खाटू श्याम को श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है, जिन्हें भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र के रूप में पहचाना जाता है। उन्हें श्याम बाबा के नाम से भी जाना जाता है। उनकी भक्ति से भक्तों को जीवन की कठिनाइयों और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
संपूर्ण खाटू श्याम चालीसा
॥दोहा॥
निश्चय प्रेम प्रतीत तिहिं, सुमिरन करहु श्याम।
सुर-असर निश्चय ही मिले, मिटा सके सब काम॥
॥चौपाई॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
खाटू नगर धाम तुम्हारा। झुकते हैं सब धाम॥
बाबा जय जय श्री श्याम॥
जिनके सिर पर हाथ तुम्हारा। बाबा खुश हो जाते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
तुम हो कलयुग के अवतारी। भक्तों के रखवाले॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
जो भी भक्त तेरा नाम जपे। सच्चे मन से सुमिरन करले॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
कौनसा संकट हो तेरे दर। शीश झुकाएं भक्त प्रेम से॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
तुम हो सबके संकट हरते। सबकी मनोकामना पूरी करते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
खाटू के धाम में दर्शन को। भक्तों का तांता लगा रहे॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
श्याम तुम्हारा रूप निराला। भक्तों पर कृपा की माला॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
तुम हो सबके पालनहारे। संकट हरने वाले॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
जो भी तेरा नाम जपते। भक्तों के कष्ट हर लेते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
कृपा की दृष्टि कर दो। श्याम प्रेम से भक्त हैं गाते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
तुम हो सच्चे देव हमारे। सच्चे मन से सुमिरन करते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
श्याम तुम्हारा ध्यान लगाएं। भक्तों के दुख हर लेते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
तुम्हें सुमिरन करते हैं। श्याम कृपा बरसाते रहते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
श्याम की महिमा अपरंपार। भक्तों की रक्षा करते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
तुम्हें शरण में जो भी आए। भक्तों के कष्ट हर लेते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
श्याम नाम की महिमा गाएं। भक्तों के दुख हर लेते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
खाटू के श्याम कृपा करो। भक्तों के दुख हर लेते॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
जय जय श्री श्याम हमारे। बाबा जय जय श्री श्याम॥
॥दोहा॥
शरणागत को शरण में लेकर, करते सबका उद्धार।
बाबा श्याम की महिमा गाएं, सदा करो जयकार॥
खाटू श्याम चालीसा के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: आत्मिक शांति और उन्नति प्राप्त होती है।
- संकटों से मुक्ति: जीवन के संकटों और समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
- भयमुक्त जीवन: किसी भी प्रकार के भय का नाश होता है।
- आर्थिक समृद्धि: आर्थिक स्थिरता और समृद्धि मिलती है।
- शारीरिक स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आता है।
- दुष्टों का नाश: बुरी शक्तियों और दुश्मनों का नाश होता है।
- परिवारिक सुख-शांति: परिवार में सुख-शांति और सौहार्द बना रहता है।
- कार्यक्षेत्र में सफलता: व्यवसाय और नौकरी में सफलता मिलती है।
- विद्या और ज्ञान की प्राप्ति: शिक्षा और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- समाज में प्रतिष्ठा: समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
- आत्मविश्वास में वृद्धि: आत्मविश्वास बढ़ता है।
- नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा: नकारात्मक शक्तियों से रक्षा होती है।
- प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: प्राकृतिक आपदाओं से रक्षा होती है।
- रोगों का नाश: विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति: सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- भक्ति की वृद्धि: भक्त की धार्मिकता और भक्ति बढ़ती है।
- सर्वांगीण विकास: जीवन के हर क्षेत्र में सर्वांगीण विकास होता है।
- परिवारिक विवादों का नाश: परिवार में होने वाले विवाद समाप्त होते हैं।
- मानसिक तनाव से मुक्ति: मानसिक तनाव से छुटकारा मिलता है।
- कर्मों का फल: अच्छे कर्मों का फल प्राप्त होता है।
खाटू श्याम चालीसा की विधि
- दिन: सोमवार और गुरुवार को विशेष रूप से पठन करना शुभ माना जाता है।
- अवधि: खाटू श्याम चालीसा का नियमित पठन एक महीने तक करना चाहिए। कुछ लोग इसे 21 दिनों तक भी करते हैं।
- मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) और शाम को सूर्यास्त के समय पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है।
