कार्य सिद्धि
- साधना सिद्धि
- पारिवारिक शांति
- आर्थिक समृद्धि
- शारीरिक बल
- मानसिक शांति
- स्वास्थ्य में सुधार
- संतान प्राप्ति
- आत्मबल वृद्धि
- सुरक्षा कवच
- भूत-प्रेत बाधा मुक्ति
- नकारात्मकता दूर
- आध्यात्मिक जागृति
- यश की प्राप्ति
- विशेष आकर्षण शक्ति
- रोगमुक्ति
- दुष्ट शक्तियों से रक्षा
- आत्मिक संतुलन
पूजा सामग्री और विधि
इस मंत्र जप में निम्नलिखित सामग्री आवश्यक है: धूप, दीप, फूल, नैवेद्य, साफ वस्त्र।
मंत्र जप का दिन और मुहूर्त: शुभ तिथि और ब्रह्म मुहूर्त में करें।
जप विधि: प्रतिदिन 20 मिनट तक, 21 दिन निरंतर।
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सकल सिद्धिदा भैरवी मंत्र के नियम
- साधक की उम्र 20 वर्ष से अधिक हो।
- पुरुष और स्त्री दोनों कर सकते हैं।
- सफेद या पीले वस्त्र पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
- शुद्ध जल का सेवन करें।
- एक ही स्थान पर बैठकर जप करें।
- जप के दौरान शांत रहें।
- सकारात्मक भाव बनाए रखें।
- रात को शांत और एकांत वातावरण में जप करें।
सावधानियां
- नकारात्मक विचार न लाएं।
- अशुद्ध स्थान पर जप न करें।
- क्रोध से दूर रहें।
- अपवित्र कपड़ों में जप न करें।
- असावधानीपूर्वक जप न करें।
- अनुचित समय पर जप न करें।
- अपवित्रता से बचें।
- व्यर्थ की चर्चाओं में न उलझें।
- ध्यान एकाग्र रखें।
- सिद्धियों का दुरुपयोग न करें।
सकल सिद्धिदा भैरवी मंत्र – प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: सकल सिद्धिदा भैरवी मंत्र क्या है?
उत्तर: यह त्रिपुर भैरवी का दिव्य मंत्र है, जो सभी सिद्धियों और सफलता को पाने में सहायक होता है।
प्रश्न 2: मंत्र का जाप किसे करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जाप इच्छुक साधक कर सकते हैं, जो शांति, समृद्धि और सिद्धियां प्राप्त करना चाहते हैं।
प्रश्न 3: मंत्र जाप का समय कब है?
उत्तर: मंत्र जाप का सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त या शांत वातावरण में सुबह-सुबह होता है।
प्रश्न 4: क्या मंत्र जाप में विशेष वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: हां, साधक को सफेद या पीले वस्त्र पहनने चाहिए। काले और नीले वस्त्र न पहनें।
प्रश्न 5: क्या स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं?
उत्तर: हां, स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
प्रश्न 6: मंत्र जाप की न्यूनतम अवधि कितनी है?
उत्तर: इस मंत्र का जाप कम से कम 21 दिनों तक, रोजाना 20 मिनट किया जाना चाहिए।
प्रश्न 7: मंत्र जाप के दौरान क्या परहेज करना चाहिए?
उत्तर: साधक को धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का त्याग करना चाहिए। ब्रह्मचर्य का पालन भी आवश्यक है।
प्रश्न 8: मंत्र के जाप के लिए क्या सामग्री आवश्यक है?
उत्तर: मंत्र जाप के लिए दीप, धूप, पुष्प, नैवेद्य और गंगाजल जैसी शुद्ध पूजा सामग्री आवश्यक होती है।
प्रश्न 9: क्या इस मंत्र से सभी कार्य सिद्ध हो सकते हैं?
उत्तर: हां, यह मंत्र साधक को कार्य सिद्धि, पारिवारिक शांति, और आर्थिक समृद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है।
प्रश्न 10: मंत्र जाप के क्या लाभ हैं?
उत्तर: इसके लाभों में कार्य सिद्धि, मानसिक शांति, स्वास्थ्य लाभ, और आंतरिक शक्ति प्राप्ति शामिल हैं।
प्रश्न 11: मंत्र जाप के दौरान क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
उत्तर: जप करते समय शांत और एकाग्र रहें, नकारात्मक विचारों से बचें और अनुचित स्थान पर न करें।
प्रश्न 12: क्या मंत्र जाप से आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है?
उत्तर: हां, यह मंत्र साधक की आध्यात्मिक ऊर्जा को जाग्रत करता है और आंतरिक संतुलन प्रदान करता है।।