शुक्रवार, अक्टूबर 18, 2024

Buy now

spot_img

Kubera Dust Mantra – Disputes related to home land

घर जमीन की समस्या हल करने वाला कुबेर धूल मंत्र धन, संपत्ति, और समृद्धि के देवता कुबेर को समर्पित एक प्रभावशाली मंत्र है। इस मंत्र का जप जीवन में आर्थिक समृद्धि, जमीन विवाद, कर्ज से मुक्ति, और पारिवारिक शांति के लिए किया जाता है। इस मंत्र का नियमित रूप से जप करने से साधक को विभिन्न प्रकार की भौतिक और आध्यात्मिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

कुबेर धूल मंत्र का अर्थ

मंत्र: ॥ॐ धं यक्षपति कुबेराय सर्व कार्य सिद्धिं देही देही हुं फट्ट॥

इस मंत्र का अर्थ निम्नलिखित है:

  1. : यह ब्रह्मांड की परम शक्ति का प्रतीक है और साधक को ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जोड़ता है।
  2. धं: यह बीज मंत्र है जो कुबेर देव की शक्ति और ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।
  3. यक्षपति: यह कुबेर देव के लिए उपयोग किया जाने वाला विशेषण है, जो यक्षों के स्वामी और धन के संरक्षक हैं।
  4. कुबेराय: यह कुबेर देव को संबोधित करता है, जो धन और संपत्ति के देवता हैं।
  5. सर्व कार्य सिद्धिं: इसका अर्थ है “सभी कार्यों की सिद्धि,” यानि की सभी प्रकार की समस्याओं और कठिनाइयों का समाधान।
  6. देही देही: यह शब्द एक आग्रह के रूप में प्रयोग होता है, जिसका अर्थ है “दो, दो,” जिससे साधक अपने उद्देश्यों की प्राप्ति की प्रार्थना करता है।
  7. हुं: यह शक्ति, सुरक्षा और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा का प्रतीक है।
  8. फट्ट: यह शब्द सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करने और नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए उच्चारित किया जाता है।

कुबेर धूल मंत्र के लाभ

कुबेर धूल मंत्र का जप साधक को विभिन्न प्रकार के लाभ प्रदान करता है। ये लाभ निम्नलिखित हैं:

  1. जमीन से जुड़े विवाद: इस मंत्र का जप करने से जमीन से जुड़े विवादों का समाधान होता है।
  2. घर और ऑफिस से जुड़े विवाद: परिवार या कार्यस्थल पर उत्पन्न होने वाले विवादों से मुक्ति मिलती है।
  3. घर निर्माण में अड़चन: यदि घर के निर्माण में किसी प्रकार की अड़चन आ रही है, तो इस मंत्र के जप से वह दूर होती है।
  4. जमीन खरीदना-बेचना: इस मंत्र का जप करने से जमीन खरीदने या बेचने में आने वाली समस्याओं का समाधान होता है।
  5. धन आने के स्रोत: कुबेर धूल मंत्र का जप साधक के जीवन में नए धन के स्रोत खोलता है।
  6. पारिवारिक शांति: परिवार में शांति, सद्भावना और प्रेम बनाए रखने के लिए यह मंत्र अत्यंत प्रभावी है।
  7. घर की सुरक्षा: इस मंत्र का जप घर को नकारात्मक ऊर्जाओं और तंत्र बाधाओं से बचाने में सहायक होता है।
  8. कर्ज से मुक्ति: यदि साधक कर्ज में डूबा हुआ है, तो इस मंत्र का जप उसे कर्ज से मुक्ति दिलाने में सहायता करता है।
  9. सही निर्णय: जीवन में सही निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है।
  10. मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान प्राप्त करने के लिए यह मंत्र लाभकारी है।
  11. व्यवसाय में उन्नति: व्यवसाय में उन्नति और सफलता प्राप्त होती है।
  12. घर की समृद्धि: घर में सुख-समृद्धि और धन की वृद्धि होती है।
  13. सकारात्मक ऊर्जा: इस मंत्र का जप घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  14. विरोधियों से सुरक्षा: कुबेर धूल मंत्र का जप साधक को विरोधियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
  15. आर्थिक स्थिरता: साधक के जीवन में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि आती है।