- स्नान और शुद्धि: पाठ से पहले स्नान करें और स्वच्छ कपड़े पहनें।
- धूप और दीपक: भगवान खाटू श्याम की प्रतिमा के सामने धूप और दीपक जलाएं।
- प्रसाद: पाठ के बाद भगवान खाटू श्याम को नैवेद्य (प्रसाद) अर्पित करें।
खाटू श्याम चालीसा के नियम
- स्वच्छता: पाठ करने से पहले शरीर और स्थान की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- शुद्ध मन: पाठ करते समय मन को शांत और पवित्र रखें।
- संकल्प: खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से पहले एक संकल्प लें।
- ध्यान: भगवान खाटू श्याम के ध्यान में पूरी तरह लीन होकर पाठ करें।
- व्रत: सोमवार और गुरुवार को व्रत रखें तो और भी शुभ फल मिलता है।
- नियमितता: एक बार पाठ शुरू करने के बाद इसे नियमित रूप से समाप्त करें।
- सात्विक आहार: सात्विक आहार ग्रहण करें और तामसिक आहार से बचें।
- भक्तिपूर्ण हृदय: भगवान खाटू श्याम के प्रति पूर्ण भक्ति और श्रद्धा रखें।
- समय: निर्धारित समय पर ही पाठ करें।
- विनम्रता: भगवान खाटू श्याम से विनम्रता और प्रेमपूर्वक प्रार्थना करें।
खाटू श्याम चालीसा पढ़ते समय सावधानियाँ
- अव्यवधानता: पाठ के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो।
- अपवित्रता: पाठ करने वाले का मन और शरीर अपवित्र न हो।
- ध्यान की कमी: ध्यान की कमी न हो, पूरे मनोयोग से पाठ करें।
- गलत उच्चारण: श्लोकों का गलत उच्चारण न करें।
- आलस्य: आलस्य और उदासीनता से बचें।
- द्वेष भावना: मन में किसी के प्रति द्वेष भावना न रखें।
- शोर-शराबा: पाठ करते समय शोर-शराबा न हो।
- तामसिक वस्त्र: तामसिक वस्त्र न पहनें।
- अन्य कार्य: पाठ के समय अन्य कार्य न करें।
- समय की पाबंदी: निर्धारित समय पर ही पाठ करें।
खाटू श्याम चालीसा
- खाटू श्याम चालीसा क्या है? खाटू श्याम चालीसा भगवान खाटू श्याम को समर्पित एक भक्ति काव्य है जो संकटों और विपत्तियों से मुक्ति दिलाता है।
- खाटू श्याम चालीसा का पठन कब करना चाहिए? सोमवार और गुरुवार को विशेष रूप से पठन करना शुभ माना जाता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पठन दिन में कभी भी किया जा सकता है? हां, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) और शाम को सूर्यास्त के समय पाठ करना सबसे उत्तम माना जाता है।
- खाटू श्याम चालीसा का पठन करने से क्या लाभ होते हैं? संकटों से मुक्ति, आर्थिक समृद्धि, शारीरिक स्वास्थ्य, और मानसिक शांति जैसे अनेक लाभ होते हैं।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ व्रत के साथ करना चाहिए? व्रत रखने से और भी शुभ फल मिलता है, लेकिन यह आवश्यक नहीं है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ समूह में किया जा सकता है? हां, इसे समूह में भी किया जा सकता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ किसी भी समय कर सकते हैं? हां, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त और संध्या काल में पाठ करना सर्वोत्तम माना जाता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से भूत-प्रेतों से सुरक्षा होती है? हां, यह भूत-प्रेत और नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करते समय विशेष दिशा में बैठना चाहिए? उत्तर या पूर्व दिशा में बैठना शुभ माना जाता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ शुद्ध मन से करना चाहिए? हां, शुद्ध मन और पूर्ण भक्तिभाव से पाठ करना चाहिए।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से शिक्षा में सफलता मिलती है? हां, इससे विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है? हां, यह मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से रोग दूर होते हैं? हां, यह विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति दिलाता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है? हां, इससे परिवार में सुख-शांति और सौहार्द बना रहता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है? हां, यह आर्थिक स्थिरता और समृद्धि लाता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से दुष्ट शक्तियों का नाश होता है? हां, यह दुष्ट शक्तियों और दुश्मनों का नाश करता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं? हां, इससे सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है? हां, इससे समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है? हां, इससे आत्मविश्वास बढ़ता है।
- क्या खाटू श्याम चालीसा का पाठ करने से सर्वांगीण विकास होता है? हां, इससे जीवन के हर क्षेत्र में सर्वांगीण विकास होता है।
इस प्रकार, खाटू श्याम चालीसा का पठन भक्तों के लिए अत्यंत लाभकारी और मंगलकारी होता है। इसके नियमित पठन से भगवान खाटू श्याम की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सभी समस्याओं का समाधान मिलता है।