किलकारी भैरव मंत्र के जप से जीवन में शांति, सुरक्षा और सफलता
किलकारी भैरव मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और तंत्र से संबंधित मंत्र है, जो भक्त को जीवन की विभिन्न समस्याओं से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है। किलकारी भैरव भगवान शिव के भयंकर रूपों में से एक हैं, जो अपने भक्तों की रक्षा और उनकी इच्छाओं की पूर्ति करते हैं। यह मंत्र विशेष रूप से कार्य सिद्धि, शत्रु नाश और संकट से मुक्ति के लिए जपा जाता है। उचित विधि और नियमों के साथ इस मंत्र का जप करने से व्यक्ति को अनंत शक्तियां प्राप्त होती हैं और जीवन में विजयश्री मिलती है।
किलकारी भैरव मंत्र और उसका अर्थ
मंत्र:ॐ भ्रं किलकारी भैरवाय सर्व कार्य सिद्धये नमः
अर्थ:
“ॐ (सर्वशक्तिमान) भ्रं (भैरव का बीज मंत्र) किलकारी (भैरव का रूप) सर्व कार्य सिद्धि (सभी कार्यों की पूर्ति के लिए) भैरव को नमस्कार है।”
यह मंत्र भैरव की कृपा को प्राप्त करने के लिए जपा जाता है, जो व्यक्ति के सभी कार्यों को सफल बनाता है और बाधाओं को दूर करता है।
किलकारी भैरव मंत्र के १७ लाभ
- जीवन के सभी कार्यों में सफलता।
- शत्रुओं का नाश।
- नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से मुक्ति।
- संकट के समय सुरक्षा।
- कार्यों में स्थिरता और प्रगति।
- मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार।
- आर्थिक समस्याओं का समाधान।
- घर में शांति और समृद्धि।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- डर और भय से मुक्ति।
- आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि।
- व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में संतुलन।
- परिवार में सुख और शांति।
- महत्वपूर्ण निर्णयों में सफलता।
- आध्यात्मिक जागरूकता।
- दुर्घटनाओं और अचानक आई मुसीबतों से सुरक्षा।
- जीवन में आंतरिक और बाहरी शांति का अनुभव।
मंत्र विधि
दिन:
किलकारी भैरव मंत्र का जप मंगलवार, रविवार या अष्टमी के दिन करना शुभ माना जाता है।
अवधि:
मंत्र का जप ११ से २१ दिनों तक लगातार किया जा सकता है।
मुहूर्त:
रात्रि का समय (मध्यरात्रि १२:०० बजे से ३:०० बजे तक) या ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४:३० से ६:०० बजे तक) मंत्र जप के लिए सर्वोत्तम होता है।
मंत्र जप
मंत्र का जप कम से कम ११ माला (एक माला में १०८ मंत्र होते हैं) रोजाना करना चाहिए, यानी कुल ११८८ मंत्र रोज। मंत्र जप की संख्या साधक की क्षमता के अनुसार बढ़ाई जा सकती है।
सामग्री
- लाल वस्त्र
- सिंदूर
- सरसों का तेल या घी का दीपक
- अगरबत्ती
- लाल आसन
- किलकारी भैरव की प्रतिमा या चित्र
- काले तिल या चावल
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मंत्र जप के नियम
- जप के समय साधक की उम्र २० वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- स्त्री-पुरुष दोनों ही इस मंत्र का जप कर सकते हैं।
- नीले और काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
- धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन न करें।
- जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें।
जप के समय सावधानियां
- मन को शांत और एकाग्र रखें।
- शुद्धता का विशेष ध्यान रखें और गंदगी से दूर रहें।
- आसन स्थिर और आरामदायक होना चाहिए।
- नकारात्मक विचारों और भावनाओं से खुद को दूर रखें।
किलकारी भैरव मंत्र से जुड़े प्रश्न और उत्तर
प्रश्न १: किलकारी भैरव कौन हैं?
उत्तर: किलकारी भैरव भगवान शिव का एक उग्र और भयंकर रूप हैं, जो शत्रु नाशक और संकटों का समाधान करने वाले देवता माने जाते हैं। वे तंत्र साधना के प्रमुख देवता हैं और भक्तों की रक्षा करते हैं।
प्रश्न २: किलकारी भैरव मंत्र का जप कौन कर सकता है?
उत्तर: इस मंत्र का जप २० वर्ष से अधिक आयु के स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकता है, बशर्ते वे नियमों का पालन करें।
प्रश्न ३: मंत्र जप का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
उत्तर: रात्रि का मध्य समय (१२:०० से ३:०० बजे तक) या ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४:३० से ६:०० बजे तक) मंत्र जप के लिए सबसे उत्तम समय है।
प्रश्न ४: क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष दिन किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, मंगलवार, रविवार, या अष्टमी का दिन किलकारी भैरव मंत्र के जप के लिए शुभ माना जाता है।
प्रश्न ५: मंत्र जप के दौरान क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
उत्तर: जप के दौरान शुद्धता, ब्रह्मचर्य और मानसिक एकाग्रता बनाए रखें। साथ ही, नीले और काले रंग के कपड़े पहनने से बचें।
प्रश्न ६: मंत्र जप कितने दिनों तक किया जा सकता है?
उत्तर: इस मंत्र का जप ११ से २१ दिनों तक लगातार किया जा सकता है।
प्रश्न ७: मंत्र जप से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: इस मंत्र से शत्रु नाश, संकट मुक्ति, कार्यों में सफलता, आर्थिक स्थिरता, और आध्यात्मिक उन्नति जैसे कई लाभ प्राप्त होते हैं।
प्रश्न ८: क्या मंत्र जप के लिए कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है?
उत्तर: हाँ, मंत्र जप के लिए लाल वस्त्र, सिंदूर, सरसों का तेल या घी का दीपक, काले तिल या चावल जैसी सामग्री की आवश्यकता होती है।
प्रश्न ९: क्या किलकारी भैरव मंत्र का जप स्त्रियाँ भी कर सकती हैं?
उत्तर: हाँ, स्त्रियाँ और पुरुष दोनों इस मंत्र का जप कर सकते हैं, बशर्ते वे नियमों का पालन करें।
प्रश्न १०: मंत्र जप के समय किन चीजों से परहेज करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
प्रश्न ११: क्या मंत्र का प्रभाव तुरंत दिखने लगता है?
उत्तर: मंत्र का प्रभाव जप की शुद्धता और साधक की निष्ठा पर निर्भर करता है। साधारणतः ११ से २१ दिनों के अंदर सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं।
प्रश्न १२: मंत्र जप के दौरान किन रंगों के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के दौरान नीले और काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए, क्योंकि ये रंग नकारात्मक ऊर्जाओं को आकर्षित कर सकते हैं।