कुबेर धूल मंत्र विधि

इस विधि मे घर या जमीन की २ ग्राम मिट्टी लेकर अपने सामने एक स्टील की कटोरी मे रखे। सामने भगवान कुबेर की फोटो रखे। घी का दीपक जलाये। लक्ष्मी मुद्रा लगाकर अपने आज्ञा चक्र पर ध्यान करके १० बार प्राणायाम करे, फिर यही मुद्रा लगाकर ३० मिनट तक कुबेर धूल मंत्र का जप करे। इस तरह से यह क्रिया ११ से २१ दिन तक करे। साधना समाप्त होने के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन या फल दान करे। साधना के बाद वही मिट्टी घर के बाहर या अपनी जमीन पर डाल दे। इस तरह से पूरे विश्वास के साथ ये प्रयोग करे तो सफलता निश्चित मिलेगी।

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त

  1. मंत्र जप का दिन: कुबेर धूल मंत्र का जप शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है। ये दिन देवी लक्ष्मी और कुबेर देव के विशेष दिन माने जाते हैं।
  2. अवधि: इस मंत्र का जप साधक ११ से २१ दिन तक कर सकता है। इसे नियमित रूप से करना आवश्यक है।
  3. मुहूर्त: मंत्र जप का सबसे शुभ समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ३ से ५ बजे के बीच) माना जाता है। इसके अलावा, सूर्यास्त के समय भी जप करना फलदायी होता है।

मंत्र जप की सामग्री

कुबेर धूल मंत्र के जप के लिए आवश्यक सामग्री:

  1. रुद्राक्ष या स्फटिक की माला: मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का प्रयोग करना चाहिए।
  2. घी का दीपक: पूजा के दौरान घी का दीपक जलाना चाहिए।
  3. लाल या पीला आसन: साधना के लिए लाल या पीले रंग का आसन उपयोगी माना जाता है।
  4. कुबेर देव की मूर्ति या तस्वीर: पूजा स्थल पर कुबेर देव की मूर्ति या तस्वीर रखनी चाहिए।

कुबेर धूल मंत्र जप संख्या

कुबेर धूल मंत्र का जप ११ माला यानी ११८८ मंत्र रोज २१ दिन तक करना चाहिए। इसे निर्धारित समय और संख्या में ही करना चाहिए ताकि साधक को अधिकतम लाभ मिल सके।

कुबेर धूल मंत्र जप के नियम

कुबेर धूल मंत्र के जप के कुछ निश्चित नियम होते हैं, जिन्हें पालन करने से साधक को अधिकतम लाभ प्राप्त होता है:

  1. उम्र: साधक की उम्र २० वर्ष के ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री-पुरुष: स्त्री या पुरुष, कोई भी इस मंत्र का जप कर सकता है।
  3. कपड़े: साधक को ब्लू या ब्लैक कपड़े नहीं पहनने चाहिए। लाल, पीला या सफेद कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
  4. धूम्रपान और मद्यपान: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
  5. ब्रह्मचर्य: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  6. साधना को गुप्त रखना: साधना को गुप्त रखना चाहिए। इसे किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा नहीं करना चाहिए।
  7. साधना का स्थान: साधना का स्थान निर्धारित होना चाहिए और इसे बार-बार नहीं बदलना चाहिए।

मंत्र जप की सावधानियाँ

कुबेर धूल मंत्र के जप के दौरान कुछ सावधानियाँ बरतनी चाहिए:

  1. श्रद्धा और विश्वास: मंत्र जप करते समय पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखना चाहिए। बिना विश्वास के किया गया जप फलदायी नहीं होता।
  2. शुद्धता: साधक को मानसिक और शारीरिक रूप से शुद्ध रहना चाहिए।
  3. भोजन: मंत्र जप के दौरान सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए।
  4. साधना का समय: साधना का समय नियमित और निर्धारित होना चाहिए। इसे अनियमित नहीं करना चाहिए।
  5. अशुद्ध वस्त्र: साधना के दौरान अशुद्ध वस्त्र पहनने से बचना चाहिए।

कुबेर धूल मंत्र से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर

प्रश्न 1: कुबेर धूल मंत्र क्या है?
उत्तर: कुबेर धूल मंत्र धन, संपत्ति, और समृद्धि के देवता कुबेर को समर्पित एक प्रभावशाली मंत्र है, जो विशेष रूप से आर्थिक समस्याओं और पारिवारिक शांति के लिए जपा जाता है।

प्रश्न 2: कुबेर धूल मंत्र का अर्थ क्या है?
उत्तर: इस मंत्र का हर शब्द कुबेर देव की शक्ति और ऊर्जा को जागृत करता है, जिससे साधक को सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है।

प्रश्न 3: कुबेर धूल मंत्र का जप किस दिन करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप शुक्रवार और पूर्णिमा के दिन करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

प्रश्न 4: कुबेर धूल मंत्र का जप कितने दिन तक करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप ११ से २१ दिन तक नियमित रूप से करना चाहिए।

प्रश्न 5: कुबेर धूल मंत्र का जप कौन कर सकता है?
उत्तर: कोई भी व्यक्ति जो २० वर्ष से ऊपर हो, इस मंत्र का जप कर सकता है। स्त्री-पुरुष कोई भी कर सकता है।

प्रश्न 6: कुबेर धूल मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप ११ माला यानी ११८८ बार रोज करना चाहिए।

प्रश्न 7: कुबेर धूल मंत्र का जप करने से क्या लाभ होते हैं?
उत्तर: इस मंत्र का जप करने से शारीरिक और मानसिक समस्याओं का समाधान होता है, और जीवन में धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

प्रश्न 8: कुबेर धूल मंत्र का जप करते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप करते समय श्रद्धा, शुद्धता, नियमितता, और सात्विक आहार का पालन करना चाहिए।

प्रश्न 9: कुबेर धूल मंत्र का जप करने के लिए कौन सी माला का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र के जप के लिए रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग करना चाहिए।

प्रश्न 10: कुबेर धूल मंत्र का जप करने से क्या शत्रु से सुरक्षा मिलती है?
उत्तर: हां, इस मंत्र का जप शत्रु से सुरक्षा प्रदान करता है और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाता है।

प्रश्न 11: कुबेर धूल मंत्र का जप करने के लिए किस प्रकार के वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: साधक को लाल, पीला या सफेद वस्त्र पहनने चाहिए। ब्लू और ब्लैक वस्त्रों से बचना चाहिए।

प्रश्न 12: कुबेर धूल मंत्र का जप किस समय करना चाहिए?
उत्तर: इस मंत्र का जप ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ३ से ५ बजे के बीच) या सूर्यास्त के समय करना शुभ होता है।

प्रश्न 13: कुबेर धूल मंत्र का जप करते समय कौन से नियमों का पालन करना चाहिए?
उत्तर: साधक को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए, धूम्रपान और मद्यपान से दूर रहना चाहिए, और साधना को गुप्त रखना चाहिए।

प्रश्न 14: कुबेर धूल मंत्र का जप करने से क्या परिवार में शांति मिलती है?
उत्तर: हां, इस मंत्र का जप करने से परिवार में शांति और सद्भावना बनी रहती है।

प्रश्न 15: कुबेर धूल मंत्र का जप करते समय क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
उत्तर: साधक को मानसिक और शारीरिक शुद्धता, नियमितता, और श्रद्धा का पालन करना चाहिए। साधना का समय और स्थान निर्धारित होना चाहिए।

कुबेर धूल मंत्र का जप साधक को शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक रूप से लाभ प्रदान करता है। इसकी विधि और नियमों का पालन करते हुए जप करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि साधक को अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।

पिछला लेख
अगला लेख

Related Articles

Stay Connected

65,000फैंसलाइक करें
1,542फॉलोवरफॉलो करें
775,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें
- Advertisement -spot_img

Latest Articles